: चौथी दुनिया का बड़ा खुलासा, पेश है श्रंखलाबद्ध दास्तान : श्रद्धा जैन ने खुलासा किया कि कैसे हत्या हुई : फ्रीलांसिंग से शुरुआत कर एंटरटेनमेंट एडिटर बनी : डिस्ट्रिब्यूशन्स हेड आदित्य चौकसे ने सालों चली ब्लैकमेलिंग की ये स्क्रिप्ट लिखी : कलम का छिनरपन- दो :
दोलत्ती संवाददाता
इंदौर : (गतांक से आगे) दैनिक भास्कर के ग्रुप एडिटर कल्पेश याग्निक की आत्महत्या दरअसल सोची-समझी हत्या है, जिसकी योजना सालों पहले बनी थी। सलोनी अरोड़ा और रिलायंस एंटरटेनमेंट के फिल्म डिस्ट्रिब्यूशन्स हेड आदित्य चौकसे ने लिव-इन रिलेशनशिप के दौरान इस हत्या की स्क्रिप्ट लिखी और इसे पूरी तरह कार्यान्वित भी किया। किसी अपराध फिल्म की तर्ज पर मशहूर पत्रकार ग्रुप एडिटर कल्पेश याग्निक की जान इस तरह ली गई कि वह हत्या न लगकर सिर्फ आत्महत्या लगे। सलोनी अरोड़ा और रिलायंस एंटरटेनमेंट के फिल्म डिस्ट्रिब्यूशन्स हेड आदित्य चौकसे ने ग्रुप एडिटर कल्पेश याग्निक को उनके परिवार से अलग कर दिया, उनके अखबार के प्रबंधन को उनके खिलाफ कर दिया और अंत में उनकी जिंदगी को क्रूरतापूर्वक छीन लिया। भावुक और सिर्फ पत्रकारिता करने वाले पत्रकार ग्रुप एडिटर कल्पेश याग्निक चौतरफा तनाव को बर्दाश्त नहीं कर पाए, क्योंकि उनका कोई दोस्त नहीं था, सिर्फ पत्रकारिता ही उनकी मित्र थी। चौथी दुनिया से जुड़ीं पत्रकार श्रद्धा जैन ने कल्पेश याग्निक की आत्महत्या का पूरा खुलासा किया है, और बताया कि कैसे ये सोची-समझी हत्या है।
12 जुलाई 2018 की रात करीब साढ़े 10 बजे दैनिक भास्कर के ग्रुप एडिटर कल्पेश याग्निक इंदौर स्थित ऑफिस की कार पार्किंग में गिरे हुए पाए गए थे। उन्होंने बिल्डिंग के तीसरे माले से कूदकर अपनी जान देने की कोशिश की थी। बॉम्बे हॉस्पिटल पहुंचने के कुछ देर बाद ही डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। आखिर ऐसा क्या हुआ कि 55 साल के इस प्रतिष्ठित पत्रकार और प्रखर वक्ता को आत्महत्या करने के लिए मजबूर होना पड़ा। जो व्यक्ति सालों तक ‘असंभव के विरुद्ध’ कॉलम लिखकर लाखों लोगों को प्रेरणा देता रहा, उसे एक महिला की ब्लैकमेलिंग के आगे घुटने टेकने पड़ गए। 42 साल की पत्रकार सलोनी अरोड़ा और उसके दोस्त रिलायंस एंटरटेनमेंट के फिल्म डिस्ट्रिब्यूशन्स हेड आदित्य चौकसे ने आखिर कैसे सालों तक चली ब्लैकमेलिंग की ये स्क्रिप्ट लिखी, जिसका अंत ग्रुप एडिटर कल्पेश याग्निक की जिंदगी के खात्मे के साथ हुआ।
इस इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट में हमने न केवल वो कारण तलाशे, बल्कि कई सालों से लिखी जा रही ब्लैकमेलिंग की इस स्क्रिप्ट के हर पहलू और हर किरदार के बारे में गहराई से छानबीन की, जिसके चलते पहले ग्रुप एडिटर कल्पेश याग्निक की इज्जत और फिर उनकी जिंदगी ही भेंट चढ़ गई। (क्रमश:)
इसके बाद हम ऐसे सेक्स-पीडि़त सम्पादकों-पत्रकारों पर श्रंखलाबद्ध रिपोर्ताज पेश करेंगे। हमारी इस श्रंखला की बाकी कडि़यों को देखने के लिए कृपया निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए:-
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