फर्रुखाबाद हादसे को समझिये, खूनी खतरा आपके सिर पर भी है

बिटिया खबर


: जीवन से आजिज युवक को पुलिस ने गोलियों से भून डाला, और भीड़ को इजाजत दी कि वह पत्‍नी को पीट कर मार डाले : डरावना सन्‍नाटा पसरा है लोगों के चेहरे पर :
कुमार सौवीर
फर्रुखाबाद : इस वक्त मैं फर्रुखाबाद में मुहम्मदाबाद के करथिया गांव में उस मकान के सामने हूँ, जहां 30 जनवरी को 23 बच्चों को कथित रूप से अपहृत करने वाले सुभाष कश्यप और उसकी पत्नी ने पूरे देश को कथित रूप से दहला दिया था। करीब 11 घंटों के बाद पुलिस ने कथित रूप से सुभाष को मार दिया जबकि रूबी को भीड़ ने निपटा दिया।
आज वहां जश्न का माहौल है। एसडीएम आये हैं, तहसीलदार है, अमीन भी हैं। गाड़ियां दौड़ रही हैं।गांवों के घरों से बच्चे खोजे और बुलाये गये हैं। छोटे से खुले इलाके में मजमा लगा है। बच्चे खुश हैं, चिल्ल-पों कर रहे हैं। उनकी अम्मा लोग और उनके कुछ घरवाले बच्चों को संभाल रहे हैं। अफसर लोग बच्चों के लिए नए कपड़े और जूते लेकर आये हैं। कर्मचारी उनकी नाप लेकर उन्हें पैकेट में संभाल रहे हैं। कल यही ड्रेस उन्हें पहनाई जाएगी, और फिर अफसरों का रेला उन बच्चों को लेकर बसों में लेकर लखनऊ रवाना होगा।
वजह यह कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कल शुक्रवार को इन बच्चों से अपने लखनऊ वाले आवास में भेंट करेंगे। इस घटना को निपटाने वाले दिलेर, जांबाज, बहादुर, साहसी, हर खतरे को निपटाने वाले और देशवासियों को अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले पुलिस वालों को भी सम्मानित करेंगे।
मैं यहां इसलिए आया हूँ, ताकि पता चल सके कि इस हादसे का मूल कारण क्या था, उसके सूत्र क्या हैं, और उसकी असलियत क्या थी।कुछ भी हो, एक अजीब सी हालत है। हर कोई सहमा सा है। किसी सवाल का जवाब ही नही दिया किसी भी ने।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *