: सचिवालय के एक सेक्शन अफसर पर दूसरी बीवी रखने पर हंगामा : अब नैतिकता के पहरूओं ने ताल ठोंक ली इस काण्ड को लेकर : सचिवालय में तो कम है तादात, लेकिन पूरी यूपी में अफसरों की ऐसी हरकतें बेशुमार : कहीं पत्नी का व्यवहार जी का जंजाल बना तो कहीं डिमाण्डे-सप्लाई : अब जांच का दौर शुरू, कागज-पत्तर के नाम पर मामला लटकाने का आरोप :
कुमार सौवीर
लखनऊ : शासन का दिल और दिमाग कहलाने वाला उप्र सचिवालय अब दिल की बीमारी से बेहाल है। असल मामला तो मोहब्बत का है, जिसका असर अब दिल से बढ़कर सीधे दिमाग तक पहुंचता जा रहा है। खबर है कि यहां के एक अनुभाग अधिकारी पर पर-स्त्रियों का चस्का लग गया। लेकिन जल्दी ही मौज-मस्ती वाला यह चस्का इस अधिकारी के दिल से होते हुए उसकी जिन्दगी में दाखिल हो गया। पता उसके बाद ही चल पाया, क्योंकि तब तक इस अधिकारी के खिलाफ उसके अपने ही सहयोगियों ने पहले खुसफुसाहट, काना-फूसी शुरू कर दी और उसके बाद सीधे हो-हल्ला् तक पहुंच गयी। खबर उसकी पहली पत्नी तक पहुंची तो मामला विस्फोटक हो गया। फिलहाल इस मामले पर सम्बन्धित अधिकारी को नोटिस दिये जाने की खबर हे।
वैसे इस मामले में दिलचस्प बात तो यह है कि किसी सरकारी कर्मचारी-अधिकारी का अपनी पत्नी के बजाय किसी दूसरी महिला से निकटतम सम्बन्ध स्थापित करने का मामला कोई अनोखी बात नहीं है। यह मामला भले ही आधिकारिक तौर पर पहली बार खुल पाया हो, लेकिन हकीकत यह है कि उप्र के सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों में यह शौक हाल के कुछ बरसों में किसी बड़ी बीमारी के तौर पर भड़का है। केवल छोटे अधिकारी और कर्मचारी ही नहीं, बल्कि बड़ी सेवाओं-संवर्गों के तैनात अधिकारियों में भी यह महामारी खूब पनप रही है।
हां, यह हकीकत जरूर है कि किसी अन्य महिला से रिश्तेव बनाने में यह बड़े ओहदेदार अफसर खासी दूरी बनाये रखते हैं, ताकि कोई उन पर कोई सीधा लांछन न लगा सके।
कई बडे पदों में तैनात या तैनात रह चुके पुरूष अफसरों ने तो खुलेआम दूसरी-तीसरी स्त्रियों से सम्पर्क बनाये रखा, लेकिन उन पर कभी कोई सीधा आरोप नहीं लग सका। वजह यह कि वे इस खेल में खासे शातिर खिलाड़ी हैं। एक के बाद दूसरी बीवी बदलने में महारत हासिल कर चुके इन अफसरों में से अधिकांश तो जाल में नहीं फंसने की सारी गुंजाइशें बुन डालते हैं। ऐसे अफसरों की खास शिकार वे महिलाएं होती हैं, जो उनके रसूख और उनकी कृपा से आकण्ठ डूबी रहती हैं। ऐसे में वे खुल कर नहीं बोल सकतीं। लेकिन कई ऐसी भी महिलाएं हैं जो विधवा होने के बाद किसी दूसरे अधिकारी से निकटतम रिश्ते बना लेती हैं। लेकिन चूंकि यह उनकी सामाजिक सम्मानजनक हालत के खिलाफ हो जाता है, इसलिए वे इस मामले को जस का तस बुझा देना ही श्रेयस्कर समझती हैं।
घटना के अनुसार उप्र सचिवालय के एक महत्वंपूर्ण विभाग के अनुभाग अधिकारी पर हाल ही आरोप लगा कि वह अपनी पत्नी के बजाय किसी दूसरी महिला के साथ जीवन चला रही है। दरअसल इस अधिकारी की पहली पत्नी से उसका अलगाव कई महीनों से चल रहा था। तनाव के पुख्ता कारणों का खुलासा तो अब तक नहीं हो सका है, लेकिन माना जा रहा है कि विवाह के बाद से ही इन दोनों के बीच दाम्पत्य सम्बन्ध कटु हो चुके थे। कुछ लोग बताते हैं कि इसमें आर्थिक संकट की बात थी, जबकि कुछ लोग इन दोनों के बीच शारीरिक सम्बन्धों की कटुता को मान रहे हैं।
बहरहाल, इस मामले में हाल ही पता चला कि यह अधिकारी एक अन्य महिला के साथ रह रहा है। एक शासकीय अधिकारी का यह कृत्य शासकीय नियमों के अनुसार अपराध माना जाता है। इसलिए इसकी खबर पर जब हंगामा हुआ और शिकायतों का दौर जब सीधे फाइलों पर दर्ज हो गया तो उस अधिकारी से जवाब-तलब कर दिया गया।