: समाचार-प्लस के मालिक उमेश शर्मा की गिरफ्तारी से उठे गहरे सवाल : हरीश रावत का स्टिंग-ऑपरेशन कर कांग्रेस का चूलें ढीले कर चुका था उमेश : अब त्रिवेंद्र रावत का स्टिंग करने में जुटा था यह चैनल का मालिक :
कुमार सौवीर
लखनऊ : नाम है उमेश शर्मा, उर्फ जय कुमार। उम्र करीब 42 बरस। ओहदा है समाचार-प्लस नामक एक न्यूज चैनल का मालिक और सम्पादक। धंधा है ब्लैकमेलिंग। तरीका है बड़े नेताओं और दिग्गज अफसरों का स्टिंग कर उन्हें अपनी उंगलियों में नचाना। सफलता है उत्तराखंड की कांग्रेस वाली हरीश रावत की सरकार को नेस्तनाबूत कर देना। आज हालत यह है कि यही उमेश शर्मा अब देहरादून जेल की मोटी सलाखों के पीछे कोठरी में पहुंच चुका है।
करीब दो बरस पहले का किस्सा है। जब तब के मुख्यमंत्री हरीश रावत की सरकार को हिला दिया था उमेश शर्मा ने। उत्तराखंड में शराब के धंधे में मोटी रकम उगाहने और विधायकों की खरीद-फरोख्त का एक स्टिंग ऑपरेशन किया था समाचार-प्लस ने। इस पर सरकार धड़ाम हो गयी और सीएम के सचिव को निलम्बित कर दिया गया था। पूरी कांग्रेस की सरकार के चेहरे पर कालिख पुत गयी थी। सभी जानते थे कि यह हरकत भाजपा के इशारे पर संचालित हुई थी। वजह यह कि इसके बाद से ही भाजपा के दिग्गजों तक उमेश शर्मा की खासी करीबी बढ़ गयी थी। इतना ही नहीं, बताते हैं कि उमेश शर्मा की सुरक्षा में सीआरपीएफ के चार कमांडों तैनात कर दिये गये थे। चर्चाओं के अनुसार अत्याधुनिक असलहों से लैस इन कमांडों की तैनाती के लिए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की सहमति दी गयी थी।
लेकिन बताते हैं कि अपनी इस सफलता से प्रफुल्लित उमेश शर्मा के हौसले बहुत ज्यादा बढ़ गये थे। किसी बिगड़ैल सांड़ की तरह उमेश शर्मा अब जहां-तहां जिस-किस को भी सींग मारता घूमने लगा। उसका धंधा चौकस हो गया। भाजपा नेतृत्व का हाथ उसके सिर पर जो था ही, फिर उसे डर ही नहीं लगा। त्रिवेंद्र रावत सरकार में नौकरशाही में उसकी पकड़ लगातार तेज होती गयी। इन सारी चीजों के चलते वह लगातार आत्मरति बनता जा रहा। उसे लगने लगा था कि जब वह हरीश रावत जैसे मुख्यमंत्री और कांग्रेस जैसी पार्टी का बेड़ा गर्क कर सकता है, तो फिर बाकी बातें उसके लिए बेकार ही हैं।
अपनी इसी बेअंदाज रफ्तार के चलते एक दिन फैसला कर लिया कि वह मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को नेस्तनाबूत कर डालेगा। उसे लग रहा था कि इसके बाद उसका डंका पूरे देश में बज जाएगा और उसकी साख किसी भी कद्दावर को उखाड़ने या जमाने में बन जाएगी। फिर वह जो कुछ भी चाहेगा, कर डालेगा। इसके लिए उसने अपने मुंहलगे पत्रकार कर्मचारी को लगाया और महीनों तक त्रिवेंद्र रावत की जड़ें खोजने के लिए स्टिंग ऑपरेशन में जुट गया। इसके लिए उसने कई बड़े अफसरों और नेताओं का भी सहारा लिया, जो उसके खेमे के माने जाते थे।
लेकिन यहां उसका दांव उल्टा हो गया। इस साजिश का खुलासा त्रिवेंद्र रावत के सामने हो गया। त्रिवेंद्र ने पुलिस लगा दी, मामला सर्विलांस पर लगा दिया गया। और जब सरकार को ईत्मीनान हो गया कि उमेश शर्मा उर्फ जय कुमार केवल उसका ही नहीं, बल्कि भाजपा सरकार की जड़ें भी खोद कर उसे नंगा करने की साजिश में है, तो सरकार ने पुलिस को हरी झंडी दी दी। लेकिन सूत्र बताते हैं कि इसके पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अमित शाह और राजनाथ सिंह से इस सांप का फन कुचलने की इजाजत हासिल कर ली।
और आखिरकार दो आईपीएस अफसरों के साथ वाली देहरादून की पुलिस की एक बड़ी पुलिस टीम ने उमेश शर्मा के कद को घुटने से दो इंच कम कर दिया।