: शातिर सलोनी कल्पेश याग्निक की हर बातचीत रिकॉर्ड कर रही थी : सलोनी ने ऑफर लेकर आदित्य चौकसे को ग्रुप एडिटर कल्पेश याग्निक को भेजा : ‘कल्पेश याग्निक सेक्स स्कैंडल…’ : कलम में छिनरपन- सात :
दोलत्ती संवाददाता
इंदौर : (गतांक से आगे) शातिर दिमाग सलोनी पिछले कई साल से ग्रुप एडिटर कल्पेश याग्निक से की गई हर बातचीत रिकॉर्ड कर रही थी। उसने हर दिन की बातचीत को तारीख के अनुसार फोल्डर बनाकर पूरा रिकॉर्ड मेंटेन कर रखा था। जब पुलिस ने सलोनी को पकड़ा और उसके लैपटॉप, फोन आदि बरामद किए, तो सलोनी वो सारा डेटा इनमें से डिलीट कर चुकी थी। पुलिस ने टेक्नॉलॉजी की मदद लेकर पिछले पौने दो साल की बातचीत की 102 घंटे की रिकॉर्डिंग रिकवर की है। इन ऑडियो में हुई बातचीत कहीं रोंगटे खड़े कर देने वाली है, तो कहीं आंखों में आंसू ला देने वाली। ग्रुप एडिटर कल्पेश याग्निक सलोनी को कहीं समझाते, कहीं गिड़गिड़ाते, तो कहीं अपने परिवार को तबाही से बचाने की भीख मांगते नजर आते हैं। इतना ही नहीं, वे अपनी जिंदगी को खत्म करने की भी बात कहते हैं।
ये ऑडियो ग्रुप एडिटर कल्पेश याग्निक के सलोनी अरोड़ा और रिलायंस एंटरटेनमेंट के फिल्म डिस्ट्रिब्यूशन्स हेड आदित्य चौकसे से बातचीत के हैं। इस बारे में दो बातें कही जा रही हैं। पहली, सलोनी ने अपनी तरफ से ऑफर लेकर आदित्य चौकसे को ग्रुप एडिटर कल्पेश याग्निक के पास भेजा। वहीं दूसरी यह कि ग्रुप एडिटर कल्पेश याग्निक ने आदित्य चौकसे को मिलने के लिए बुलाया और उससे सलोनी को समझाने की गुजारिश की। ग्रुप एडिटर कल्पेश याग्निक अच्छी तरह से जानते थे कि सलोनी और रिलायंस एंटरटेनमेंट के फिल्म डिस्ट्रिब्यूशन्स हेड आदित्य चौकसे की लंबे समय से दोस्ती थी और उन्हें लगा कि सलोनी शायद उसकी बात मान ले।
ऑडियो-
मैं पूरी तरह बर्बाद हो चुका हूं। मेरा सब कुछ खत्म हो गया। मेरा ऐसा पतन हो चुका है, जिससे मैं शायद कभी उबर नहीं पाऊं। उन्हें समझाएं कि वो अब और ऐसा कोई कदम न उठाएं। मेरी क्षमता में जितना था मैंने किया और जितना संभव होगा करूंगा। जैसा उन्होंने अब तक किया है और आगे करने की धमकी दे रही हैं, उसके आधार पर अब मेरे पास इस दुनिया से जाने के सिवाय कुछ नहीं बचा है। मेरा सिर झुके, इससे बेहतर है कि जल जाए। हालांकि हम हिंदू धर्म मानते हैं और यह हमें ऐसा करने की इजाजत नहीं देता कि हम अपने मरने के बारे में इस तरह की बातें करें, लेकिन मैं क्या करूं, मेरे पास अब कोई विकल्प नहीं रहा है।
मैं आत्महत्या करने और अपनी बेटियों को लावारिश छोड़कर जाने का कलंक अपने ऊपर नहीं लेना चाहता। लेकिन मुझे अब यही करना होगा। जाहिर है, अब मुझे जाना ही होगा, बस इतनी गुजारिश है कि मेरा जाना आसान कर दें और कुछ न करें। कुछ समय मुझे अपने परिवार के साथ बिना तनाव के बिता लेने दें। मेरे जाने का बहुत बड़ा दुख मेरे परिवार को होगा, इससे पहले मुझे उनके साथ थोड़ा वक्त बिताने की मोहलत दे दें।
सूत्रों की मानें तो सलोनी उन्हें धमकाती थी कि यदि मैं मर भी गई, तो तुम्हारे नाम का सुसाइड नोट छोड़कर जाऊंगी। इसलिए बदनामी से तो तुम कभी नहीं बच पाओगे। सलोनी ने ग्रुप एडिटर कल्पेश याग्निक पर दबाव डालने के लिए कई तरीके आजमाए। एक दिन ग्रुप एडिटर कल्पेश याग्निक अपने भाई नीरज, दामाद और समधी के साथ किसी पारिवारिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने जा रहे थे। तभी उन चारों के मोबाइल पर एक वॉट्सऐप मैसेज आया, जिसमें लिखा था ‘कल्पेश याग्निक सेक्स स्कैंडल…’ और साथ में एक लिंक दी हुई थी। इस मैसेज ने इन चारों को हिलाकर रख दिया। गाड़ी रास्ते में रोककर वे 15 मिनट तक ये सोचते रहे कि इसे कैसे क्लिक करें, अब न जाने इसमें क्या होगा। लेकिन जब क्लिक किया, तो पता चला कि वह किसी गाने का लिंक था। ग्रुप एडिटर कल्पेश याग्निक और उनके परिवार पर चौतरफा पड़ते ऐसे दबाव ने उन्हें तोड़ दिया था। (क्रमश:)
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