ओके ओके, तुम मंजिल सैनी को सस्‍पेंड कराओगे? नामुकिन

ज़िंदगी ओ ज़िंदगी

: वकीलों से पिटे पीसीएस अफसर 19 से हड़ताल करेंगे। करेंगे क्‍या, बजायेंगे बाबा जी का घंटा : सच कहूं तो इस विवाद में जीत वकीलों की, और भारी हार पीसीएस अफसरों की हुई है : अफसरों की चारों मांगों में एक भी नहीं मांगेगी यह अखिलेश सरकार, वादा है :

कुमार सौवीर

लखनऊ : अपर जिलाधिकारी स्‍तर के तीन-चार अफसरों समेत चार पीसीएस अफसरों को लखनऊ के चंद माफिया और वाकई अपराधी वकीलों ने सरेआम कचेहरी में ही नहीं, भरी अदालत में जमकर कूट-पीट डाला। यह हादसा है बीते शु्क्रवार का, जिसने यूपी में सरकार और प्रशासन के निजाम की सारी धज्जियां पूरी तरह उधेड़ डालीं। साफ पता चल गया कि अब यूपी में सरकार और मुंसिफ नहीं, बल्कि आपराधिक वकीलों का निजाम चलता है। बहरहाल, इस घटना के बाद यूपी के पीसीएस अफसरों ने अपने सदस्‍यों की पिटाई को तूल दे दिया, जो अब लगातार भड़कता दिख रहा है। लेकिन हकीकत यही है कि इस हादसे में इन अफसरों के घावों पर मलहम लगाने के बजाय इन अफसरों की ऐसोसियेशन ने उसे उस मजाक के तौर पर तब्‍दील कर दिया।

आपको बता दें कि शुक्रवार को राजधानी के जिलाधिकारी कार्यालय में चंद आपराधिक वकीलों ने एक एसडीएम-एसीएम अफसर को जमकर पीट दिया था। इस हादसे में इस अफसर की एक उंगली टूट गयी थी, जिसे बाद में सरकारी अस्‍पताल में बाकायदा प्‍लास्‍टर लगाया गया। बहरहाल, कलेक्‍ट्रेट के वकीलों का एक गुट इस एसडीएम अफसर की टूटी हुई उंगली को फर्जी केस बता रहे हैं। कुछ भी हो, इस हादसे का शोर होने के बाद जब कलेक्‍ट्रेट में मौजूद तीन एडीएम स्‍तर के तीन अफसर मौके पर पहुंचे तो हमलावर वकीलों ने उनके साथ भी बेहद ज्‍यादती का व्‍यवहार किया। इन अफसरों में एक महिला भी मौजूद थी, लेकिन हमलावर वकीलों ने उसके साथ भी सारी शालीनता की सीमाएं तोड़ दीं।

उसके बाद हंगामा थमा नहीं। वकीलों की अर्जी पर लखनऊ पुलिस ने पीसीएस अफसरों के खिलाफ जानलेवा हमला, व लूट का मामला दर्ज कराया। लेकिन चूंकि यह मामला सीधे-सीधे सरकार के नुमाइंदा-कारिंदों के खिलाफ था, इसलिए चंद घंटों के बाद ही इस रिपोर्ट को पुलिस ने उसे स्‍पंज यानी खारिज कर दिया।

लेकिन यह हमला तो था ही। वह भी सरकार पर सीधा-सीधा। सरकार की नाक ही कट गयी थी। निजाम खत्‍म होने की हालत पर दिख रहा था। इकबाल खत्‍म हो गया दिख रहा था। इसलिए यूपी पीसीएस अफसरों की एसोसियेशन ने इस मामले का संज्ञान ले लिया। होना ही था, यह उनके सदस्‍यों की प्रतिष्‍ठा का साफ मामला था। अगर वे ऐसा न करते तो उनके संघ मामला ही दो-कौड़ी का साबित हो जाता। शुरूआत में तो इस मामले पर खबर आयी कि पीसीएस अफसर प्रदेश व्‍यापी हड़ताल कर गये हैं। लेकिन बाद में ही खबर आयी कि नहीं, इस मामले को शनिवार यानी आज तय किया जाएगा।

