: महान श्रेणी में रहे शेषनारायण की प्रथम पुण्यतिथि पर आयोजन : विषय होगा पत्रकारिता का आज और कल : राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश करेंगे अध्यक्षता : कंस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में होगा समारोह :
दोलत्ती संवाददाता
लखनऊ : सुल्तानपुर के लम्भुआ जैसे एक निपट ग्रामीण और नागरिक सुविधाओं से अछूते इलाके से निकल कर दिल्ली पहुंचे थे शेषनारायण सिंह। शुरुआत ही में उन्होंने जमींदारी का क्रूर चेहरा देखा, ग्रामीण समाज में ठाकुर-बिरादरी के लोगों की अमानवीय करतूतों को देखा और भोगा। देखा कि यही सामंती चेहरा रखने वाले अपने परिवार की महिलाओं को ही कितना दबाते हैं, उन्हें जिबह कर देने जैसी हालत तक पहुंचा कर। उन्होंने देखा कि घरवालों ने अपनी ही बेटी को केवल रामचरित मानस तक पढ़ने लायक शिक्षा दी, और उसके बाद स्कूल जाने पर पूरी सख्ती और क्रूरता के साथ मना कर दिया। ऐसी ही व्यवस्था के चलते भले ही उनके परिवार की बड़ी बहन जीवन भी अध्ययन से महरूम कर दी गयीं, लेकिन उन्होंने अपने छोटे भाई शेषनारायण सिंह की पढ़ाई में पूरी सहयोग किया और प्रश्रय और संरक्षण भी दिया।
जाहिर है कि शेषनारायण सिंह अपने परिवार से लेकर अपने ग्रामीण अंचल में दबंगों, जाति पर अहंकार करने वालों की करतूतों और बेटी, पत्नी और बहन जैसी महिलाओं तक का दमन करने वालों के खिलाफ योद्धा बन गये। उन्होंने उस क्रूर समाज को त्याग दिया और दिल्ली आकर पत्रकारिता में जुट गये। अपने इस संकल्प के साथ उन्होंने अपने अनुभवों को पूरे दुनिया में साझा किया, खबरों में सच को खोजने, खंगाल करने और उसे आम आदमी तक पहुंचाने की अदम्य कोशिश की।
शेषनारायण सिंह भले ही एक बरस पहले ब्रह्मांडव्यापी हो गये, लेकिन उनकी स्मृतियां आज भी जन-समुदाय में शेष हैं। इसी मौके पर आज 31 मई को दिल्ली के कंस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया के सभागार में एक व्याख्यान आयोजित किया जा रहा है। शाम छह बजे से लेकर नौ बजे तक होने वाला यह कार्यक्रम शेषनारायण सिंह स्मृति व्याख्यान है। इस व्याख्यान का नाम है पत्रकारिता: आज और कल। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश।