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दोलत्ती

: चीन ने थाईलैंड, मलेशिया से वुहान के लोगों को वापस बुलाया : चीन में पढ़ने वाले भारतीयों ने वापसी के लिए आर्तनाद शुरू किया : चीन में कोरोना-एक : 
कुमार सौवीर
लखनऊ : चीन के नागरिकों और भारतीय नागरिकों के बीच एक मौलिक फर्क को अगर आप समझना चाहते हैं, तो शायद यह तर्क आपको खासी मदद कर सकता है। यही फर्क इन जातियों के साहस, प्रयोधर्मिता और सकारात्‍मक नजरियों में साफ-साफ दिखायी पड़ता है। यह बात कम से कम चीन में अचानक फैले एक मारक कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद इन जातियों में मूलभूत चारित्रिक परिवर्तन को साबित करता है। इस फर्क के मुताबिक वुहान में फंसे भारतीय मेडिकल छात्रों ने कोरोना वायरस के खतरे से बचने और अपनी जान बचाने के लिए अपने भारत में रहने वाले अपने रिश्‍तेदारों से जान की गुहार की है। इन छात्रों के परिवारीजनों ने भारत सरकार पर दबाव डाला है और ताजा खबर के मुताबिक भारतीय सरकार की ओर से हवाई जहाजों से वुहान में फंसे छात्रों की वापसी की कवायद शुरू कर दी गयी है। उधर पेईचिंग से खबर है कि चीन सरकार ने थाईलैंड और मलेशिया से हुबेई प्रांत के नागरिकों को वुहान वापस बुलाया है। इसके लिए चीन ने हवाई जहाजों से आज से चीन पहुंचाने की कवायद शुरू कर दी।
चीन के हवाई अड्डे पर पहुंचे इन नागरिकों का स्‍वागत सुरक्षित परिधान पहने अधिकारियों ने किया है। खबर है कि शियामेन एयरलाइन्स का एक चार्टर विमान शुक्रवार देर रात बैंकॉक से हुबेई की राजधानी वुहान पहुंचा। आपको बता दें कि वुहान वही शहर है, जहां जंगली पशुओं के एक बाजार से कोरोना वायरस के संक्रमण की शुरुआत हुई थी।
संक्रमण से पूरी तरह सुरक्षित सफेद परिधान पहने स्वास्थ्य अधिकारियों ने विमान से उतरे 73 यात्रियों का स्वागत किया और यात्रियों ने फोटोग्राफरों की ओर हाथ हिलाकर मुस्कराकर अभिवादन किया। शियामेन की दूसरी उड़ान कुछ ही देर बाद मलेशिया के प्रसिद्ध तटीय पर्यटन केंद्र कोटा किनाबालू से हुबेई के नागरिकों को लेकर पहुंची।
चीन के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा था कि वह विदेशों से वुहान के नागरिकों को जल्द से जल्द वापस लाएगा क्योंकि उन्हें वहां व्यावहारिक कठिनाइयां आ रही हैं।

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