डकैतों की तरह काशी भाजपा महामंत्री के घर पुलिस तांडव

दोलत्ती

: कोतवाल समेत दो लोग सस्‍पेंड, सीओ ऑफिस अटैच : शराब में धुत्‍त इंस्‍पेक्‍टर ने सारी सीमाएं तहस-नहस कर दीं : जमकर तोड़फोड़ की, और महिलाओं को डंडों से पीटा :
विजय विनीत
वाराणसी : पीएम नरेंद्र मोदी की काशी में तीन जुलाई की रात लंका थाने की पुलिस ने सुंदरपुर में भाजपा के जिला महामंत्री सुरेंद्र पटेल के घर में जमकर नंगा नाच किया। इसकी गवाह हैं वो तस्वीरें, जो भाजपा नेता के घर में तोड़-फोड़ और लूट-पाट को तस्दीक कर रही हैं। परिजनों की मानें तो शराब के नशे में धुत लंका इंस्पेक्टर अश्वनी चतुर्वेदी की अगुवाई में पुलिस ने नंगा तांडव किया। पुलिस ने वो सब कुछ किया जो आमतौर पर डकैत करते हैं। तस्वीरें गवाही दे रही हैं कि बनारस में अब पुलिस और बदमाशों में कोई फर्क नहीं है।
हालांकि इस मामले में ताजा खबर यह है कि प्रशासन ने इस प्रकरण में लंका के इंस्पेक्टर अश्विनी चतुर्वेदी और सुंदरपुर चौकी प्रभारी सुनील गौड़ के अलावा दो अन्‍य पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। वहीं सीओ भेलूपुर प्रीति त्रिपाठी को एसएसपी कार्यालय से अटैच किया गया है। उधर दूसरी ओर इस कांड पर प्रशासनिक कार्रवाई भी की गयी है। बताते हैं कि डीएम ने इस मामले में एडीएम फाइनेंस को मजिस्ट्रेटी जांच सौंपी है।
घटना के अनुसार सुंदरपुर चौराहे पर मास्क न लगाए जाने के सवाल पर भाजपा महामंत्री सुरेंद्र पटेल के पुत्र विकास पटेल से पुलिस का विवाद हुआ। पुलिसिया लाठीचार्ज के बाद सुरेंद्र पटेल और उनके परिजनों को गिरफ्तार कर लिया गया। मामले ने इसलिए तूल पकड़ा कि घटना के समय लंका इंस्पेक्टर अश्वनी चतुर्वेदी शराब के नशे में धुत थे। उनके चेहरे पर मास्क नहीं था। वर्दी भी ठीक नहीं थी और पैर लड़खड़ा रहे थे। शराब के नशे में उन्होंने एसपी सिटी विकास चंद्र त्रिपाठी और पुलिस क्षेत्राधिकारी प्रीति त्रिपाठी को झूठी सूचनाएं दीं। इसके बाद भारी पुलिस फोर्स भाजपा नेता के घर पहुंची।
दरअसल, झड़प और धक्का-मुक्की की रपट लिखने से ज्यादा जरूरी पुलिस अफसरों को यह लगा कि भाजपा महामंत्री सुरेंद्र पटेल को सबक सिखा दिया जाए। सुरेंद्र के पुत्र मयंक खुद मौके पर मौजूद थे। वो बताते हैं कि घटना की रात ग्यारह बजे करीब भारी तादात में पुलिस के जवान और अधिकारी सुंदरपुर स्थित उनके आवास पर पहुंचे। पुलिस के जत्थे में महिला जवान नहीं थीं। पुलिस को देखते ही घर की महिलाएं सहम गईं। अंदर से दरवाजा बंद कर लिया। बाद में उग्र पुलिसजनों ने हैंडपंप के हत्थे को निकालकर उससे पहले दरवाजा तोड़ा और घर में घुसकर बाद में बारी-बारी से अलमारियों को तोड़ना शुरू कर दिया और महंगे सामान लूट लिए। खाकी वर्दीधारियों ने शातिर डकैतों की तरह तोड़-फोड़ करने के साथ ही परिजनों से मारपीट की।
सुरेंद्र पटेल की बुजुर्ग मां श्रीमती मूर्ति देवी को भी जालिम पुलिस वालों ने नहीं बख्शा। उन्हें लाठियों से पीटा और बाद में धक्का दे दिया। इनके घुटने और कमर के पास काफी चोटें आर्इं हैं। घर में मौजूद सुरेंद्र के छोटे पुत्र मयंक पटेल को कुछ समझ में नहीं आया कि पुलिस आखिर क्यों उनके घर में तांडव मचा रही है? वजह पूछने पर पुलिस वालों ने उसपर भी थप्पड़ बरसाए। परिजनों के मुताबिक, अधिवक्ता वीरेंद्र पटेल की बेटी काजल पटेल (15 साल) ने भाई मयंक को बचाने की कोशिश की तो पुलिस वालों ने बाल पकड़कर घसीटना शुरू कर दिया। सुंदरपुर चौकी इंचार्ज ने मयंक को लात-घूसों से बुरी तरह पीटा। इलाहाबाद में पढ़ने वाला मयंक कोरोना संकट में कालेज बंद होने के कारण घर आया हुआ है। उसकी मौसी स्मृति पटेल को भी पुलिस ने नहीं बख्शा। उन पर भी लात-घूसे बरसाए गए।
