: सवाल यह है कि अगर सरकारी ऐलान की यह हालत है तो फिर सरकार कहां है : एक थाना प्रभारी जब थाने में महिला से ऐसी गालियां दे सकता है, तो फिर सरकार कहां है : जब एक महिला को आने-जाने का रास्ता देने पर पुलिस प्रताड़ना मिल रही है तो फिर सरकार कहां है :
कुमार सौवीर
लखनऊ : महिला हेल्प लाइन जिन्दाबाद, अखिलेश यादव जिन्दाबाद। सपाइयों और सपा सरकार के कारिंदे-अफसरों, पुलिसवालों के लिए यह बेहद आकर्षक और लुभावना नारा है। लेकिन हकीकत यह है कि आम आदमी के लिए यह केवल नारा ही है, हकीकत नहीं। गोरखपुर के एक पुलिस थाने में अपनी फरियाद करने गयी एक महिला के साथ वहां के थाना प्रभारी ने जो गालियां उस महिला के कानों में उड़ेलीं, वह किसी के भी रोंगटे खड़े कर सकता है। हैरत की बात है कि जिस समय यह थाना प्रभारी उस दुखियारी महिला को गंदी-गंदी गालियों से नवाज रहा था, उस वक्तै थाने में कई पुरूष भी मौजूद थे, जो उस महिला के विरोधी खेमे से थे और एसओ के सामने ही महिला को नंगा करते हुए तालियां पीट रहे थे।
मामला गुरूवार 19 मई का है। दोपहर का वक्त था। धर्मावती चौरसिया पत्नी रणधीर निवासी नुरुद्दीनचक चिलुआताल की है। इसका कहना है कि उसके पास 64 डिसमिल जमीन है जिस पर उसने छप्पर वाला मकान बना रखा है। धर्मावती के घर तक जाने के लिए 10कड़ी की सड़क है जो 2009 से चल रहा था। इस सड़क को लेकर एक बार 2009 में थाने पर सुलहनामा भी हो चुका है कि यह रास्ता जनहित में आम लोगों के लिए चलता रहेगा।
लेकिन धर्मावती के मुताबिक गुट्टन यादव उसके घर के पास ही की जमीन लिए है और तब से सब लोगों पर दवाब बना रहा है कि यह जमीन उस को बेच दो। गुट्टन ने धमकी दे रखी है कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो सभी लोगो का घर से निकलना बन्द कर देगा। धर्मावती के अनुसार जब लोगों ने अपनी जमीन गुट्टन यादव को सौंपने से इनकार कर दिया तो गुट्टन ने रास्ते पर जबरन दीवार खड़ी करके रास्ता ही बन्द कर दिया। ग्रामीणों का कहना है कि जब वह लोग अपने प्रधान से रास्ता बन्द होने की बात की शिकायत की तो, प्रधान ने भी हस्तक्षेप किया। प्रधान बोले कि दीवार फौरन हटाओ क्यों कि यह जनहित में रास्ता है। उनका सवाल था कि सार्वजनिक सड़क पर घेराबंद कर कैसे रास्ता बन्द किया गया।
धर्मावती का कहना है कि दीवार की जोड़ाई कर रहे मजदूरों को जब उसने मना किया तो उसके खिलाफ थाने पर झूठी शिकायत करके धर्मावती को थाने पर पुलिस द्वारा बुलवाया गया। धर्मावती कहती हैं कि:- हम जब थाने पर पुहंचे तो वहाँ पहले से ही गुट्टन यादव और उसके साथी बड़े साहब के साथ कुर्सी पर बैठे थे। जैसे ही हम अपनी बेटी के साथ वहाँ पहुंचे कि बडे साहब ने हमे भद्दी भद्दी गाली देते हुए महिला सिपाही से हमे पिटवाने लगे और गुट्टन यादव और उनके साथ के लोग हमारी बेबसी पर हँस रहे थे।
आइये, अगर आप उस घटिया पुलिस अधिकारी की गालियां सुन कर अखिलेश यादव सरकार की जयजयकार की हकीकत देखना-समझना चाहते हों तो प्रस्तुत है वह वीडियो, जिसे थाने में मौजूद एक सिपाही ने अपने मोबाइल से रिकार्ड कर लिया और यूपी सरकार की महिला हेल्परलाइन 1090 के चेहरे पर पड़ा नकाब नोंच कर फेंक दिया।
इस वीडियो अगर देखना चाहें तो निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए:-