पत्रकार न जूझता, तो युवकों को बर्बाद कर देता यह एसपी

बिटिया खबर

: जियो सौरभ शुक्‍ला। इसे कहते हैं पत्रकारिता : कप्‍तान ने सहारनपुर की हवालात में किसी का पैर तोड़ा, तो किसी का सिर या हाथ : पत्रकार से विधायक बने शलभमणि त्रिपाठी ने वीडियो को बताया ‘रिटर्न गिफ्ट’ : पूरा हवालात नर्क बना डाला था कप्‍तान ने :

आनंदस्‍वरूप वर्मा

नोएडा : एनडीटीवी के पत्रकार सौरभ शुक्ला के प्रति हम सबको खुलकर सम्मान प्रकट करना चाहिए। सौरभ ने अथक परिश्रम कर सहारनपुर के मुस्लिम युवकों की थाने में पिटाई की उन बातों का खुलासा किया जिसे वहां के एसपी (सिटी) लगातार छिपा रहे थे, आईपीएस अफसर होने के बावजूद लगातार झूठ बोल रहे थे और वीडियो में दिखाए गए सच पर पर्दा डाल रहे थे।

मैं उस वीडियो की बात कर रहा हूं जिसे शलभ मणि त्रिपाठी ने ‘रिटर्न गिफ्ट’ शीर्षक के साथ जारी किया था। शलभ मणि त्रिपाठी पहले एक चैनल में पत्रकार थे पर अब भाजपा के विधायक हैं। इस वीडियो में थाने के अंदर 8-10 मुस्लिम युवकों को पुलिस बर्बरतापूर्वक लाठी से पीट रही है और वे लगातार चीख़ रहे हैं। उनमें से किसी का हाथ टूट गया तो किसी का पैर लेकिन पुलिस की लाठी नहीं रुकी। वह वीडियो कोई भी देखेगा तो दहल जाएगा लेकिन शलभ मणि ने बड़े गर्व के साथ इसे जारी किया है। हैरानी होती है के इस पूर्व पत्रकार के अंदर इतनी क्रूरता और संवेदनहीनता कहां से प्रवेश कर गई।
एनडीटीवी के पत्रकार सौरभ शुक्ला ने इस वीडियो की छानबीन की और सहारनपुर के एसपी (सिटी) राजेश कुमार से जानना चाहा कि क्या यह वीडियो उन के जिले का है। उन्होंने साफ इनकार कर दिया कि यह उनके जिले का नहीं है। सौरभ ने पिट रहे युवकों के घरों की तलाश की और उनके परिवारजनों से मिले और यह प्रमाणित हुआ कि सभी युवक सहारनपुर के हैं और एसपी ने झूठ बोला था कि यह उनके जिले का मामला नहीं है। पुलिस की अभूतपूर्व क्रूरता, वीडियो का वायरल होना और सौरभ शुक्ला तथा उनके चैनल की सक्रियता ने एसएसपी को यह कहने के लिए मजबूर किया कि यह बर्बरता उनके ही जिले में हुई है और वह इसकी जांच का आदेश दे रहे हैं।
हम गोदी मीडिया के दलाल ऐंकरों व रिपोर्टरों या संपादकों के चेहरे रोज देखते हैं और पहचानते हैं। लेकिन सौरभ शुक्ला सहित कुछ ऐसे पत्रकार भी हैं जो गिने-चुने टीवी चैनलों और ऑनलाइन चैनलों पर सक्रिय हैं। हमें उनकी ईमानदारी और साहस को पहचानना चाहिए और उनके बारे में चर्चा करनी चाहिए। ऐसे लोग ही इस अंधे युग में पत्रकारिता की मशाल जलाए हुए हैं।
उनका हौसला बढ़ाइए।
यह खबर लिखी है आनंद स्‍वरूप वर्मा ने। पिछले 55 बरस से पत्रकारिता के माध्‍यम से देश-विदेश में अपनी एक अनूठी छवि बनाये रखे हैं श्री वर्मा। पिछले तीन दशकों से वे समकालीन तीसरी दुनिया का प्रकाशन कर रहे हैं।

3 thoughts on “पत्रकार न जूझता, तो युवकों को बर्बाद कर देता यह एसपी

  1. बेहतरीन रिपोर्ट है..

    सुप्रीम कोर्ट में इस वीडियो को भेजा जाना चाहिए….

    विषय को प्रमुखता देने के लिए साधुवाद, सौवीर.

  2. But what about these peacekeeprs indulging in rioting & issuing rape & death threat to a lady for stating a statement of facts from Asmani kitaab & prophets life.Why there is so violent protest against hindus. Ye sare sickuliar media wale khas taur se DangaTv( Ndtv) wale chupate hain shantidooton ki havaniyat ko

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