यूपी में कोरोना: आला अफसर की हरकत से जन-स्‍वास्‍थ्‍य ठेंगे पर

दोलत्ती

: विदेश से लौटी बेटियों को बिना सूचना दिये छिपाया इस अफसर ने : पेरिस और लंदन से लौटी बेटियों पर कोरंटाइन कानून ठेंगे पर :
कुमार सौवीर
लखनऊ : यूपी के एक बड़े दिग्‍गज अफसर हैं। प्रदेश में विकास का जिम्‍मा सम्‍भालने की बागडोर उनके ही हाथों में है। इतना ही नहीं, वे एक नहीं, कई-कई ओहदों-कुर्सियों पर आसीन हैं। उन्‍होंने एक आदेश भी जारी किया है कि पूरी दुनिया में महामारी घोषित कर चुके कोविड-19 यानी कोरोना वायरस को फैलाने से रोकने के लिए सभी प्रशासनिक कार्यालयों में आने वाले लोगों के प्रवेश को प्रतिबंधित करने का निर्देश दिया है। इस अफसर ने अपने अधिकारियों से यह भी कहा कि ये निर्देश अगले करीब एक महीने तक जारी रहेंगे और स्थिति के अनुसार इसे बढ़ाया जा सकता है। उस समय तक, अधिकारियों को ऑनलाइन कार्य करने के लिए कहा गया है।
यह तो है कोरोना से निपटने के लिए होने वाली सरकारी कवायदों की घोषणाएं। लेकिन दूसरी ओर अब हम आपको दिखाते हैं कोरोना महामारी को फैलाने के लिए की गयीं यूपी के आला अफसर की करतूतें। ऐसी करतूतें, जिन्‍होंने न केवल कोरोना को रोकने वाली सरकारी कवायदों का मजाक तो बनाया ही, साथ ही साथ अपनी ऐसी हरकत के चलते पूरे प्रदेश और देश को भी मौत के घाट उतारने की अक्षम्‍य हरकत भी कर डाली।
जी हां, लखनऊ में कनिका कपूर से ज्‍यादा गैरजिम्‍मेदार, और आपराधिक कृत्‍य करने वाले साबित हुए हैं यूपी के यह अफसर, जिन्‍होंने सैकड़ों, हजारों, लाखों मासूम नागरिकों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर डाला। वह भी तब जबकि यूपी समेत पूरा देश अब जनता-कर्फ्यू जैसी उन कवायदों में जुटा हुआ है, ताकि कोरोना का कैसे भी हो, रोक लिया जाए। और हमारे प्रदेश, समाज और देश को वुहान, इटली, ईरान जैसे हालातों से बचाया जा सके।
हुआ यह कि इस अफसर की एक बेटी पेरिस से पिछले 12 मार्च को और दूसरी 18 मार्च को लंदन से लौटी थी। नियमानुसार बाहर से आये यात्रियों को 14 दिन के कारेंटाइन यानी एकांतवास पर भेजा जाना चाहिए। लेकिन सूत्र बताते हैं कि इस अफसर ने अपनी हैसियत का इस्‍तेमाल किया और इन बेटियों को कोरेंटाइन से छूट दिला दी। हालांकि अब तक यह नहीं पता चल पाया है कि इस अफसर केी बेटियां इस समय कहां हैं। हालांकि एक सूत्र ने बताया है कि इस अफसर ने बेटियों को घर में ही कोरंटाइन कर दिया है। लेकिन यह गैर-कानूनी हरकत है। ऐसी किसी भी सूचना को सरकारी विभागों को पहुचाना अनिवार्य होता है, जबकि इस अफसर ने ऐसा नहीं किया और जन-स्‍वास्‍थ्‍य का माखौल उडा दिया। इतना ही नहीं, इस पूरे दौरान इस अफसर ने दिल्‍ली, नोएडा, लखनऊ समेत कई जगहों पर मीटिंग्‍स भी कीं।
दोलत्‍ती संवाददाता टीम ने इस अफसर, उसके दफ्तर के फोन, लखनऊ स्थित कई बड़े संबंधित अफसरों को फोन किया, लेकिन लेकिन हैरत की बात है कि उनमें से किसी ने भी कोई भी जवाब नहीं दिया। इतना ही नहीं, एसएमएस और वाट्सएप पर भी कोई जवाब नहीं मिल पाया दोलत्‍ती टीम को।

2 thoughts on “यूपी में कोरोना: आला अफसर की हरकत से जन-स्‍वास्‍थ्‍य ठेंगे पर

  1. नाम लेने में इतना संकोच क्यों जब इतना सब आप जानते हैं उस अधिकारी के बारे में

    1. फिर तो सच का खुलासा और उस अफसर को जगजाहिर करने का जिम्मा तो आप खुद कर सकते हैं।

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