कुमार सौवीर
लखनऊ : लोक सेवा आयोग की परीक्षा को लेकर एक नया हंगामा खड़ा हो गया है। मसला है लोकसेवा आयोग की परीक्षा के परिणाम को लेकर। लाखों परीक्षार्थी हड़बड़ाये और हड़कंप मचाये छटपटा रहे हैं। उनकी समझ में ही नहीं आ रहा है कि लोकसेवा आयोग की परीक्षा परिणाम के बाद वे ऐसा कौन सा जुगाड़, राजनीतिक पांसा या मोटी रकम का पाइप किसको, कितना और किसके माध्यम से सेट कर दें, जिससे उनको जमीन से आसमान तक पहुंच जाने वाली कुर्सी उनके हिस्से में आ जाए।
दरअसल, अब यह तो पता नहीं है कि यह चर्चा सच है या नहीं, लेकिन इतनी हकीकत इतनी तो है कि इस चर्चा या अफवाह की शुरूआत पूर्वांचल के कई जिलों की राजनीति में अपने खासमखास लोगों के माध्यम से खासे दबंग माने जाने वाले और एमएलसी विनीत सिंह के ऐलान से हुई है। पिछले दिनों ही विनीत सिंह ने यह फेसबुक पर एक सनसनीखेज खबर लगायी थी कि उनके भांजा अब आईपीएस हो गया है। आईपीएस यानी इंडियन पुलिस सेवा अर्थात भारतीय पुलिस सेवा का अधिकारी बन चुका है। विनीत सिंह के इस फेसबुक अपडेट के बाद से ही उस पोस्ट पर हजारों की तादात में लोगों ने यह चर्चा शुरू हो गयी है। इतना ही नहीं, इस खुशी में पूरा खानदान और दोस्त-असबाब भी झूमने लगे। फेसबुक पर रंगारंग माहौल बन गया।
: पूर्वांचल के बाहुबली विनीत सिंह ने अपने भांजे को आईपीएस बनाने का किया ऐलान :
मचा हंगामा कि बिना सरकारी लिस्ट के कैसे आईपीएस बन सकता :
जिद भांजे की, बाहुबली ने पानी भरी थाली में चांद दिखा कर थमा दी :
साढ़े सात सौ की रैंक में प्रभाकर को मिलेगा आईपीएस का ठेंगा :
फर्जी अफवाह पर न प्रभाकर बोले, न विनीत सिंह ने मुंह बोला :
फर्जी अफवाह पर झूम रहा गांव से लेकर शहर :
अफसरों की उर्वर-भूमि जौनपुर पर पुता गहरा काला धब्बा :
(क्षमा-याचना : इस आलेख में प्रभाकर सिंह को 560 श्रेणी से उत्तीर्ण बताया गया है।
वास्तविकता यह है कि प्रभाकर सिंह इस परीक्षा में केवल 650 रैंक से उत्तीर्ण हुए थे।
जबकि इस परीक्षा में केवल 750 प्रतिभागी ही उत्तीर्ण हो सके थे।
हम इस त्रुटि के लिए हृदय से क्षमा-याचना करना चाहते हैं।)
आपको बता दें कि विनीत सिंह का भांजा प्रभाकर सिंह इस वक्त पीसीएस एक्जीक्यूटिव अफसर है। प्रभाकर सिंह और उसके करीबियों ने भी प्रभाकर सिंह के आईपीएस बन जाने का जश्न मनाया, मिठाई और ढोल-ताशे बजवा लिये।
लेकिन विनीत सिंह के इस ऐलान के बाद से ही एक नया हंगामा खड़ा हो गया। दरअसल, 2021 की लोकसेवा आयोग परीक्षा के परिणाम में केवल 750 प्रतिभागी ही उत्तीर्ण हुए हैं, जबकि प्रभाकर सिंह को केवल 650 वां ओहदा ही मिल पाया है। हालांकि अभी इस परिणाम के बाद यह ऐलान नहीं हुआ है कि किस-किस प्रातांक के लोगों को कौन-कौन सा कैडर या सेवा संवर्ग मिलेगा। लेकिन सामान्य तौर माना यह जाना जाता है कि सबसे पहले 50 से 52 तक की संख्या तक उत्तीर्ण हुए प्रतिभागियों को आईएएस यानी सीधे भारतीय एडमिस्ट्रेटिव सेवा में स्थान मिलेगा। उसके बाद के 50 से 52 उत्तीर्ण युवकों को आईपीएस यानी भारतीय पुलिस सेवा में समायोजित किया जाएगा। बाकी लोग भले ही अपना गाल बजाते ही क्यों नहीं रहे।
इसके बाद विभिन्न निर्धारित श्रेणीगत और रिक्त पदों के हिसाब से ही पदों पर मौका मिलेगा। जानकार बताते हैं कि अन्तिम श्रेणियों में सांख्यकीय सेवा या सूचना अधिकारी सेवा का पद ही मिल पायेगा। लेकिन इस हकीकत के बावजूद यह मामला कैसे भड़का और कैसे कब तक सुलग रहा है, यह आश्चर्य की बात है। लेकिन इससे भी हैरत की बात है कि अपनी फेसबुक वाल पर प्रभाकर सिंह ने अपने आईपीएस होने की बधाई हासिल करने की तो खूब कुबूल कीं, लेकिन इस की सचाई को खारिज करने का साहस नहीं दिखा पाया। हां, ज्ञान के स्तर पर कई पोस्ट तो प्रभाकर ने खूब लगायीं। प्रतिभागियों के बीच चर्चा तो यहां तक उछलने लगी है कि यूपीएससी की परीक्षा दो तुम, सीट अलाट करेगा मामा।
बरहाल, अब देखिये इस मामले पर प्रभाकर सिंह के मामा विनीत सिंह, पिता संतोष सिंह, मित्रों की भीड़ के तेवर और प्रतिभागियों के समूहों में विभिन्न युवाओं की प्रतिक्रियाओं का जायजा