: प्रोजेक्ट मैनेजर को धमकी और अपहरण के आरोप में पुलिस ने की कार्रवाई :
दोलत्ती संवाददाता
जौनपुर : पूर्व सांसद धनंजय सिंह को सोमवार तड़के लाइन बाजार पुलिस ने उनके कालीकुत्ती स्थित आवास से गिरफ्तार कर लिया है। उन पर एक कार्यदायी संस्था के प्रोजेक्ट मैनेजर का अपहरण और धमकी देने का आरोप है। आरोप के मुताबिक ठेकेदार के तौर पर अभियुक्त लोग जो बालू सप्लाई कर रहे थे, उसे घटिया मान कर उसे खारिज कर दिया गया था। इसी पर अभियुक्त गण नाराज हो गए और अपहरण कर धमकियां देने लगे।
मुज़फ्फरनगर निवासी प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंहल का आरोप है कि रविवार शाम धनंजय सिंह के दो लोग उनकी लाइन बाजार थानांतर्गत पचहटिया स्थित साइट पहुंचे। यहां से एक काली फॉर्च्यूनर गाड़ी में अपहरण कर पूर्व सांसद के आवास पर ले आए। पीड़ित ने बताया कि उनकी तरफ से सप्लाई किया जाने वाला बालू खराब गुणवत्ता का है, इसलिए नहीं लिया जा सकता।
आरोप है कि इसके बाद पूर्व सांसद ने उनको पिस्टल के बल पर धमकी दी। भयभीत प्रोजेक्ट मैनेजर ने देर रात लाइन बाजार थाना पहुंच कर तहरीर दी। इसके आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया। पुलिस ने सोमवार तड़के उनके आवास पर छापा मार कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। थाने लाने के बाद उन्हें सुबह कोर्ट में पेश किया जाएगा।
आपको बता दे कि दो बरस पहले ही सरकार ने अपराधी से नेता बने पूर्व सांसद धनंजय सिंह को मिली वाई श्रेणी की सुरक्षा वापस ले ली थी। उच्च न्यायालय ने अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल शशि प्रकाश सिंह और राज्य सरकार के वकील से 25 मई-18 तक पीठ को इस बात से अवगत कराने को कहा था कि इस तरह की आपराधिक पृष्ठभूमि वाले एक व्यक्ति को कैसे वाई श्रेणी की सुरक्षा उपलब्ध कराई गई है और ऐसे व्यक्ति से सुरक्षा वापस क्यों नहीं ली गई है जो हत्या के सात मामलों समेत 24 आपराधिक मामलों में कथित तौर पर शामिल है। मुख्य न्यायाधीश डी.बी. भोसले और न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की पीठ
: केंद्र सरकार ने अपराधी से नेता बने पूर्व सांसद धनंजय सिंह को मिली वाई श्रेणी की सुरक्षा वापस ले ली है। भारत के अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल ने आज यह जानकारी इलाहाबाद उच्च न्यायालय को दी। राज्य सरकार के वकील ने अदालत को अवगत कराया कि प्रदेश सरकार ने जौनपुर के पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया है कि वह विभिन्न लंबित आपराधिक मामलों में पूर्व सांसद को मिली जमानत रद्द करने के लिए आवेदन दाखिल करें।
इससे पूर्व, 23 मई को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल शशि प्रकाश सिंह और राज्य सरकार के वकील से 25 मई तक पीठ को इस बात से अवगत कराने को कहा था कि इस तरह की आपराधिक पृष्ठभूमि वाले एक व्यक्ति को कैसे वाई श्रेणी की सुरक्षा उपलब्ध कराई गई है और ऐसे व्यक्ति से सुरक्षा वापस क्यों नहीं ली गई है जो हत्या के सात मामलों समेत 24 आपराधिक मामलों में कथित तौर पर शामिल है। मुख्य न्यायाधीश डी.बी. भोसले और न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की पीठ ने जौनपुर के प्रहलाद गुप्ता नाम के व्यक्ति द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान संबद्घ पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मामले का निस्तारण कर दिया।
गुप्ता ने पूर्व सांसद और जौनपुर से ताल्लुक रखने वाले धनंजय सिंह को दी गई वाई श्रेणी की सुरक्षा वापस लिए जाने की मांग की थी। इस अदालत के संज्ञान में यह बात भी लाई गई थी कि पूर्व सांसद को सुरक्षा कवर उपलब्ध कराए जाने के बाद उनके खिलाफ और चार आपराधिक मामले दर्ज किए गए। पीठ को यह भी बताया गया था कि पूर्व सांसद सुरक्षा कवर का दुरुपयोग कर रहे हैं और अपराध को अंजाम दे रहे हैं
इस अदालत के संज्ञान में यह बात भी लाई गई थी कि पूर्व सांसद को सुरक्षा कवर उपलब्ध कराए जाने के बाद उनके खिलाफ और चार आपराधिक मामले दर्ज किए गए। पीठ को यह भी बताया गया था कि पूर्व सांसद सुरक्षा कवर का दुरुपयोग कर रहे हैं और अपराध को अंजाम दे रहे हैं।
1.इस समाचार में कालीकुत्ती लिखा है जबकि ऑन पेपर शास्त्रीनगर है
2.अपराधी लिखा गया है ,अपराध कहां सिद्ध है।
3.अभियुक्त गण के बजाय आरोपित शब्द उपयुक्त है।
4.रविवार रात्रि 2बजे गिरफ्तारी हुई है जबकि सोमवार तड़के लिखा गया है।