भंवर में डोंगी में इकलौता बैठा गधा देखा है कभी: संदर्भ है पुण्‍यप्रसून जैसे पत्रकार

बिटिया खबर
: इतने न बह जाइए कि आपको पुण्य प्रसून और अभिसार में फिदेल कास्त्रो और चे ग्वेरा की जोड़ी नजर आने लगे : श्रीश्री महान देशभक्त समाज सेवी युगप्रवर्तक सहारा श्री सुब्रत राय के टांग में लटक गए : अभिसार जी की मेहरारु बड़ी आयकर अधिकारी:

प्रेम कुमार

बेगूसराय : यार ये पुण्य प्रसून और अभिसार शर्मा के एबीपी न्यूज छोड़ जाने या निकाल दिए जाने को देश के लिए आफत के रुप में और इन दोनों महानुभावों को सत्य श्री हरिश्चंद्र के फूफा के रुप में प्रचारित किए जाने से बचें।
ठीक है अगर सरकार के प्रतिकूल गए और निकाल ही दिए गए तो गलत हुआ।बस इतना ही।
और ऐसा सभी सरकारों में होता है।सरकार और सत्ता का बुनियादी चरित्र ही निरंकुशता का होता है।
कभी दिमाग के पिछले हिस्से पर थपकी दीजिएगा तो याद आएगा,यूपीए के समय सत्ता की हिंसक दुर्गंध में लिथड़ा और हेकड़ी से ऐंठा दिग्विजयसिंह और पी.चिदंबरम का चेहरा।
गलत का विरोध कीजिए पर इतने न बह जाइए कि आपको पुण्य प्रसून और अभिसार में फिदेल कास्त्रो और चे ग्वेरा की जोड़ी नजर आने लगे जो एबीपी न्यूज रुपी स्टीमर पर सवार होकर भारत से मोदिस्ता तानाशाही को उखाड़ फेंकने चले आ रहे थे और षड्यंत्रपूर्वक उनकी स्टीमर में छेदकर भावी महान क्रांति का गर्भपात कर दिया गया।
अरे इ लोग भी सुविधा,मौज, रुपैया-पैसा के लिए ही स्वार्थ, बेईमानी-शैतानी जैसे मानवीय गुणों से लैस होकर नौकरी बजा रहे थे।
अभिसार जी की मेहरारु बड़ी आयकर अधिकारी हैं।जिन्होंने अपने मरद के साथ मिलकर यूपीए के टाइम में एनडीटीवी के आर्थिक धतकरमों पर खूब मन लगाकर रफूगरी की और बदले में मरद-मेहरारु सब तरह का मौज काटे।इनकी कारगुजारी उजागर करने वाले ईमानदार आयकर अधिकारी संजय सिंह का तत्कालीन सरकार के साथ मिलकर और महामहिम चिदंबरम जी के आशीर्वाद से इन दोनों ने जीना हराम कर दिया।बेचारे संजय सिंह को पागल तक करार करवा दिया गया।
और पुण्य प्रसून जी भी जी न्यूज में भर मन मलाई चांपने के बाद किसी बात पर गाल फुला कर चले गए।
और गए भी कहां…..?
श्रीश्री महान देशभक्त समाज सेवी युगप्रवर्तक सहारा श्री सुब्रत राय के टांग में लटक गए।
वहां थाली में छेद करते पकड़े गए तो फिर मुंह फुलाकर भाग गए।कभी केजरीवाल जी के रणनीतिकार भी बनते नजर आए।
भाय इ सब हुम्मच के मोटा पैसा वाला नौकरी कर रहे हैं,इनमें चे ग्वेरा और भगतसिंह मत ढूंढो।
ऐसा करने से तुम्हारी कम अक्ली उघाड़ हो जाती है।

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