दो साल से कर रखा था जीना हराम, एक सस्पेंड
नई दिल्ली : बेशर्मी पर आमादा दिल्ली ने एक बार फिर राष्ट्रीय राजधानी के चेहरे पर कालिख पोत डाली। ताजा मामला दिल्ली स्थित आकाशवाणी के दिल्ली केंद्र में हुई जहां एक महिला रेडियो जॉकी पत्रकार का यौन उत्पीड़न और उसके साथ अश्लील-अनुचित हरकतें हुईं। हालांकि इसकी खबर होते ही प्रसार भारती ने तत्काल कार्रवाई करते हुए प्रसार भारती ने दो कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है और एक अन्य को निलंबित कर दिया है। इतना ही नहीं, इसके साथ ही केंद्र के निदेशक को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है।
मिली जानकारी के अनुसार, पिछले महीने आकाशवाणी की 25 से ज्यादा महिला रेडियो जॉकी ने इस बात की शिकायत की थी कि उन्हें काम के बंटवारे एवं वेतन को लेकर भेदभाव का शिकार बनाया जा रहा है। साथ ही इन आरजे ने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें पिछले दो वर्षो से संकेतिक रूप से यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
आरजे ने अपनी यूनियन एआइआरबीपीए के जरिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय एवं दिल्ली महिला आयोग से शिकायत की थी। इसके बाद प्रसार भारती एवं मंत्रालय ने आंतरिक जांच शुरू कर दी। मामले को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका भी दायर की गई है जिसकी सुनवाई मई में निर्धारित है।
सोमवार को प्रसार भारती के सीइओ जवाहर सरकार द्वारा हस्ताक्षरित एक नोट में ड्यूटी ऑफिसर एन के वर्मा और शीले को तत्काल प्रभाव से पद से बर्खास्त कर दिया। जबकि एफएम गोल्ड के प्रोग्रामिंग एक्सीक्यूटिव दानिश इकबाल को जांच को प्रभावित करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही केंद्र के निदेशक एल एस वाजपेयी को मामले की शिकायत मिलने के बावजूद कोई कार्रवाई न करने के कारण नोटिस जारी किया गया है।
प्रसार भारत के सदस्य (कार्मिक) बिग्रेडियर (सेवानिवृत्त) वीएएम हुसैन ने आदेश जारी करते हुए कहा कि मामला काफी गंभीर है और यह सार्वजनिक सेवा प्रसारणकर्ता की खराब छवि प्रस्तुत करता है। सूत्रों ने कहा कि प्रसार भारती की आंतरिक जांच अभी जारी है और जांच पूरी होने के बाद कुछ लोगों पर कार्रवाई हो सकती है।