: छोड़ो डिप्टी साहब। यह तुम्हारे बस की बात नहीं : डेढ़ करोड़ की सड़क की मंजूरी की खुशी में पूर्व सांसद को श्रद्धांजलियां परोस डालीं : राजधानी की कई बड़ी सड़कें बर्बाद हैं, खुदी पड़ी हैं :
कुमार सौवीर
लखनऊ : अपने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने एक लाजवाब पकवान पकाया है। जिसमें हर्ष, उल्लास, प्रसन्नता और आनंद के साथ ही साथ उम्मीदों को चुरवाया है। इतना ही नहीं, इसमें दुख, कष्ट,आंसू, व्याकुलता और अपार पीड़ा भी मिला डाली है। गजब पुलाव पकवा दिया। लेकिन लोगों को इसका स्वाद पसंद नहीं आया। कुछ विघ्न-संतोषी लोगों ने इस पर कानाफूंसी करनी शुरू कर दी।
यह तो संविधान में कभी भी दर्ज नहीं है कि हर आदमी हर काम कर डालेगा। लेकिन यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या की बात अलग है। वे पराक्रमी हैं, साहसी हैं, जोशीले हैं और हर काम को करने में हिचकते नहीं हैं। अब यह दीगर बात है कि उनका किया-धरा काम किस श्रेणी का होता है, उसका अंजाम क्या होता है। केशव प्रसाद को इसकी चिंता भी नहीं होती है। लेकिन इसी बीच न जाने किसने केशव मौर्या को यह सलाह दे दी, कि वे अपना प्रचार ट्विटर और फेसबुक आदि सोशल साइट्स पर किया करें।
बस, यहीं गड़बड हो गया। दरअसल, हुआ यह कि उन्होंने दो दिन पहले अपने गाजीपुर के एक गांव के लिए सड़क निर्माण के लिए डेढ़ करोड़ रूपयों की मंजूरी दे दी होगी। उस मंजूरी को उन्होंने हर्ष जताते हुए एक फेसबुक पर संदेश दे मारा। इसमें कोई खास बात नहीं थी, लेकिन उसके साथ जो फोटो उन्होंने फेसबुक पर शेयर की, वह हर्ष के बजाय शोक-संवेदना जताने वाली थी।
हालांकि काफी देर बाद उन्हें कई लोगों ने टोका, तो केशव मौर्या की निद्रा टूटी। आनन-फानन उन्होंने फेसबुक पर वह संदेश हटाया और उसकी जगह एक दूसरा संदेश लिखा।