: यह पत्र सीओ ने तब के एसएसपी अनंत देव तिवारी को लिखा था : विकास दुबे का गहरा रिश्ता राजनीतिक लोगों के साथ पुलिस के आला अफसरों से भी गहरा और घनिष्ठ था :
दोलत्ती संवाददाता
कानपुर : अब तो गजब होता जा रहा है। दुर्दान्त अपराधी विकास दुबे के साथ पुलिस की गलबहियों को लेकर शुरू हुए विवाद की आग पर पुलिसवालों ने ही राख डालना शुरू कर दिया है। खबर है कि इस मामले में एसओ समेत संदिग्ध पुलिस कर्मचारियों की संलिप्तता पर जो चिट्ठी क्षेत्र के सीओ देवेंद्र मिश्र ने लिखी थी, वह पत्र और उससे जुडी फाइल ही गायब हो गयी है। कानपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि पत्र के गायब होने के मामले की जांच की जाएगी।
आपको बता दें कि कानपुर में चौबेपुर थाना क्षेत्र के दुर्दान्त अपराधी विकास दुबे ने विगत दिनों जिन आठ पुलिसवालों को मार डाला था, उनमें से पुलिस क्षेत्राधिकारी थे देवेंद्र मिश्र। मिश्र ने विकास दुबे पर कड़ी लगाम लगाने का अभियान छेड़ दिया था। पड़ताल में पता चला था कि विकास दुबे को शरण और संरक्षण देने के मामले में चौबेपुर थाना का प्रभारी विनय तिवारी की भूमिका काफी संदिग्ध थी। लेकिन पूरा का पूरा थाना इस मामले में पूरी संदिग्ध हालत में दिख रहा है। देवेंद्र मिश्र ने कानपुर के तब के एसएसपी अनंत देव तिवारी को एक पत्र लिखा था। इस पत्र में पुलिस कर्मियों की भूमिका और उनकी आपराधिक हरकतों पर संज्ञान नहीं लिये जाने से होने वाली दिक्कतों पर चर्चा की गयी थी।
लेकिन जब बिकारु हत्याकांड के मामले की परतें खुलने लगीं, तो चौबेपुर एसओ के खिलाफ किये गए उस पत्राचार की फाइल ही गायब है। फाइल न सीओ दफ्तर में है और न ही एसपी ग्रामीण और एसएसपी कार्यालय में। इसकी जानकारी होने के बाद कई और गंभीर सवाल उठने लगे हैं कि आखिर पत्राचार की फाइल गायब कैसे हुई? किसने की? और क्यों की? बहरहाल, अब इस मामले में एसएसपी ने जांच के आदेश दिये हैं। लेकिन यह जांच अब कौन करेगा, यह मामला गफलत में है।
हैरत की बात है कि कानपुर के एसएसपी दिनेश कुमार का कहना है कि यह पत्र उनके अथवा उनके किसी भी अधीनस्थ कार्यालय में मौजूद ही नहीं है। एसएसपी बताते हैं कि मारे गये सीओ का पत्र सीओ कार्यालय ही नहीं, एसपी ग्रामीण और एसएसपी कार्यालय में नहीं मिला है। दिनेश कुमार का कहना है कि अभी यह भी तय होना है कि यह पत्र सही है या गलत। इसकी गहनता से छानबीन की जा रही है। जो तथ्य सामने आएंगे, उस आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
शहीद बिल्हौर सीओ देवेंद्र मिश्र ने मार्च में चौबेपुर एसओ विनय तिवारी के खिलाफ तत्कालीन एसएसपी अनंत देव को पत्र लिखा था। जिसमें बताया गया था कि रंगदारी के केस से एसओ ने विवेचक से दहशतगर्द विकास दुबे का नाम बाहर करवा दिया है। अनंत देव तिवारी वर्तमान में एफटीएफ में डीआईजी के पद पर तैनात हैं।
सूत्र बताते हैं कि विकास दुबे के मामले में एसएसपी आनंद देव तिवारी को लिखा गया सीओ के पत्र की फोटो दिवंगत सीओ के मोबाइल में था। उनकी बेटी ने सोमवार को ये पत्र मीडियाकर्मियों को जारी किया था। और इसी प्रेस कांफ्रेंस के बाद से ही मीडिया ने इसे वायरल किया था। जिसके बाद से तत्कालीन एसएसपी अनंत देव पर कई सवाल उठने लगे हैं। इस पर जब बवाल शुरू हुआ तो पुलिस महानिदेशक कार्यालय ने मामले का संज्ञान लिया और कानपुर जोन के एडीजी जेएन सिंह को मामले की जांच दी गई है।
गौरतलब है कि इस मामले में प्रदेश के एक मंत्री ब्रजेश पाठक की फोटो दुर्दान्त अपराधी विकास दुबे के साथ वायरल होने के बाद से अब इस पत्र का लापता हो जाना अपने आप में एक आश्चर्यजनक घटना है। इससे साबित होने लगा है कि विकास दुबे और राजनीति के साथ ही साथ पुलिस के आला अफसरों के रिश्ते कितने गहरे और घनिष्ठ हैं।