आज दोपहर पीसीएस अफसर्स एसोसियेशन की बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में इस हादसे और उससे जुड़े लोगों और अपराधियों की ऐसी की तैसी करने के लिए उनकी भारी निन्‍दा की गयी। इतना ही नहीं, लिए गये फैसलों के मुताबिक तय हुआ कि इस हादसे में चूंकि लखनऊ की वरिष्‍ठ पुलिस अधीक्षक मंजिल सैनी पूरी तरह जिम्मेदार हैं, इसलिए सबसे पहले तो उन्‍हें ही सस्‍पेंड कर दिया जाए। दूसरी मांग के तहत सीतापुर में एसडीएम के पद पर तैनात अर्चना द्विवेदी के निलम्‍बन को खारिज कर उन्‍हें पूर्ववत ड्यूटी पर लिया जाए, जिस  मामले में यूपी के एक वरिष्‍ठ और प्रभावशाली मंत्री की भूमिका रही है।

तीसरे मुद्दे के तहत बरेली के मौजूदा डीएम पंकज यादव के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, जो वैसे तो हरियाणा कैडर के हैं, लेकिन इस वक्‍त प्रतिनियुक्ति पर यूपी में है। उन पर आरोप है कि हाल ही प्रगति बैठक में बरेली के कई एसडीएम अफसरों ने कोई भी योगदान नहीं किया, जिसके चलते यह जिला पिछड़ गया। इस प्रगति की हार के खामियाजा के तौर पर डीएम ने कई एसडीएम का वेतन रोक लिया। पीसीएस अफसरों की एसोसियेशन चाहती है कि इस तरह किसी भी पीसीएस अफसर पर वेतन कटौती करने जैसी कोई भी कार्रवाई नहीं की जाए, जिससे आम अधीनस्‍थ कर्मचारी-अधिकारी पर कोई प्रतिकूल प्रभाव पड़े।

यूपी के पीसीएस अफसरों की एसोसियेशन ने इस मामले में चार मांगे तो सरकार को थमा कर ऐलान कर दिया कि वे 19 दिसम्‍बर से हड़ताल कर देंगे, लेकिन न्‍यूज पोर्टल मेरी बिटिया डॉट कॉम की टीम का मानना है कि ऐसा हो पाना नामुमकिन है। टीम के अनुसार इनमें से एक भी मांग न तो मानने लायक है, और न ही उन्‍हें माना ही जाएगा। दरअसल, यह एक निहायत पेंचीदा मामला है, जो एसोसियेशन के स्‍तर पर नामुमकिन, और नैतिक प्रश्‍न सर्वाधिक है। ऐसे में उसे ट्रेड यूनियन के चरित्र से नहीं जोड़ा जा सकता है। खास कर तब, जब पीसीएस अफसरों काा काम सरकार होना है, सरकार के काम में रोड़ा अटकाना नहीं। चूकि आज तो काफी देर हो चुकी है, लेकिन कल से इस मामले में न्‍यूज पोर्टल मेरी बिटिया डॉट काम अपना अभियान छेड़ देगी, ताकि इस मामले में क्‍या स्‍याह और क्‍या सफेद है।

प्रमुख समाचार पोर्टल मेरी बिटिया डॉट कॉम इस मामले पर लगातार हस्‍तक्षेप करता रहेगा। इससे जुड़ी खबरों को देखने के लिए कृपया निम्‍न लिंक पर क्लिक कीजिए:- वाह अदालत, आह अदालत

यूपी के अफसरों की करतूतों को अगर देखना-समझना चाहते हों तो कृपया निम्‍न लिंक पर क्लिक कीजिए:- लो देख लो, बड़े बाबुओं की करतूतें

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