शिक्षिका का खूब बना रक्षाबंधन, सुनीं भरपेट गंदी गालियां

सैड सांग

: यूपी में महिलाओं की औकात समझना चाहतें हो तो 1090 को खंगालिये : जीना हराम कर दिया शिक्षिका के परिवार को गुण्‍डों ने : बदायूं में पति का पुलिस ने, और हमीरपुर में उसकी शिक्षिका पत्‍नी को खूब प्रताडि़त किया गुण्‍डों ने :

कुमार सौवीर

लखनऊ : अखिलेश सरकार और उसके अफसरों ने यूपी में महिलाओं की सुरक्षा, संरक्षा, सम्‍मान आदि जैसे लुभावने नारे तो बेहिसाब उछाले हैं, लेकिन अब इन नारों की असलियत और हकीकत खोजने की तनिक भी कोशिश की आपने, तो आपके छक्‍के छूट जाएंगे। सफेद हाथी बन चुका महिला सहायता 1090 और यूपी की पुलिस का घिनौना चेहरा, कि आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। और खुदा न ख्‍वास्‍ता, आपका साबका समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता से पड़ जाए और वह किसी महिला की इज्‍जत को सरेआम रौंदने पर आमादा हो तो आप यकीन मानिये कि पुलिस और 1090 का धंधा उस महिला की जानी-दुश्‍मन की तरह बन जाएगी। नजीर के लिए आप रीना शिवहरी का मामला ही देख लीजिए। हमीरपुर में एक सरकारी स्‍कूल में शिक्षक हैं रीना शिवहरे। उनके पति राहुल गुप्‍ता बदायूं में आटो सेल्‍स की सब-डीलिंग करते है।

करीब ढाई साल पहले एक आटो व्‍यवसायी के इशारे पर राहुल को तबाह कर दिया गया, उसकी दूकान बंद हो गयी। उसके खिलाफ एक नहीं, कई-कई मुकदमे दर्ज कर दी गये। नतीजा राहुल को बदायूं से भागना पड़ा और हमीरपुर गया। हमीरपुर में भी उस बिजनेसमैन ने उसका पीछा किया तो राहुल दिल्‍ली, मेरठ और लखनऊ में अपने परिचितों में चला गया। उधर एक ओर पुलिस राहुल को दबोचने में जुटी थी तो दूसरी ओर उस व्‍यवसायी और उसके गुर्गे भी उसके पीछे पड़े थे। यह व्‍यवसायी दरअसल समाजवादी पार्टी का एक बड़ा पदाधिकारी है।

बहरहाल, राहुल ने अपने पक्ष में सारे प्रमाण पुलिस के आला अफसरों तक भिजवाये। उसकी माता-पिता भी लखनऊ से बरेली तक पुलिसवालों के पास दौड़ते रहे। आखिरकार अभी एक पखवाड़ा पहले राहुल के मामले में पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी है। लेकिन आतंक का आलम यह है कि राहुल लाख चाह कर भी बदायूं तक नहीं घुस सकता।

अब आप सुन लीजिए रीना शिवहरी को मिले एक फोन कॉल को, कि किस तरह यह गुण्‍डा इस शिक्षक को कैसे धमका रहा है। इस गुण्‍डे का नाम है संजीव चौहान, यह बदायूं जिला समाजवादी पार्टी के महामंत्री सुरेश कुमार चौहान का भतीजा है और केवल गुण्‍डगर्दी करता है। रीना ने इस की शिकायत की लखनऊ में 1090 को दी, लेकिन उसे कहा गया कि यह मामला या तो बदायूं का है, या फिर हमीरपुर का। ऐसे में इसकी रिपोर्ट केवल बदायूं या हमीरपुर में ही दर्ज की जाएगी। जबकि बदायूं और हमीरपुर की पुलिस कहती है कि 1090 की सेवा लखनऊ की है, ऐसे में उसकी रिपोर्ट लखनऊ में ही दर्ज करो। और 1090 में बात करो तो कहते हैं कि आपकी रिपोर्ट दर्ज हो गयी है, अब आप वापस हमीरपुर और बदायूं की पुलिस से सम्‍पर्क कीजिए। हमीरपुर और बदायूं पुलिस से यह दम्‍पत्ति कई सैकड़ा बार दौड़ चुके हैं, लेकिन न पुलिस ने कुछ किया और न 1090 ने।

आप इस ऑडियो टेप को सुन लीजिए। इसके बाद भी आपको अगर यूपी में 1090 पर कोई विश्‍वास आ जाए, तो समझियेगा कि आप बहुत भाग्‍यशाली हैं।

सुखद स्‍वप्‍न दर्शी ऐसे ही होते हैं।

इस टेप को सुनने के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए :- मादर—- बहन की—- हरामजादी

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