कोरोना का कहर तोड़ना हो तो सतर्कतापूर्ण एक महीना जरूरी

दोलत्ती

: यह भी अफवाह ही है कि यह वायरस लिंग या उम्र में भेद करता है : हालत उतनी बुरी है, जितनी आप सोच भी नहीं सकते :
दोलत्‍ती संवाददाता
लखनऊ : शर्तिया, यह खबर हर इंसान को दहला देगी, लेकिन इसे सुनाए बिना गुज़रा नामुमकिन है। वजह यह हमारे-आपके और आसपास होने वाली उन लाशों की हो सकती है, अगरचे आपने इस खबर को ठीक से न सुना-समझा और लागू न किया, तो।
पेरिस (फ्रांस) में डॉक्टरल और चेक गणराज्य की नैंसी यूनिवर्सिटी में पोस्ट-डॉक्टरल कर रहे राहुल मिश्र ने यह खबर भेजी है। राहुल के मुताबिक इटली में 42,000 लोग कोरोना वायरस से बीमार हुए थे। उसमें से 5,000 लोगों की सांसें इसी वायरस ने हमेशा-हमेशा के लिए तोड़ डालीं।
मतलब, मृत्युदर 11 फीसदी के करीब!
ये तब है जबकि इटली में 2 हफ्तों से lockdown है। यानी सम्पूर्ण बंदी।
चीन के आंकड़ों पर तो आप हम भरोसा कर ही नहीं सकते। उसकी ख़बरें लायक ही नहीं हो सकती है। वजह यह कि अब तक साबित हो चुका है कि चीन ने इस वायरस के संक्रमण और उससे अपने लोगों की मरने वालों की संख्या दुनिया से छुपायी।
राहुल बताते हैं कि नीचे दर्ज ग्राफ़ से साफ है कि यह वायरस लिंग या उम्र में भेद नहीं करता। स्थिति बहुत ख़राब है। उतना, कि जितना ने आपने कभी कल्पना में भी न सोचा होगा। उससे कहीं ज़्यादा। बेहिसाब। आकलनों की हर सीमाओं से भी परे।
इसलिए घर बैठिये, कम से कम लोगों से मिलिये। दस्ताने-रुमाल से ढक कर निकलिये। हाथ धुले बिना अपना चेहरा या किसी और को मत छूइये।
और सबसे बुरी चेतावनी यह, कि इस सतर्कता सिर्फ आज ही नहीं, बल्कि कम से कम पूरे महीने।

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