ऑप्शन देती हूं। भास्कर से रिजाइन करो, 5 करोड़ रुपए दो

बिटिया खबर
: सलोनी ने ग्रुप एडिटर कल्पेश से बातचीत का एक ऑडियो उनके परिजनों, परिचितों और विरोधियों को भेज दिया : सलोनी ने कहा कि वो याग्निक के अलावा किसी अन्य को रिपोर्ट नहीं करेगी : ऑडियो लीक ने उड़ाई याग्निक परिवार की नींद : कलम में छिनरपन- पांच :

दोलत्‍ती संवाददाता
इंदौर : (गतांक से आगे) पहला धमाका हुआ 14 जनवरी 2018 की रात को 12 बजकर 52 मिनट पर, जब सलोनी ने ग्रुप एडिटर कल्पेश याग्निक के छोटे भाई नीरज को फोन किया और कहा कि मैं सलोनी अरोड़ा बोल रही हूं, तुरंत मेरी बात ग्रुप एडिटर कल्पेश यग्निक से कराएं वरना कल अनर्थ हो जाएगा। तुरंत ग्रुप एडिटर कल्पेश जी की बात सलोनी से कराई गई और उसने उन्हें खुली धमकी दी कि उसकी नौकरी बहाल करवाएं, वरना उन्हें पछताना पड़ेगा। नीरज बताते हैं कि तब तक तो मैं जानता भी नहीं था कि सलोनी अरोड़ा है कौन। कल्पेश भाई ने उससे बात की और अगले दिन इंदौर के भीड़ भरे चौराहे पर उससे मुलाकात की। दो घंटे तक उन्होंने सलोनी को समझाया कि अब नौकरी दिलाना उनके वश में नहीं है। लेकिन सलोनी नहीं मानी और उसके बाद शुरू हुआ ब्लैकमेलिंग का वो सिलसिला, जिसने ग्रुप एडिटर कल्पेश याग्निक को अपनी जान देने पर मजबूर कर दिया।
ग्रुप एडिटर कल्पेश याग्निक ने किसी को कुछ नहीं बताया, अपने ही स्तर पर सलोनी को समझाते रहे, गिड़गिड़ाते रहे। इस दौरान उन्होंने मैनेजमेंट से बातचीत करके एक बार फिर सलोनी को नौकरी दिलवाई, लेकिन सलोनी ने यह कहकर नौकरी जॉइन नहीं की कि वो ग्रुप एडिटर कल्पेश याग्निक के अलावा किसी अन्य को रिपोर्ट नहीं करेगी। कुछ न होता देख मई में सलोनी ने अगला कदम उठाया। 6 मई को दोपहर 2 बजे नीरज याग्निक को किसी अन्य नंबर से फोन किया और कहा कि अब तुम्हारे भाई पर केस दर्ज होने जा रहा है। नीरज ने भी उससे कह दिया कि ठीक है, केस कर दो। सलोनी ने कहा कि आप समझ नहीं रहे हैं, उनपर रेप का मामला दर्ज होगा।
उसके बाद याग्निक परिवार हरकत में आया। सात मई को पूरा परिवार साथ बैठा और घंटों तक इस मुद्दे पर बात हुई। ग्रुप एडिटर कल्पेश याग्निक लगातार कहते रहे कि मैंने कुछ नहीं किया है, मैं उसे सजा दिलवाउंगा। उसी समय सलोनी ने ग्रुप एडिटर कल्पेश से बातचीत का एक ऑडियो उनके परिजनों, परिचितों और विरोधियों को भेज दिया। हालांकि उस ऑडियो में ग्रुप एडिटर कल्पेश याग्निक की आवाज ज्यादा थी और सलोनी की न के बराबर। उसमें ग्रुप एडिटर कल्पेश याग्निक सलोनी को समझाने की कोशिश कर रहे थे और उससे कोई ऐसा कदम न उठाने की गुजारिश कर रहे थे, जिससे उनका परिवार बर्बाद हो जाए। इसके बाद उन पर दबाव बढ़ता गया। सलोनी की धमकियों की तीव्रता बढ़ती गई। उसने एक और ऑडियो लीक किया, जिसमें उसने बदनामी से बचने के लिए ग्रुप एडिटर कल्पेश याग्निक को तीन विकल्प दिए।
या तो स्लो पॉइजन लो या सायनाइड
मैं तुम्हें तीन ऑप्शन देती हूं। या तो दैनिक भास्कर से रिजाइन कर दो, 5 करोड़ रुपए दे दो, मेरा मुंह बंद रखने के लिए क्योंकि तुमने मेरा करियर बर्बाद कर दिया है। तूफान की फ्रिक्वेंसी कम करना तुम्हारे हाथ में है। भास्कर छोड़ दोगे तो स्लो पॉइजन मिलेगा, नहीं छोड़ोगे तो सीधे सायनाइड मिलेगा। सारे सबूत किसी को भी बेचूं, तो 5 करोड़ रुपए कोई भी दे देगा। मुंबई की एडिटर को रिपोर्ट नहीं करूंगी। फिल्म के रिव्यू अपने नाम से करूंगी, केवल संडे जैकेट के लिए काम करूंगी। मुंबई में डायरेक्टर-प्रड्‌यूसर फ्लॉप पिक्चर में भी करोड़ों रुपए कमाते हैं। मैं उनके साथ रिलेशन में आ जाऊं तो कोई भी घर-गाड़ी, बैंक बैलेंस आसानी से दे देगा। न मुझे उनसे शादी करनी है ना उन्हें मुझसे। यह केवल कंफर्ट का रिलेशन होता है। पैसे की मुझे कोई समस्या नहीं है। 43 की उम्र में भी मुझमें इतनी कूवत और चार्म है कि कोई भी मुझे रानियों की तरह रखे। अब तुम तय करो कि तुम्हें क्या करना है। (क्रमश:)

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