अमर-उजाला का नया नाम बमबम-धमाका, तैयारियां पूरी

बिटिया खबर

: पत्रकारिता ही नहीं, अपना चरित्र भी बदलने पर आमादा है अमर उजाला : इसकी खबरों में हरहर-महादेव और हरहर-बमबम जोड़ने की कवायद : दिल्‍ली के ब्‍यूरो ने जारी की थी यह खबर, जस की तस छाप दिया संपादक ने : लिंग-वर्द्धक यंत्र का विज्ञापन से खासा बदनाम है अमर उजाला :

कुमार सौवीर

लखनऊ : किसी भी बड़े और प्रतिष्ठित समाचारपत्र का नाम ही उसकी खासियत होती है। नाम कमाने में काफी मेहनत की हुई होती है ऐसे किसी भी अखबार के संस्‍थान ने। लेकिन अपरिहार्य कारण भी तो होते हैं, या नहीं ! और कोई व्‍यावसायिक संस्‍थान जब ऐसा करता है, तो उसके पीछे केवल आर्थिक लाभ ही होता है, सामाजिक दायित्‍व तो हर्गिज नहीं। ऐसे किसी भी बदलाव से उसको को मिलने वाला भारी मुनाफा साफ दिखायी पड़ता है, तब ही कोई बनिया-व्‍यवसायी अपने चरित्र में ऐसा बदलाव करने का अभियान छेड़ पाता है।

दिनदहाड़े डकैती। अमर उजाला ने किया या नवभारत ने ?

दोलत्‍ती डॉट कॉम को मिली खबरों के मुताबिक अमर उजाला ने भी अपना काम-धाम उसी के अनुरूप बदलना शुरू कर दिया है। सूत्र इशारा करते हैं कि जल्‍दी ही अमर उजाला का प्रबंधन अपना नाम बदल कर एक नया नाम सार्वजनिक कर देगा। इसका नया नाम होगा बमबम-धमाका, बजरंग-उजाला, बजरंग-धमाका अथवा बजरंग-चमक। वैसे फेसबुक पर बेहद चर्चित चिलमदास उर्फ इजिप्‍टवाले नामक पाठक का सुझाव है कि इस अखबार को अपना नया नाम महालिंगम-न्‍यूज कर देना चाहिए। बहरहाल, इसका प्रकाशन पुराने तर्ज पर ही दैनिक समाचारपत्र के तौर पर होगा। लेकिन इस अखबार की शैली, उसके स्‍लोगन, उसके नारे, उसके खबरों में मिशनरी टोन और उसका पूरा कलेवर बिलकुल किसी बजरंगदल, विश्‍वहिन्‍दूपरिषद, युवा हिन्‍दू वाहिनी अथवा किसी धार्मिक संगठन की गतिविधियों के अनुरूप ही होगा।
सूत्रों ने बताया कि इस अभियान को 22 अगस्‍त-22 से लागू कर दिया गया है। इसके लिए अमर उजाला के दिल्‍ली यानी राष्‍ट्रीय न्‍यूज ब्‍यूरो ने प्रयोग के तौर पर एक छोटी सी खबर को अख्तियार किया है। आपको बता दें कि नेशनल न्‍यूज ब्‍यूरो से जारी किसी भी खबर को उसके अखबार के संपादक की सहमति अथवा उसके इशारे पर ही किया जाता है। दरअसल, राजू श्रीवास्‍तव नामक एक मशहूर कमेडियन की तबियत को लेकर यह खबर अमर उजाला के नेशनल ब्‍यूरो ने जारी किया था। इस खबर में साफ तौर पर लिखा गया है कि, ” प्रसिद्ध हास्‍य कलाकार और अभिनेता राजू की हालत में सुधार हो रहा है। अभिनेता शेखर सुमन ने इस बारे में एक ट्वीट किया। राजू के परिजनों के दिये गये अपडेट के अनुसार उनके अंग सामान्‍य रूप से काम कर रहे हैं। हालांकि अभी भी वह बेहोश हैं। डॉक्‍टरों ने बताया कि वह सुधार कर रहे हैं।”
दोलत्‍ती डॉट कॉम को मिली खबरों के मुताबिक इस खबर में भाषा में अराजक व्‍याकरण बेहिसाब है। इसके बावजूद यह खबर ठीक और यथावत बनी रही है, लेकिन इसके बाद की आखिरी लाइन साबित करती है कि अमर उजाला अपने चरित्र और ख्‍याति को बिलकुल नये तरीके से ठिकाने लगाने की जुगत में जुटा है। खबर के अंत में लिखा है कि,” महादेव की कृपा। हर-हर महादेव।”

अमर उजाला: चली गयी परधानी, अब का करिहौ ?

