खबर नहीं, कटोरा लेकर घूमता है यौन-विक्षिप्‍त संपादक

बिटिया खबर

: प्रधान संपादक छिछोरा, जूनियर जवांमर्द निकला, यह हालत है एक समूह समाचार संस्‍थान में की : एचआर महिलाकर्मी को कमरे में बहुत दिनों से एकांत में बुला रहा था बड़का संपादक : दूसरी महिला कर्मी को विज्ञापन पार्टी से मिलाने के बहाने लखनऊस्टेशन ले गए, फूट फूट कर रोई युवती :

दोलत्‍ती संवाददाता

लखनऊ : यह संपादक तो बेहद छिछोरा और छिनरा निकला। खबरों के समंदर पर गोता लगाने वाले इस प्रधान संपादक को अब खबरों की तनिक भी दरकार नहीं रही। पहले तो वह सरकार और सरकारी विभागों के बीच में अपने अखबार के बीच विज्ञापनों को लेकर दलाली किया करता था, लेकिन अब तो वह कटोरा लेकर अपनी यौन-इच्‍छाओं का नि:शुल्‍क भीख मांगने में जुटा है। यौन-विक्षिप्‍तता की बदहाली का हालत यह है कि यह बड़ा संपादक अब अपने दफ्तर में ही अपनी एयाशियां में जुट जाता है। फिलहाल तो खबर यह है कि इस करतूतों के चलते इस अखबार में हंगामा खड़ा हो गया है। पता चला है कि अखबार के स्‍थानीय संपादक ने अपने प्रबंध संपादक की यौन-इच्‍छाओं का विरोध करते हुए अपने संस्‍थान की नौकरी को लात मार दी है। यह हालत है उप्र में एक नवोदित एक समाचार पत्र की, जिसने जल्‍दी ही अपना आकार समाचार समूह के तौर पर तब्‍दील कर लिया, लेकिन अखबार को अखबार के बजाय अब यहां अब शराब और घुंघरुओं की झनकार ने खबरों को एक नयी तर्ज की खबरों को कोर्निश करना शुरू कर दिया है।
इस समाचारपत्र के समूह संस्‍थान के प्रधान संपादक के शराब और अय्याशी से जुड़े किस्से प्रतिदिन सामने आ रहे हैं। ताजा किस्सा अखबार की लखनऊ यूनिट का है। यहां कुछ दिन पहले इस समाचारपत्र के समूह के प्रधान संपादक प्रिंटिंग मशीनों की प्रगति देखने के बहाने ऑफिस पहुंचे। उन्होंने एचआर में कार्यरत महिला कर्मचारी को शराब पीकर अकेले अपने केबिन में मिलने के लिए बुलाया। जब महिला कर्मचारी उनसे मिलने नही गयी तो उसे पहले एचआर से हटाकर विज्ञापन की बिलिंग करने में लगाकर उसका डिमोशन कर दिया गया।
उसके बाद विज्ञापन मैनेजर से जबरन निगेटिव रिपोर्ट बनवाकर उसे नौकरी से निकाल दिया गया। इतना ही नहीं, इस समाचारपत्र के समूह के लखनऊ ऑफिस में विज्ञापन की एक लड़की को पार्टी से मिलवाने के बहाने रेलवे स्टेशन पर ले गए। फिर उससे सेक्स की डिमांड रखी। लड़की रोती हुई ऑफिस पहुंची। उसने प्रधान संपादक की इस हरकत की जानकारी स्थानीय संपादक को दी। स्थानीय संपादक ने इस समाचारपत्र के समूह के वाट्सएप ग्रुप पर लिखकर आपत्ति जताई। उनकी प्रधान संपादक से ऑफिस पहुंचने पर नोकझोंक हो गई। इसके बाद समूह के लखनऊ संपादक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
इस समाचारपत्र के समूह के प्रधान संपादक के बारे में अब सरेआम चर्चाएं शुरू हो गयी है कि वे नंबर एक के शराबी और अय्याश हैं। यह बात न केवल इस समाचारपत्र के समूह लखनऊ समेत सभी दफ्तरों के सभी पत्रकार और नेता भी जानते हैं। उनकी इस हरकत से तंग आकर इस समाचारपत्र के समूह के लखनऊ संपादक ने नौकरी छोड़ दी। वो लगभग दो साल पहले अखबार से जुड़े थे।
बताया जाता है कि प्रधान संपादक जब भी लखनऊ ऑफिस के दौरे पर जाते हैं तो वहां कार्यरत महिला कर्मचारियों को किसी न किसी बहाने से अपने केबिन और गेस्ट हाउस में अकेले बुलाते हैं। फिर उनसे शराब के नशे में सेक्स की डिमांड करते हैं। जो महिला कर्मचारी इस काम में उनका सहयोग करती हैं, उनका प्रमोशन जल्दी होने के साथ ही इंक्रीमेंट भी लग जाता है। जो प्रधान संपादक की बात नहीं मानती हैं, उन्हें नौकरी से निकाल दिया जाता है। बताते है कि लखनऊ यूनिट के एचआर विभाग में कार्यरत महिला कर्मचारी को इस संपादक ने कुछ दिन पहले अकेले अपने केबिन में प्राइवेट बात करने के लिए बुलाया था। जब महिला कर्मचारी उनसे अकेले में मिलने नही गयी तो उसे एचआर से हटाकर बिलिंग के काम पर लगा दिया गया।
संपादक इतने तक ही नहीं रुके। उन्‍होंने उसके बाद भी फिर उसे अकेले में बुलाया गया और वह नही गयी तो विज्ञापन मैनेजर ने खराब परफॉर्मेंस बताकर उसे नौकरी से निकाल दिया। इतना ही नहीं, प्रधान संपादक ने विज्ञापन विभाग की एक दूसरी लड़की से कहा कि एक बड़ी विज्ञापन डील हुई है। तुरन्त, उनके साथ रेलवे स्टेशन चलना है। लड़की जब उनके साथ कार में लखनऊ रेलवे स्टेशन पहुंची तो वहां कोई विज्ञापन पार्टी नही थी। सूत्रों के अनुसार प्रधान संपादक ने उससे होटल में चलने को कहा तो वह गुस्सा हो गई। फिर किसी तरह लखनऊ ऑफिस पहुंचकर उसने यह बात स्थानीय संपादक के अलावा स्टॉफ को भी बताई। स्थानीय संपादक ने इस समाचारपत्र के समूह को ग्रुप के प्रधान संपादक की इस हरकत के बारे में लिखकर आपत्ति जताई। बाद में लखनऊ ऑफिस में जाने पर उनकी प्रधान संपादक से इस मुद्दे पर नोकझोंक हो गई तो उन्होंने अखबार छोड़ने का निर्णय ले लिया।

