सुंदरियों से घिरा रहने वाला कांडा अब बैरक में अकेला

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: बैरक में बंद गोपाल कांडा ने निवाला सूंघा तक नहीं : मां-बेटी के सुसाइड-नोट बहुत भारी पड़ेंगे कांडा पर : गीतिका की मां की आत्महत्या से कांडा पर पहाड़ टूटा  :

बेटी के गम में गीतिका की मां अनुराधा शर्मा की आत्महत्या ने तिहाड़ जेल में बंद हरियाणा के पूर्व गृह राज्य मंत्री व विधायक गोपाल गोयल कांडा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। गीतिका की मां की आत्महत्या की खबर जैसे ही उसने तिहाड़ में सुनी वह सन्न रह गया। चिंता में उसके हलक से निवाला भी नहीं उतरा। उसने रात में खाना भी नहीं खाया। दरअसल पिछली सुनवाई के बाद बाहर निकलते हुए गीतिका की मां अनुराधा ने उसको और अरुणा को खूब खरी-खोटी भी सुनाई थी। मौके पर मिले सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने कांडा और अरुणा के खिलाफ एक और मामला दर्ज कर लिया है।

खबर मिलते ही अपना सिर पकड़ गया कांडा

सूत्रों के मुताबिक उसके साथ के कैदियों ने उसे समझाने का प्रयास किया। फिर भी वह परेशान रहा। तिहाड़ जेल के सूत्रों के मुताबिक कांडा 10 गुणा 15 फीट के आकार वाले सेल में रहता है। वह अपना ज्यादा समय टीवी देखकर काटता है। वह टीवी पर पल-पल की खबरें देखता रहता है। गीतिका की मां अनुराधा की आत्महत्या की खबर जब टीवी पर ब्रेक हो रही थी, उस वक्त वह टीवी ही देख रहा था। अचानक टीवी पर अनुराधा की आत्महत्या की खबर सुनकर वह भौंचक रह गया। वह तुरंत अपनी जगह से उठकर बैठ गया, ज्या,दा वक्तह वह टीवी से चिपका रहा। उसकी देखभाल करने वाले दोनों कैदी जब कांडा के पास खाना लेकर पहुंचे तो देखा कि उसका चेहरा सफेद पड़ गया है। थाली देखते हुए उसने खाने से भी इन्कार कर दिया।

कांडा और अरूणा चढ्ढा को बहुत खरी सुनायी थी अनुराधा ने गोपाल कांडा की हरकतों से तंग आकर बेटी गीतिका शर्मा के खुदकुशी कर लेने की घटना ने अनुराधा शर्मा के पूरे परिवार को झकझोर दिया था। अनुराधा पूरी तरह से टूट चुकी थीं। वह बेटी की मौत के गम को सहन नहीं कर पा रही थीं। बेटी को लेकर उनके दिल में गोपाल कांडा व अरुणा चड्ढा के खिलाफ जबरदस्त नफरत भर गई थी। बीती 24 जनवरी को रोहिणी कोर्ट में इस मामले के आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने पर सुनवाई हुई थी। सुनवाई के बाद जब पुलिसकर्मी कांडा व अरुणा को कोर्टरूम से लॉकअप में ले जाया जाने लगा तो बाहर खड़ी अनुराधा दोनों की ओर लपक पड़ी थी। उन्होंने दोनों का पीछा करते हुए खूब खरी खोटी सुनाई थी। वह दोनों को तब तक खरी खोटी सुनाती रही जब तक कि दोनों को पुलिसकर्मी चौथी मंजिल से नीचे लेकर नहीं चले गए। हालांकि अपनी मां को दोनों पर चिल्लाते देखकर गीतिका का भाई अंकित दौड़ कर वहां पहुंचा और अनुराधा को चुप करा दिया था।

सुंदरियों से घिरा रहने वाला कांडा अब बैरक में अकेला

किसी भी आदमी की सफलता के पीछे एक औरत का ही हाथ होता है और आदमी के पतन के लिए भी एक औरत ही जिम्मेदार होती है। हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री गोपाल कांडा की कहानी भी कुछ इसी सत्य को दोहराती है। गोपाल कांडा के जीवन में कई लड़कियां आईं और गईं। गोपाल कांडा को एक दुकानदार से एक बड़ा कारोबारी बनाने में जैसे लड़कियों की खूबसूरती ने एक अहम भूमिका निभाई है ठीक उसी तरह से उसे जमीन की सच्चाई दिखाने में भी औरतों का ही योगदान रहा है। अगर हम कांडा का शुरुआती जीवन देखें तो वह लड़कियों की खूबसूरती से ही घिरा हुआ पाया गया है। हालांकि कांडा ने एक बार बताया था कि उनपर बाबा ने टिप्पणी की थी कि उनका सर्वनाश एक महिला की वजह से ही होगा।

कांडा के जीवन में सिर्फ एयरहोस्टेस गीतिका शर्मा ही नहीं बल्कि ऐसी कई लड़कियां हैं जिनके साथ कांडा ने जिस्मानी रिश्ता बनाया था। कईयों को तो एक आम लड़की से कंपनी का डायरेक्टर तक बना डाला था। जब कंपनी डूबने के कगार पर आ गई थी तब भी कांडा ने अपनी फीमेल कर्मचारियों पर आंच तक नहीं आने दी थी। गीतिका शर्मा हत्या मामले से जुड़ी अरुणा चड्ढा के बयान के मुताबिक कांडा को सिर्फ सेक्स की जरूरत थी। उसने सिर्फ सेक्स के लिए ही लड़कियों से रिश्ता बनाया था।

कांडा की तरक्की की दास्तान

कांडा की तरक्की की दास्तान का महत्वपूर्ण पहलू यह है कि उसमें कम उम्र महिलाओं का खासा योगदान रहा। खासी संख्या में कमसिन और खूबसूरत लड़कियों को नौकरी देकर कांडा उनके माध्यम से कौन से हित साधता था, इस पर आज भी कयास लगाए जा रहे हैं। लेकिन इन सब घटनाओं के बाद यह बात तो साफ हो गई है कि कांडा की तरक्की में लड़कियों का अहम योगदान था। साल 2007 में जब उसने एमडीएलआर एयरलाइंस कंपनी खोली थी, तब महज तीन विमानों के लिए 60 एयर होस्टेस रखी गई थीं। सभी एयर होस्टेस की भर्ती में कांडा ने खास दिलचस्पी ली थी। कुल 250 कर्मियों में 150 से ज्यादा महिलाएं ही थीं। साल भर में एयरलाइंस तो बंद हो गई लेकिन रखी गई 60 एयर होस्टेस को कांडा ने नौकरी से नहीं निकाला। उन्हें उसकी विभिन्न कंपनियों में स्थानांतरित कर दिया गया।

इन्हीं में से कुछ गोवा के कैसीनो में भेजी गई थीं, जिनमें नूपुर मेहता, गीतिका शर्मा, अंकिता सिंह भी थीं। इस बात की पुष्टि अंकिता की बहन श्वेता सिंह ने भी की है, वह भी कांडा की एयरलाइंस में एयर होस्टेस रह चुकी है।गोपाल कांडा एक प्लेब्वॉय हैं और लड़कियों के लिए कांडा की दीवानगी का एक और सुबूत ये है कि उनकी कंपनियों में ऊंचे पदों पर ज्यादातर लड़कियां ही हैं। कांडा की 39 कंपनियों में से 20 में डायरेक्टर के पद पर लड़कियां हैं। नूपुर एमडीएलआर कंपनी में वाइस प्रेसीडेंट के पद पर काम करती थीं। गीतिका जब एयर होस्टेस बनने के लिए आई तो नूपुर ने ही उसका इंटरव्यू लिया था। उस समय गीतिका की उम्र मात्र 17 साल थी। इस पर उसे छह माह बाद आने के लिए कहा गया। गोपाल कांडा इस पूरे इंटरव्यू को अपने सीसीटीवी कैमरे से देख रहे थे।

जूता विक्रेता से धनकुबेर तक का सफर

कांडा का एक छोटे दुकानदार से अमीर कारोबारी बनने का सफर काफी रोमांचक है। कांडा का जीवन नॉवल बेचने और वीसीपी किराये पर देकर लोगों को फिल्म दिखाने से शुरू हुआ था। लेकिन देखते ही देखते कांडा के सितारे आसमां की बुलंदियां छूने लगा और वह अरबों के मालिक हो गया। आज कांडा के पास करोड़ों की संपत्ति और कई कंपनियां हैं। गोपाल कांडा के एक क्लासमेट ने बताया कि वह गोपाल के साथ सातवीं क्लास में डबवाली रोड पर आरएसडी स्कूल में पढ़ता था। सातवीं के बाद गोपाल ने पढ़ाई छोड़ दी थी और वह नॉवल व कॉमिक्स बेचने लगा था। उसके बाद वह वीडियो कैसेट प्लेयर (वीसीपी) पर किराये पर फिल्में दिखाने लगा था। 1995 में उसने जूते-चप्पल की दुकान खोली और बाद में लोन लेकर जूते चप्पल बनाने का काम शुरू कर दिया। काम न चलने के कारण वह सिरसा छोड़कर 1998 में गुड़गांव चला गया था उसके बाद चल पड़ा कांडा की सफलता का सिलसिला। धीरे-धीरे कांडा रियल इस्टेट के धंधे से जुड़ गया और इस क्षेत्र ने कांडा को खूब पैसे कमा कर दिए। इसके बाद कांडा हरियाणा की राजनीति से जुड़ गए। इस बीच वह उस समय हरियाणा के सीएम पद पर आसीन मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के संपर्क में आए और कांडा पर उनकी कृपा बरसने लगी। आज गोपाल कांडा के पास बेशुमार प्रॉपर्टी है। अब उसके पास सिरसा में रानियां रोड पर एक महलनुमा आलीशान कोठी, गुड़गांव के सिविल लाइंस में आलीशान कोठी, गुड़गांव-फरीदाबाद रोड पर एक बड़ा फार्म हाउस, तीन दर्जन से अधिक कंपनियां, कई होटेल, बार, गोवा में कसीनो आदि हैं।

गीतिका आत्महत्या के मामले में सुनवाई फिलहाल टली

गीतिका शर्मा आत्महत्या मामले में आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने पर सुनवाई टल गई। रोहिणी कोर्ट स्थित जिला जज एसके सरवरिया की अदालत ने अब मामले की सुनवाई के लिए 22 फरवरी की तारीख तय की है। इसी मामले में अतिरिक्त मुख्य महानगर दंडाधिकारी डीके जांगला की अदालत में भी सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान मामले के आरोपियों हरियाणा के पूर्व गृह राज्यमंत्री गोपाल गोयल कांडा व एमडीएलआर कंपनी की वरिष्ठ प्रबंधक अरुणा चड्ढा के वकीलों ने पूरक आरोपपत्र में कम पाए गए दस्तावेजों को सौंपने के लिए अदालत में अर्जी लगाई। अदालत ने अर्जी पर सुनवाई के लिए 15 फरवरी की तारीख दी है।

तीसरा आरोपित देश से फरार

अदालत ने मामले में तीसरे आरोपी चनशिवरूप सिंह के खिलाफ एक फरवरी को गैर जमानती वारंट जारी करते हुए उसे 12 फरवरी को पेश करने का निर्देश दिया था। वह देश छोड़कर फरार हो चुका है। उस पर कांडा की कंपनी एमडीएलआर में सहायक प्रबंधक एचआर के रुप में काम करने के दौरान दुबई जाकर गीतिका के खिलाफ अमीरात एयरलाइंस को फर्जी कागजात सौंपने का आरोप है। उसने गीतिका को कई फर्जी मेल भी किया था। ऐसे में अब इस मामले में भी अदालत में 15 फरवरी को सुनवाई होगी। इस बीच मामले की जांच के लिए अरब सरकार से न्यायिक सहयोग के लिए लेटर ऑफ रॉगेटरी जारी करने के लिए जांच अधिकारी ने अदालत में दोबारा अर्जी लगाई।

 

समुद्र पर तैरते कसीनो की नीलामी होगी

हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल कांडा की कंपनी के कसीनो (जुआघर) वाले जहाज को अगर जल्दी ही मंडोवी नदी से स्थानांतरित नहीं किया गया तो गोवा सरकार उसे नीलाम कर देगी। इस जहाज के लाइसेंस की अवधि खत्म हो चुकी है। गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज विधानसभा को यह जानकारी दी। सदन को बताया गया कि गोल्डन ग्लोब होटल्स प्राइवेट लिमिटेड के स्वामित्व वाले जहाज एम वी लीला को राज्य सरकार एक लावारिस जहाज मानकर अपने अधिकार में ले लेगी।

पर्रिकर ने कहा, हम पर्यटन कानून के तहत इस जहाज को अपने अधिकार में लेंगे अैर इसे नीलाम कर देंगे, क्योंकि इसके लाइसेंस की अवधि खत्म हो चुकी है। भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पहले ही इस जहाज को एक कंपनी से दूसरी कंपनी को स्थानांतरित करने का अधिकार हासिल कर चुकी है। उन्होंने कहा, अगर यह जहाज किसी दूसरी कंपनी को बेच भी दिया जाता है तो भी राज्य सरकार इसे जुआघर चलाने का लाइसेंस नहीं देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के कुल छह जुआघरों में से दो (कांडा का एक जुआघर भी शामिल) जुआघर बंद हो चुके हैं, क्योंकि उन्होंने शुल्क का भुगतान नहीं किया। उन्होंने कहा, हम इन दोनों जुआघरों के बदले किसी और जुआघर को चलाने की अनुमति नहीं दे रहे हैं। इसका मतलब यह है कि अब राज्य में सिर्फ चार ही जुआघर होंगे।

 

 

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