11 महीनों से बिना वेतन के जुटी हैं ये कोरोना-योद्धा

दोलत्ती

: सीएम की 181 हेल्‍पलाइन का भट्ठा बैठा डाला अफसरों ने : साइट पर अब तक रीता बहुगुणा को मंत्री बनाये हैं अफसर :
गौरव कुशवाहा
देवरिया : लाकडाउन के दरमियान देश भर के कोरोना काल के योद्धाओं की गाथाएं बयां कर रही है। लेकिन कोरोना काल के असल योद्धा कहीं न कहीं सरकार की अनदेखी झेल किल्लत भरी जिंदगी जीने को मजबूर हैं। फिर भी इनके हौसले इतने बुलंद है कि 11 महीनों से वेतन न मिलने पर भी कोरोना संकट में अपने ड्यूटी पर डटी हैं। पूरा मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अति महत्वाकांक्षी योजनाओं में शामिल महिला उत्पीड़न के खिलाफ महिला सुरक्षा के लिए बनी महिला हेल्पलाइन 181 से जुड़ा है।
लाकडाउन के दौरान भी महिला हेल्पलाईन गोरखपुर मंडल यूनिट से जुड़ी सभी महिलाएं 11 माह का वेतन ना मिलने से खुद ही पीड़ित की भूमिका में आ गई हैं। कोरोना संकट में महिला हेल्पलाइन 181 अपने ड्यूटी के प्रति समर्पित हैं। इस कोरोना संकट में 11 महीनों से वेतन न मिलने पर भी महिला हेल्पलाइन 181 की महिला कर्मचारी अपने ड्यूटी के प्रति संघर्ष कर रही हैं। वेतन न मिलने से उतपन्न अपने व्यक्तिगत परेशानियों से जूझ रही ये महिला कर्मचारी खुद मदद की आस लगाए बैठी है।
181 की गोरखपुर मंडल कोआर्डिनेटर प्रियंका सिंह ने बताया कि लाकडाउन के दौरान भी सभी मेम्बर्स अपने काम को बखूबी निभा रही हैं। लाकडाउन लागू होने के बाद से आज तक गोरखपुर में 20 महाराजगंज में 2 कुशीनगर में 3 मामले घरेलू हिंसा दहेज उत्पीड़न से आदि से सम्बंधित महिला हेल्पलाइन पर दर्ज हुए हैं। सभी मामलों का निपटारा बिना प्रशासनिक संसाधन के हेल्पलाइन की टीम ने किया हैं।
वहीं देवरिया महिला हेल्पलाइन 181 की इंचार्ज माला मणि त्रिपाठी ने बताया कि जून 2019 से मानदेय न मिलने से आर्थिक और मानसिक समस्याओ के बावजूद पूरी टीम ड्यूडी पर हैं। लाकडाउन के दौरान अभी तक घरेलू हिंसा छेड़खानी दहेज उत्पीड़न यौन हिंसा से सम्बंधित 20 मामले 181 पर दर्ज हुए हैं। देवरिया 181 की टीम ने सभी मामलों में त्वरित कार्यवाही की हैं। देवरिया में जिले स्तर पर तैनात 181 की रेस्क्यू वैन भी पैसे के अभाव में ठप हैं।मानदेय के लिए पिछले 11 महीनों में कई बार विभाग को पत्र लिखा गया है। लेकिन आज तक दूसरी महिलाओं की मदद करने वाली हेल्पलाइन के सदस्यों की मदद शासन या प्रशासन ने नही की हैं।

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