3 thoughts on “खबर नहीं, कटोरा लेकर घूमता है यौन-विक्षिप्‍त संपादक

  1. महोदय ये जिस प्रकार का पोस्ट अपने अपने पोर्टल पर लिखा हे ये सरासर गलत आरोप हे इनका सत्यता से कोई वास्ता नही हे कृपया इस तरह जैसे अपने अखवार का नाम ओपन किया हे उससे संसथान की बदनामी हुई हे और में मानव संसाधन विभाग अमृत विचार का सभी यूनिट का हेड हु और हमारे विभाग में कोई भी किसी भी प्रकार की महिला कर्मचारी से इस तरह कोई व्यबहार नही किया जाता हे . और अपने सीधे अखवार का नाम उजागर किया हे जोकि बिलकुल झूटी खबर हे. अब यदि अपने इस झूटी खबर का खंडन नही किया तो संसथान आपके विरुद भी क़ानूनी कार्यवाही अमल में लाने पर विचार कर रहा हे / आदरणीय संपादक जी के बारे में झूटी खबरे चलाकर उनकी छवि को धूमिल करने का प्रयास किआ जा रहा हे .
    सादर,
    चिंतन राजपूत
    मानव संसाधन विभाग
    अमृत विचार

    1. dolatti
      Attachments
      7:06 PM (13 minutes ago)
      to hr

      श्री चिंतन राजपूत

      कृपया अपने इस पत्र का संदर्भ लेने का कष्‍ट करें।
      आपको बता दें कि हमने इस समाचार को प्रकाशित करने से पहले आपके प्रबंध संपादक श्री शम्‍भू दयाल बाजपेई से उनका पक्ष जानने के लिए फोन किया था।
      लेकिन बातचीत के बीच में ही उन्‍होंने यह कह कर फोन काट दिया था कि उनको मेरी आवाज स्‍पष्‍ट नहीं हो पा रही है। इसके बाद भी मैंने उनसे तीन बार फोन करने की कोशिश की, लेकिन उनका फोन नहीं उठ पाया था।
      हैरत की बात है कि मेरी बात सुनने के बावजूद श्री शम्‍भूदयाल बाजपेई ने उसके बाद मुझे फोन करने की कोई भी कोशिश ही नहीं की।
      बहरहाल, इस मामले को हम आपके अनुसार और आपके इस विरोध पत्र को जस का तस प्रकाशन कर रहे हैं, क्‍योंकि आपकी बात का भी सम्‍मान करते हैं हम। यह हमारा दायित्‍व ही नहीं, बल्कि पत्रकारिता का एथिक्‍स भी है, जिसका हम पूरा सम्‍मान करते हैं और करते भी रहेंगे।
      इतना ही नहीं, इस पूरे को नये तरीके से खंगालने की कोशिश के साथ ही आम पाठक ही नहीं, बल्कि संपादकों के कृत्‍यों और करतूतों का भी खुलासा करने की कोशिश की जाएगी।
      सादर

      कुमार सौवीर
      मॉडरेटर
      दोलत्‍ती

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