कांगेसियों की बात दीगर, पर भाजपा नेता शराब तस्‍कर ?

दोलत्ती

: सलेमपुर का ब्‍लॉक प्रमुख राजेश सिंह मंटू समेत तीन लोग रंगेहाथों दबोचे गये : अदा किया पचास हजार का मुचलका, रिहा :
कुमार सौवीर
देवरिया : पिछले करीब सात बरसों से बेरोजगार चल रहे कांग्रेसियों ने अगर अपनी आजीविका शराब की तस्‍करी में खोज ली है, तो उसमें हैरत की क्‍या बात है। आजकल खाते-पीते खानदान के तौर पर फल-फूल रहे भाजपाइयों की करतूतें तो देखिये न, तो आप भौंचक हो जाएंगे। खबर है कि देवरिया में भारतीय जनता पार्टी के एक बड़े नेता को पुलिस ने शराब की तस्‍करी करते दबोचा है। भगवा पार्टी का यह पदाधिकारी यहां एक ब्‍लॉक का प्रमुख भी है। शराब की गैरकानूनी धंधे में लिप्‍त इस ब्‍लाक प्रमुख का नाम राजेश सिंह उर्फ मंटू बताया जाता है। ज्ञातव्‍य है कि राजेश मंटू ने योगी सरकार बनने पर सपा पर तमाचा मारते हुए भाजपा का झंडा थाम लिया था।
इतना ही नहीं, यह नेता यहां कोरोना से पीडि़त लोगों को राहत बांटने के नाम पर प्रशासन से बाकायदा पास हासिल किये थे और उसी राहत अभियान के तहत अपनी गाड़ी से शराब की तस्‍करी और उसकी बिक्री कर रहा था। शर्मनाक बात तो यह है कि इस ब्‍लॉक प्रमुख को पुलिस ने रंगेहाथों पकड़ा, लेकिन कुछ ही देर में उसे मुचलके पर ससम्‍मान छोड़ भी दिया। बताते हैं कि इस पदाधिकारी के रिश्‍ते भाजपा के ऊंचे नेताओं और पदाधिकारियों से हैं। बस एक फोन किया था, और एसपी साहब की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गयी। आनन-फानन इस पदाधिकारी को पुलिस ने रिहा कर दिया।
आपको बता दें कि दिल्‍ली पुलिस ने बीती शाम कांग्रेस के एक नेता समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है। यह लोग एक कार से हरियाणा से दिल्‍ली आ रहे थे। सीमा पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने इस कार को पूछतांछ के लिए रोका। बातचीत के दौरान पुलिस को शक हुआ, तो उसने कार की तलाशी शुरू कर दी। पुलिसवाले हैरत में आ गये कि इस कार में भारी तादात में शराब भरी पड़ी थी। पूछतांछ के दौरान पकड़े गये लोगों ने कुबूला कि वे यह शराब दिल्‍ली में तस्‍करी करके ला रहे थे और दिल्‍ली में उनका मकसद इस शराब को ऊंचे दाम पर बेचना था। सूत्र बताते हैं कि यह नेता कांग्रेस का राष्‍ट्रीय सचिव है।
यह तो कांग्रेसी नेता की करतूत है। कांग्रेस पिछले सात बरस से सत्‍ता से बेदखल है इसलिए उसके नेतागण पूरी तरह बेरोजगार हो चुके हैं। लेकिन हैरत की बात तो यह है कि भाजपा जैसी सत्‍ताधारी पार्टी के बड़े नेता भी अपनी कमाई के लिए शराब की तस्‍करी ही नहीं, अपनी ही पार्टी की नाक काटने पर आमादा हैं। जाहिर है कि यह हादसा शर्मनाक ही कहा जाएगा। खास तौर पर तब, जब पकड़ा गया यह नेता स्‍थानीय सांसद समेत कई बड़े नेताओं का करीबी है और इसलिए उसकी प्रशासन और पुलिस में खासी धाक है।
बताते हैं कि सलेमपुर में बनकटा के ब्‍लॉक प्रमुख हैं राजेश सिंह मंटू केवल जिला ही नही, बल्कि प्रदेश के कई सीमावर्ती जिलों में शराब के बडे ठेकेदार माना जाता है। जायज ठेके अलावा भी इस मंटू के कई बेनामी ठेके हैं, जहां अवैध शराब बेची जाती है। नाजायज और कच्‍ची शराब की बिक्री में भी राजेश मंटू की खासी ख्‍याति है। बिहार तक में राजेश मंटू शराब की अवैध खपत के धंधे में लिप्‍त बताया जाता है।
कोरोना की महामारी को लेकर राजेश सिंह मंटू ने अपना योगदान करने की ख्वाहिश प्रशासन और पुलिस के सामने जाहिर की थी। उसने प्रशासन-पुलिस से कहा था कि कोरोना की तालाबंदी जैसी हालत में बेरोजगार हो चुके लोगों की हालत भुखमरी की स्थिति तक पहुंच चुकी है, इसलिए वह उन वंचित लोगों तक राहत पहुंचाना चाहता है। इसके लिए मंटू ने प्रशासन से राहत-वाहन के तौर पर एक वाहन-पास भी मांगा। यह प्रस्‍ताव देखते ही प्रशासन व पुलिस में लगे लोग भौंचक हो गये थे। लेकिन उन्‍हें लगा कि वह वाकई आम आदमी तक राहत का पुण्‍य-कर्म करना चाहता है, इसलिए प्रशासन ने उसे एक वाहन पास जारी कर दिया। यह पास उसकी बेशकीमती फार्च्‍यूनर कार के नम्‍बर पर जारी हुआ था।
बीती दोपहर बनकटा की पुलिस ने एक जांच के दौरान मंटू और उसके दो अन्‍य साथियों को भारी तादात में अवैध शराब के साथ गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी के बाद से ही राजनीति और प्रशासन में खलबली मच गयी। बताते हैं कि मंटू एक सांसद का करीबी और फाइनेंसर भी है। कई और बड़े नेताओं और अफसरों से उसकी करीबी आमदरफ्त है। नतीजा यह हुआ कि चंद घंटों के बाद ही पुलिस ने पकड़े गये सभी तीनों लोगों को पचास-पचास हजार रूपयों के मुचलका भरने के बाद रिहा कर दिया।

