बस्‍ती के पत्रकारों में बलियाटिक कदमताल। बोले, डीएम चोर है

बिटिया खबर

: साथियों से हुए प्रशासनिक उत्पीड़न पर बस्ती भी उबला, जनपद के पत्रकारों मे आक्रोश : बोर्ड परीक्षा के प्रश्न पत्र डीएम की निगरानी में रखे जाते हैं। उसके बावजूद पेपर लीक हो गया सबसे बड़ी तो नाकामी बलिया के डीएम की है उस को सस्पेंड करना चाहिए :

दोलत्‍ती संवाददाता

बस्ती : यूपी बोर्ड परीक्षा इंटरमीडिएट के अग्रेजी पेपर लीक के मामले में बलिया जनपद के पत्रकारों को प्रशासन ने जांच के नाम पर गिरफ्तार कर उन्हें जेल भेज दिया था, जिसके विरोध में बस्ती जनपद के पत्रकारों ने बस्ती के डीएम का घेराव कर बलिया डीएम के खिलाफ जमकर नारेबाजी किया।

बलिया का नेशनल-गेम

प्रेसक्लब से जिलाधिकारी बस्ती के कार्यालय तक पैदल मार्च करते हुये एक दिवसीय विरोध प्रदर्शन करते हुए,जिला अधिकारी बस्ती को अपनी मांगों को लेकर राज्यपाल के नाम ज्ञापन भी सौंपा। बस्ती के ग्रामीण एसोशिएशन के जिला अध्यक्ष अवधेश तिवारी के नेतृत्व मे जिले के सभी पत्रकार साथियों ने बलिया के मामले में पत्रकारों की गिरफ्तारी के विरोध में पैदल मार्च करते हुये धरना प्रदर्शन जिलाधिकारी का घेराव किया। पत्रकारों ने कहा की देश का चौथा स्तंभ पत्रकार है लेकिन आज के समय में यह चौथा स्थान में सबसे कमजोर हो गया है। हम सचाई दिखाने का प्रयास करते हैं तो शासन-प्रशासन उल्टा हमें जेल भेजता है। यही बलिया में पत्रकारों के साथ में हुआ है।

डीएम साहेब ! तुम चोर हो क्‍या ?

बोर्ड परीक्षा के प्रश्न पत्र डीएम की निगरानी में रखे जाते हैं। उसके बावजूद पेपर लीक हो गया सबसे बड़ी तो नाकामी बलिया के डीएम की है उस को सस्पेंड करना चाहिए। लेकिन उस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। उल्टा सच्चाई दिखाने और छापने वाले पत्रकारों को जांच के नाम पर गिरफ्तार कर उन्हें जेल भेज दिया गया है। उन पत्रकारों को तुरंत रिहा किया जाये और दर्ज मुकदमे वापस लिए जाये और डीएम बलिया व एसपी बलिया सहित अन्य अधिकारियों की भूमिका की न्यायिक जाँच कराई जायें। उन्‍होंने कहा कि पत्रकार के किसी भी मामले मे बिना राजपत्रित अधिकारी स्तर से जाँच करवायें बिना गिरफ्तार न किया जायें,।

बलिया में दो-कौड़ी का डीएम: कर दिया “शूट द मैसेंजर”

आज हम सब पत्रकार साथियों के साथ विरोध करते हुए प्रदर्शन कर रहे है। साथ ही डीएम बस्ती को ज्ञापन भी राज्यपाल के नाम सौपा है कि आरोपी पर कार्रवाई होनी चाहिए और निर्दोष पत्रकारों को सम्मान सहित रिहा किया जाना चाहिए। अन्यथा की दशा मे कलम के सिपाही अनिश्चितकालीन धरने पर जाने को मजबूर होगें।

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