: हरिशंकर तिवारी के आवास हाता पर पुलिस की छापेमारी के खिलाफ गोरखपुर की गर्मी ने पारा तोड़ा : भारी पुलिस तैनाती भी नहीं रोक पायी जिलाधिकारी कार्यालय पर जन-आक्रोश : बसपा ने बनाया उत्पीड़न का मुद्दा, ब्राह्मण-समुदाय में आक्रोश :
कुमार सौवीर
गोरखपुर : वक्त रहा होगा करीब सुबह दस बजे का। कलेक्ट्रेट के सारे गेट बंद कर प्रशासन ने पूरी तसल्ली कर ली थी कि चाहे कुछ भी हो जाए, कलेक्ट्रेट पर कोई परिन्दा भी पंख न मार पाये। इसके लिए गोरखपुर आने वाले उन सभी वाहनों को रोका जा रहा था, जिसमें प्रदर्शनकारियों की मौजूदगी की तनिक भी आशंका थी। पूरे कलेक्ट्रेट पर भारी पुलिस तैनाती और हथियारबंद पुलिसकर्मियों की चौकसी सुनिश्चित कर दी गयी थी। जिले भर के थाने और सारे रिजर्व स्टाफ को भी इस चौकसी में जुटा लिया गया था। पूरा जिलाधिकारी कार्यालय किसी छावनी में तब्दील हो चुका था।
गोरखपुर के जिलाधिकारी कार्यालय का
गेट ढहाने का नजारा देखने के लिए कृपया
निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए:-
सूखे पत्ते की तरह उड़ गया कलेक्ट्रेट का विशालकाय गेट
अचानक किसी जन-समुद्र की किसी सुनामी लहर की तरह हाहाकार करती भीड़ गलियों से निकल कर सीधे कलेक्ट्रेट की ओर बढ़ने लगी। प्रशासन और सरकार विरोधी गगनचुम्बी नारे उछलने लगे। किसी अन्तहीन लहर की तरह हुंकार करती भीड़ ने जब जिलाधिकारी कार्यालय के भीम-काय गेटों को बंद देखा, तो भीड़ का गुस्सा भड़क गया। गुस्सायी भीड़ इन गेटों की ओर बढ़ने लगी, मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों की तनिक भी हिम्मत नहीं पड़ी कि वे उन्हें रोक भी सकते। हालत यह हुई कि सड़क पर हुंकार करते जन समुद्र के तेवरों को देख कर कलेक्ट्रेट के बाहर तैनात पुलिसकर्मियों के हौसले ही पस्त हो गये। सबसे पहले तो मैजिस्ट्रेट और फिर पुलिस के अधिकारी मौके से खिसकने लगे।
नतीजा, गेट पर पहुंच कर भीड़ ने दो-चार बार इस गेट को हिलाया। नतीजा भारी-भरकम गेट इस भीड़ की क्षमता-आक्रोश को नहीं थाम पाया। एक सारी कुंडिया-जंजीरें तोड़ कर भीड़ कलेक्ट्रेट में दाखिल हो गयी। मौजूद पुलिस व प्रशासनिक अमला या तो कहीं और खिसक गया, या फिर उसने मौके में चुप्पी ही साध ली।
सरकार का जलवा धराशायी हो चुका था। प्रशासन और पुलिस का रसूख ध्वस्त हो चुका था। और इस स्तब्धकारी दृश्य की गवाह बने गोरखपुर वासी।
जी हां, पूर्वांचल की जानी-पहचानी शख्सियत माने जाने वाले हरिशंकर तिवारी के आवास हाता पर तीन दिन पहले हुई पुलिस छापामारी से क्षुब्ध और पुलिसिया कार्रवाई के खिलाफ अपना आक्रोश जाहिर करने के लिए आज गोरखपुर के गुस्साई जनता ने पूरे कलेक्ट्रेट को घेर लिया। उनका आरोप था कि योगी सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ प्रदेश को ब्राह्मणों के खिलाफ जातीय विद्वेष फैला रहे हैं, ठीक उसी तर्ज पर जैसे हरिशंकर तिवारी के खिलाफ तीन दशक पहले वीरबहादुर सिंह ने किया था। करीब पांच घंटे तक चले इस धरने में बसपा के प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर समेत वरिष्ठ नेताओं ने सम्बोधित किया। खास बात यह रही कि इस पूरे दौरान हरिशंकर तिवारी भी इस धरना स्थल पर मौजूद रहे।
हरिशंकर तिवारी के आवास पर पुलिसिया कार्रवाई से जुड़ी खबरों को देखने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए:- हाता में भड़की पुलिसिया कार्रवाई के खिलाफ जन-आक्रोश का दावानल
(अपने आसपास पसरी-पसरती दलाली, अराजकता, लूट, भ्रष्टाचार, टांग-खिंचाई और किसी प्रतिभा की हत्या की साजिशें किसी भी शख्स के हृदय-मन-मस्तिष्क को विचलित कर सकती हैं। समाज में आपके आसपास होने वाली कोई भी सुखद या घटना भी मेरी बिटिया डॉट कॉम की सुर्खिया बन सकती है। चाहे वह स्त्री सशक्तीकरण से जुड़ी हो, या फिर बच्चों अथवा वृद्धों से केंद्रित हो। हर शख्स बोलना चाहता है। लेकिन अधिकांश लोगों को पता तक नहीं होता है कि उसे अपनी प्रतिक्रिया कैसी, कहां और कितनी करनी चाहिए।
अब आप नि:श्चिंत हो जाइये। अब आपके पास है एक बेफिक्र रास्ता, नाम है प्रमुख न्यूज पोर्टल www.meribitiya.com। आइंदा आप अपनी सारी बातें हम www.meribitiya.com के साथ शेयर कीजिए न। ऐसी कोई घटना, हादसा, साजिश की भनक मिले, तो आप सीधे हमसे सम्पर्क कीजिए। आप नहीं चाहेंगे, तो हम आपकी पहचान छिपा लेंगे, आपका नाम-पता गुप्त रखेंगे। आप अपनी सारी बातें हमारे ईमेल kumarsauvir@gmail.com पर विस्तार से भेज दें। आप चाहें तो हमारे मोबाइल 9415302520 पर भी हमें कभी भी बेहिचक फोन कर सकते हैं।)