हिंदुस्तान अखबार: डेढ़ महीने में मांझा ढील

दोलत्ती

: वाराणसी संस्करण से जुड़े पांच ब्यूरो कार्यालय बंद, मकान मालिकों को नोटिस दी गई : 14 मई के बाद सारे दफ्तर खाली कर दिये जाएंगे :
दोलत्‍ती संवाददाता
वाराणसी : भरी जवानी, मांझा ढील। यह कहावत काफी जोश-खरोश के साथ कही और सुनी जाती है पूर्वांचल में। लेकिन हिंदुस्तान दैनिक अखबार में यह लोकोक्ति पूरी तरह चरितार्थ हो गई है। सिर्फ 20 साल की जवानी में ही इस अखबार के अंजर-पंजर ढीले हो गए हैं। पता चला है कि हिंदुस्तान के 5 जिलों के कार्यालय बंद कर दिए गए हैं। फिलहाल अब यहां का काम केवल घर से ही चलाया जाएगा।
सूत्र बताते हैं कि यह फैसला हिंदुस्तान अखबार में आसीन बड़े अफसरों ने तय किया है। नयी व्‍यवस्‍था के अनुसार वाराणसी संस्करण से जुड़ने सभी 5 जिला मुख्यालयों के कार्यालयों को बंद करने का फैसला हो गया है। जिन कार्यालयों को बंद किया गया जा रहा है उनमें गाजीपुर,सोनभद्र, भदोही, मऊ और चंदौली शामिल हैं। फिलहाल आजमगढ़, मिर्जापुर, जौनपुर और बलिया के दफ्तरों को इनमें नहीं शामिल किया जा रहा है। लेकिन आशंका बनी हुई है कि आज न सही कल इन कार्यालयों को भी बंद कर दिया जाएगा। सूत्र बताते हैं फैसला को मिलने वाले रेवेन्‍यू से तय किया गया है।
सूत्र बताते हैं कि संबंधित जिलों के मकान मालिकों को लिखित तौर पर नोटिस दे दी गई है कि वह 14 मई को अपना ताला लगाकर अपना कब्जा ले लें। इसके पहले तक इन कार्यालयों को खाली कर दिया जाएगा। इन दफ्तरों का सामान फिलहाल वहां कार्यरत कर्मचारियों की सिपुर्दगी पर दे दिया जाएगा।
हालांकि यह पता नहीं चल पाया है कि जिन कार्यालयों को बंद किया जा रहा है उससे संबंधित संवादसूत्रों की स्थिति क्या बनेगी।

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