पडरौना रेप-काण्‍ड पर अब अध्‍यक्ष जी जुटे हैं, सुलटा ही लेंगे

सैड सांग

: पीडि़त युवती के परिवारीजनों को अब दबाव और अर्दब में लेने की कोशिश कर रहे हैं सपा के बड़े लोग : बात अब लेने और देने के पायदान तक पहुंचाने लगी है : स्‍थानीय होटल में हुआ था शुक्रवार की रात यह हादसा : अब तक मेडिकल जांच नहीं करायी है पुलिस ने, मामला जस का तस :

कुमार सौवीर

लखनऊ : कुशीनगर के इतिहास में शायद यह पहली बार हुआ जब यहां के किसी होटल में किसी युवती के साथ कथित दुराचार की आंच भड़की हो। लेकिन विगत शुक्रवार को यह हादसा यहां हो ही गया। इस हादसे से यह पूरा कुशीनगर सन्‍नाटे में हैं। लेकिन अब तक न तो किसी अभियुक्‍त की धर-दबोच हुई हैं और न ही पीडि़त महिला की मेडिकल जांच का कोई प्रयास अब तक पुलिस ने किया है। खबर तो यह है कि कुशीनगर में बड़े और प्रभावशाली नेताओं ने इस मामले को सुलटाने और निपटाने की कोशिश शुरू कर दिया है। वजह यह कि इस मामले में एक बड़े दिग्‍गज उद्योगपति का परिवार लपेटे में आ रहा है। हैरत की बात है कि पूरे जिले के रोंगटे खड़े कर देने वाले इस हादसे पर किसी भी विपक्षी दल के किसी भी राजनीतिज्ञ नेता ने लगातार चुप्‍पी बनाये रखी है।

उधर इस मामले में एक दूसरी तस्‍वीर सामने आयी है। वह यह कि इस मामले में सीधे-सीधे तौर पर उस युवती के पति विकास की शुरूआती करतूत शामिल है। लेकिन इस काण्‍ड की खबर मचते ही उस युवती का पति विकास फरार हो गया था। लेकिन जैसे ही इस मामले को पुलिस तक जाने की नौबत आने की खबर आयी, तो विकास ने अब उस युवती से सम्‍पर्क करना शुरू कर दिया है।

हैरत की बात है कि इस दुराचार-काण्‍ड में पांच से सात लोगों की संलिप्‍तता की बात सामने आयी है। लेकिन इसके बावजूद न तो पुलिस ने इस मामले को सामूहिक दुराचार के तौर पर दर्ज नहीं किया है। जबकि पुलिस ने उसके शरीर पर लगी चोटों की मेडिकल के लिए तो कार्रवाई की थी, मगर सामूहिक दुराचार का मामला ही दबा डाला। यह जानते हुए भी उस युवती के साथ पांच-सात लोगों ने मुंह काला किया था।

स्‍थानीय सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता और अधिवक्‍ता सीता सिंह बताती हैं कि यह मामला साफ-साफ सामूहिक दुराचार का मामला था। लेकिन पुलिस ने इस मामले को दबाने की साजिशें की हैं। सीता सिंह के अनुसार उस युवती के शरीर पर मिले बाहरी चोटों का मेडिकल कराने के लिए जब पुलिस अस्‍पताल पहुंचायी गयी थी तो वहां मौजूद एक डॉक्‍टर ने उसकी जांच करने के बाद उस युवती की बड़ी बहन से साफ कहा था कि उस युवती से पांच से सात लोगों ने दुराचार किया है। मगर इसके बावजूद पुलिस ने इस मामले के दीगर लेकिन अति महत्‍वपूर्ण पहलुओं पर परदा ही डाले रखा। इसलिए दुराचार की जांच कराने के बजाय उसके बाहरी चोटों पर ही अपना ध्‍यान रख कर डॉक्‍टरों ने अपनी रिपोर्ट बनायी थीं।

उधर पता चला है कि सत्‍ता से जुड़े एक बड़े स्‍थानीय नेता ने इस मामले की आग को दबाने-खामोश कराने के लिए कोशिशें शुरू कर दी हैं। खबर है कि शायद यह मामला पांच लाख रूपयों तक पहुंचा दिया जाए। लेकिन यह रकम नेता और पुलिस की जेब तक जाएगा। हालांकि यह बातचीत अभी शुरूआती दौर में ही है। यानी यह भी हो सकता है कि इस रकम में कुछ ज्‍यादा भी तक पहुंच जाए।

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