अश्लील वेब साइट पर रोक लगाने का तरीका बताये केंद्र: सुप्रीम कोर्ट

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मुम्बई फिल्म उद्योग पोर्न साइट्स के पक्ष में उतरा, कहा:- सेक्स क्राइम बढ़ेगा

: पाकिस्तान, मिस्र और कोरिया से आ रही हैं अश्लील पोर्न साइटें : देश में ऐसी साइट्स का सबसे बड़ा बाजार है केरल : याची ने कहा कि ऐसा धंधा का प्रश्रय खतरनाक लक्षण है :

नई दिल्ली : इंटरनेट पर परोसी जा रहीं अश्लील साइट्स पर प्रतिबंध लगाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को चार हफ्ते की नोटिस जारी की है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा है कि अश्लील साइट्स पर प्रतिबंध लगाने के लिए केंद्र सरकार का क्या नजरिया है। उधर मुम्बई फिल्म जगत ने कहा है कि अगर ऐसी गंदी साइट्स पर प्रतिबंध लगाया जाएगा तो उसके दूरगामी नतीजे आ सकते हैं। मसलन, देश में सेक्स से जुड़े अपराधों का ग्राफ अचानक उछल सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि क्या भारत पाकिस्तान, चीन, गयाना, मिस्र और दक्षिण कोरिया के रास्ते पर चलते हुए इंटरनेट पोर्नोग्राफी को गैर कानूनी करार देगा और अश्लील सामग्री परोस रहीं वेबसाइट पर बैन लगाएगा? देश (इंटरनेट पर पोर्न अपलोड करने में केरल सबसे आगे) के सामने यह बड़ा सवाल सुप्रीम कोर्ट में कमलेश वासवानी को ओर से दायर एक याचिका के चलते खड़ा हुआ है। वासवानी की याचिका के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने इंटरनेट पर अश्लील वेबसाइट के प्रसार को गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने इस बारे में नोटिस जारी कर केंद्र से जवाब मांगा है।

चीफ जस्टिस अल्तमस कबीर की अध्यक्षता वाली बेंच ने सूचना-प्रसारण मंत्रालय और अन्य को नोटिस जारी किया। कोर्ट ने कहा कि इंटरनेट पर बच्चों से संबंधित अश्लीलता दिखाई जा रही है। इसे बहुत से बच्चे देखते हैं। इससे समाज में अपराध बढ़ता है। सुप्रीम कोर्ट इस मसले पर दायर एक याचिका की सुनवाई कर रहा है। इसमें ऐसी वेबसाइट्स पर रोक लगाने की मांग की गई है।

कमलेश वासवानी का कहना है कि इंटरनेट पर अश्लील सामग्री ने सेक्स को लेकर लोगों की बुनियादी समझ को ही हिलाकर रख दिया है। इसकी वजह से महिलाओं पर यौन अपराध भी बढ़ रहे हैं। भारत जैसे देश में जहां सेक्स पर सार्वजनिक तौर पर बात करना गलत समझा जाता है, वहां पोर्न वीडियो, तस्वीरों और सेक्स ट्वॉय का धंधा फलना-फूलना एक खतरनाक लक्षण है।

बॉलीवुड ने कहा, ‘पोर्न बैन किया तो और बढ़ जाएंगे सेक्स क्राइम’।

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