सूत्र बताते हैं कि सलेमपुर के ब्‍लाक प्रमुख राजेश सिंह मंटू की राजनीति भाजपा की नीतियों के लिए नहीं, बल्कि विशुद्ध आपराधिक गतिविधियों के लिए ही रही है। इसके पहले जब समाजवादी पार्टी की सरकार थी, मंटू सपा का समर्पित कार्यकर्ता की तरह सपा का झंडा फहराया करता था। लेकिन जैसे ही भाजपा की सरकार आयी, मंटू की आस्‍था अचानक ही श्रीराम के प्रति गहन हो गयी। सपाई होते हुए भी उसने सपा को ठेंगा दिखाया और सपा-सुप्रीमो अखिलेश यादव के चेहरे पर बाकायदा एक करारा तमाचा मारते हुए श्रीराम का घोष और हाथों में भाजपाई झंडा थमा लिया। जय श्रीराम के नारे लगाते हुए उसने अयोध्या यात्रा निकाली, जिसमें सांसद रवींद्र कुशवाहा, विधायक काली प्रसाद ने उसकी यात्रा को संयुक्त रूप से भाजपा का झंडा दिखाकर रवाना किया। सुबह इसका फोटो सोशल मीडिया में वायरल हुआ तो चर्चाएं शुरू हो गयी। इस पर हल्‍ला मचा तो ब्लॉक प्रमुख राजेश सिंह मंटू ने बताया कि मैं सपा में हूं। श्रीराम में मेरी आस्था है। उनका मंदिर बनाने के लिए अयोध्या आया हूं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *