धोखेबाजी ने लील लिया दैनिक भास्कर, काशी संस्करण बंद

दोलत्ती

: वाराणसी जिला प्रशासन ने घोषणापत्र खारिज किया : संपादक का पैंतरा कि कोरोना की दिक्कत थी :
दोलत्ती संवाददाता
बनारस : दैनिक भास्कर की धोखाधड़ी आखिरकार इस अखबार का सर्वनाश कर गयी। वजह रहा ठेके पर शुरू हो गये इस अखबार के मुद्रक और संपादक में रुपयों की आपसी लूट-खसोट और मारामारी शुरू हो गयी। खबर है कि जिला प्रशासन ने इस अखबार का घोषणापत्र रद्द कर दिया। इस आदेश के साथ ही इस संस्करण का प्रकाशन बन्द हो गया है। लेकिन इसके साथ ही भास्कर वाराणसी वालों को मुंह छुपाना कठिन हो गया है, मगर इसको छुपाने के लिए अब एक नए अखबार शुरू करने की कवायद में जुट गए हैं। लेकिन असल सवाल तो कायम ही है कि संवाददाताओं और विज्ञापनवालों का कितना पैसा इस खेल में फंसा हुआ है।
हैरत की बात है कि घोषणापत्र खारिज होने के बाद स्थानीय लोगों ने सत्यता उजागर करने के बजाए कोरोना का बहाना बनाकर सभी ब्यूरो को मैसेज का स्क्रीनशॉट भेजना शुरू कर दिया हर।
आखिरकार दैनिक भास्कर वाराणसी संस्करण को बंद करने का आदेश जारी हो ही गया। बावजूद इसके अभी तक इसको वाराणसी संस्करण के मालिकान मसलन संपादक और उप संपादक ने छुपा रखा है। वाराणसी संस्करण को बंद करने का जिला प्रशासन का लेटर सोशल मीडिया में वायरल होते ही भास्कर वाराणसी से जुड़े संवाददाताओं की परेशानी भी बढ़ गई है। वह कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं हुए हैं उनकी जो पूंजी तो फंसी ही है, फील्ड में भी उनके जो विज्ञापन इत्यादि के फंसे हुए हैं उनका बुरा हाल होता है। खास करके उन एजेंटों का सर्वाधिक बुरा हाल है, जिन्होंने पैसा जमा तो कर दिया था लेकिन वाराणसी एडिशन प्रारंभ होने के बाद आज तक उन्हें सप्लाई नहीं दी गई। और ना ही उनका फोन रिसीव किया जाता है।
दैनिक भास्कर के वाराणसी एडिशन के संपादक वरुण उपाध्याय, उप संपादक प्रवीण राय कुछ सोशल प्लेटफार्म ऊपर अपनी बात तो बड़ी दमदारी से रख चुके हैं, सीधे-सीधे नोएडा को दोषी ठहराते आए हैं लेकिन अपनी कारगुजारीओं को उन्होंने कभी भी स्पष्ट नहीं किया कि उन्होंने किन-किन को डुबोया है। वह आज तक इन सवालों से बचते रहे हैं कि जिन एजेंटों का उन्होंने पैसा जमा कराने के बाद आज तक अखबार नहीं प्रारंभ किया और ना ही उनका फोन रिसीव की और ना ही कुछ जवाब दिया वह अब क्या करेंगे।
बताते हैं कि वरुण उपाध्याय और लल्लन मिश्र ने इस अखबार की फ्रेंचाइजी के नाम पर करोङो रुपयों की लूट कर रखी है।

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