बहरहाल,विश्‍वसनीय सूत्रों का कहना है कि अपने इस नये नाम के अनुरूप नये कलेवर में बदलाव लाने की तैयारी युद्धस्‍तर पर छेड़ दी है अमर उजाला ने। हो सकता है कि बमबम-धमाका या बजरंग-चमक के नाम के साथ ही इस अखबार में शिव-लिंग को निहारते एक नंदी सांड़ अथवा अपना सीना फाड़े हनुमान जी का चित्र भी हर पन्‍ने पर बैक-ग्राउंड में चस्‍पां कर दिया जाए। लेकिन पहले पन्‍ने पर अखबार के नाम के नीचे अनिवार्य के तौर पर यह लिखा जाए कि प्रभु श्रीराम जी की पद-धूलि पर समर्पित एक गिलहरी प्रयास। खबर यह भी है कि जिस तरह उत्‍तर प्रदेश से काट कर उत्‍तराखंड बनाया गया था, उसी तर्ज पर नेशनल ब्‍यूरो की तीन शाखाएं अयोध्‍या, काशी और मथुरा में भी स्‍थापित की जाएं। एक कार्यकारी नेशनल ब्‍यूरो की शाखा आगरा के ताजमहल परिसर में भी बिठा दिया जाए, ताकि तेजोमहल की स्‍थापना की खबरों को सुगम रास्‍ता मिल सके।

अमर उजाला का इक उपचार, तान के मारो जूता चार

दोलत्‍ती डॉट कॉम को मिली खबरों के मुताबिक सभी संपादकों समेत सभी पत्रकारों को अपने वाहन भगवा रंग से ओतप्रोत माहौल बनाने के अनुरूप रंगाने के निर्देश दिये गये हैं। इस पर आने वाले सभी व्‍यय को वहन करने के लिए हिन्‍दू संगठन से गुजारिश की जा रही है। लेकिन संपादकों से लेकर चपरासी तक को अनिवार्य रूप से भगवा रंग वाली धोती पहनने होगी। पुरुषों को जनेऊ भी भगवा रंग में पहनना अनिवार्य होगा, जिसे वे शौच-आदि के वक्‍त कट्टरता के साथ अपने कान पर चढ़ायेंगे और उस उस वक्‍त वे एक भी शब्‍द का उच्‍चारण करते अगर पाये गये, तो उन पर शामत आ सकती है। महिलाओं को जनेऊ से छूट दी जाएगी, लेकिन अनिवार्य रूप से पर्याप्‍त वस्‍त्रादि पहनने होंगे। पुरुष को कमर से लेकर घुटने या उससे नीचे तक धोती पहनना होगा, मगर यह अनिवार्यता महिलाओं पर लागू नहीं होगी। सभी को न केवल परस्‍पर अभिवादन के लिए बल्कि अपने सूत्रों, अफसरों, नेताओं या व्‍यवसायियों व अन्‍य घरेलू व परिचितों के बीच जयश्रीराम, बमबम महादेव, जय महाकाल अथवा राधे-राधे अथवा राधेकृष्‍ण जैसा अभिवादन-स्‍वर निकालने होंगे ही। घरेलू मीटिंग में हवन और आरती की जाएगी। संस्‍थान के सभी कार्यस्‍थल भगवा रूप में ही बनाये जाएंगे। सभी खबरों के अंत में अनिवार्य रूप से यह नारा लिखना होगा कि, ” महादेव की कृपा। हर-हर महादेव।”

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1 thought on “अमर-उजाला का नया नाम बमबम-धमाका, तैयारियां पूरी

  1. अमर उजाला अखबार अब अमर अंधियारा में तब्दील हो चुका है। पाठक भी अब भक्ति में लीन होकर धीरे धीरे आंख से मोतियाबिंद पर नामसे नैन सुख सागर में परिवर्तित हो गए है। ऐसे में महालिंगम सुख लुभावन अखबार अमर उजाला के अमर अंधियारे पक्ष को कोटिशः सलाम …

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