परिजनों की मानें तो सुरेंद्र पटेल के घर की सभी अलमारियों को पुलिस वालों ने डकैतों की तरह तोड़ डाला और कीमती सामान लूट लिए। घर के फर्नीचर से लेकर वाश बेसिन तक को तोड़ डाला गया। मौके पर कोई पुलिस अफसर नहीं था। अगर कोई था तो नशे में धुत लंका थाना प्रभारी अश्वनी चतुर्वेदी और उसके साथ बड़ी संख्या में पुलिस के जवान।
भाजपा नेता सुरेंद्र पटेल के मुताबिक, उनके मित्रों और शुभचिंतकों को पुलिस ने घर में घुसने नहीं दिया। कई लोगों को सड़क पर ही मारपीट कर भगा दिया गया। परिजनों ने पुलिसिया तांडव का वीडियो बनाने की कोशिश की तो पुलिस वालों ने मोबाइल भी तोड़ डाला। पुलिसिया तांडव सिर्फ सुरेंद्र पटेल के घर तक सीमित नहीं रहा। छात्र नेता विकास पटेल को खोजने के बहाने पुलिस मोहल्ले के कई घरों में जबरिया घुस गई। जिन लोगों ने एतराज जताया, उनके साथ गाली-गलौच और मारपीट की गई।
सुरेंद्र का पुत्र मयंक बताता है कि नशे में धुत लंका थानाध्यक्ष नंगा नाच कराता रहा और पुलिस अफसरों को झूठी सूचनाएं देता रहा कि भाजपा नेता का समूचा परिवार अपराधियों का गिरोह है। घर में गोला-बारूद इकट्ठा कर रखा है। तब अफसरों ने पुलिस को तांडव करने की अनुमति दी। सुरेंद्र पटेल के घर में मारपीट और तोड़फोड़ का सिलसिला रात करीब चार बजे तक चला। इस बीच सुरेंद्र पटेल के समर्थक इलाकाई सीओ प्रीति त्रिपाठी के घर दुहाई देने पहुंचे तो उन्होंने लाठीचार्ज कराने की धमकी दे डाली। बाद में कुछ लोग एसपी सिटी विकास चंद्र त्रिपाठी से मिले, लेकिन वे भी पुलिसिया रुआब में थे। पीड़ितों की कोई बात नहीं सुनी। अलबत्ता उन्होंने भाजपा नेता के परिवार को ही सबक सिखाने की धमकी तक दे डाली।
उधर मनबढ़ पुलिस वालों ने लंका थाने के लाकअप में मौजूद सुरेंद्र पटेल, भाई वीरेंद्र आदि के साथ थर्ड डिग्री इस्तेमाल किया। बाद में लंका पुलिस ने सड़क पर हुई झड़प के मामले में भाजपा नेताओं पर आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 323, 504, 506,341, 307, 392, 114, 188, 269, 270, 364, 353, 332, 333, 186 और 7-सीएलए एक्ट में मुकदमा दर्ज किया। हालांकि जांच में अधिसंख्य धाराएं फर्जी पाई गईं और उन्हें खत्म कर दिया गया।
इस मामले में रविवार को लंका के इंस्पेक्टर अश्विनी चतुर्वेदी, सुंदरपुर चौकी प्रभारी सुनील गौड़ समेत दो पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। वहीं सीओ भेलूपुर प्रीति त्रिपाठी को एसएसपी कार्यालय से अटैच किया गया है। डीएम ने इस मामले में एडीएम फाइनेंस को मजिस्ट्रेटी जांच सौंपी है।
भाजपा नेता के भाई अधिवक्ता वीरेंद्र पटेल का आरोप है कि इस मामले के असली दोषी एसपी सिटी विकास चंद्र त्रिपाठी हैं। उनके खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इनका आरोप है कि एसपी सिटी विकास तिवारी और पुलिस क्षेत्राधिकारी प्रीति त्रिपाठी ने ही इस मामले को हवा दी थी। इन अधिकारियों ने तांडव मचाने के लिए भारी पुलिस फोर्स भेजी थी। मामला गंभीर होने के बावजूद ये अफसर तत्काल खुद मौके पर नहीं पहुंचे। वीरेंद्र का कहना है कि उनके घर पर पुलिसिया तांडव सोची-समझी साजिश के तहत किया गया। उनके भाई सुरेंद्र पटेल की भाजपा में अच्छी इमेज है। इसी वजह से पार्टी ने उन्हें जिला महामंत्री का पद सौंप रखा है। सुरेंद्र जिला पंचायत सदस्य हैं। इनकी गिनती शांतप्रिय और धैर्यवान नेता के रूप में की जाती है।

( विजय विनीत वाराणसी से प्रकाशित जनसंदेश टाइम्‍स के समाचार संपादक हैं। गजब लिक्‍खाड़ छवि वाले विजय ने लॉकडॉउन के वक्‍त धड़ाधड़ कई किताबें लिख कर लोगों को चौंका डाला। “बनारस लॉकडॉउन” समेत उनकी दो किताबें लंदन में छप रही हैं। )

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *