पति ने पीटा तो बेटी संग जान देने रेल लाइन पर चली मीता
मायके से पैसा लाने का दबाव बना रहा था मीता का पति
इनकार पर पीटा और घर से निकाल बाहर कर दिया
गहमर समेत पूरे पूर्वांचल की बर्बादी पर संसद को रूला देने वाले गाजीपुर के गहमर गांव की बेटी की बदहाली पर एक बार फिर लोग रो पडे। गहमर गांव की बेटी मीता तिवारी अपने पति की करतूतों पर इस कदर आहत हुई कि आपनी पांच साल की बेटी ईयाशी के साथ जान देने के लिए रेल लाइन पर बैठ गयी। वह तो खैर थ्ज्ञी कि इसकी सूचना पाकर लोग दौड आये और मीता और ईयाशी को बचा लिया। मीता का आरोप है कि उसका पति कामधाम तो कुछ नहीं करता, उल्टे घर का खर्चा चलाने के लिए उस पर दबाव बना रहा था कि वह अपने मायके से पैसा ले आये। इनकार करने पर उसकी जमकर पिटाई हुई और घर से निकाल दिया गया। पति की बार-बार की मार से बेजार होकर पत्नी अपने पांच वर्षीय बेटी ईयाशी संग गुरुवार की सुबह रेल पटरी पर जान देने के लिए बैठ गई। रेलवे क्रासिंग पर महिला को बैठी देख लोग भौचक रह गए। फौरन पुलिस को बुलाया गया। पुलिस ने जब महिला से कारण पूछा तो उसकी कहानी सुन लोग जार-जार हो उठे।
यह हादसा बाबा भोलेनाथ की नगरी वाराणसी के लेढ़ूपुर की है जहां बंशी तिवारी के पुत्र सरोज तिवारी के संग गहमर (गाजीपुर) की मीता तिवारी लगभग 10 वर्ष पहले ब्याही गई थी। कभी कभार के मजदूरी कार्य को छोड़ दिया जाय तो पति अक्सर निठल्ले-सा घर में पड़ा रहता था। पिछले कुछ वर्षो से वह पत्नी पर मायके से पैसा मांगकर ले आने का दबाव बनाने लगा। पत्नी के असमर्थता व्यक्त करने पर बेरहमी से पिटाई कर देता। बुधवार की रात भी इसी बात पर उसने पत्नी को पीटकर घर के बाहर कर दिया। बच्चे संग वह रातभर ससुराल की दहलीज से बाहर रही। सुबह 8.30 बजे जब वह घर पहुंची तो पति ने पुन: उसे पीटकर बाहर का रास्ता दिखा दिया। क्षुब्ध पत्नी ने जान देने की ठान ली और चंदा चौराहा रेलवे क्रासिंग (गेट नं. 21) के निकट रेल पटरी पर बैठ गई। महिला की पीड़ा सुन पुलिस पति को पकड़ने पहुंची तो वह फरार हो चुका था।