नहीं, हम बिलकुल अलग हैं: एब्बी हेंसेल
लेकिन एक देह में एकसाथ धड़कना और एक-दूसरे पर पूरी तरह आश्रित जीवन तो वाकई अजूबा होता है। आप कह सकते हैं कि ऐसी घटनाएं तो जन्मो-जन्मांतर में दुर्लभ हो जाते हैं। अनुमान है कि दुनिया में ऐसे वयस्क संयुक्त-देह शख्सियत वाले जुड़वाँ बच्चों की संख्या आज कुल 12 हैं। यानी एक दर्जन देह पर दो दर्जन लोग आश्रित हैं। एबी हेंसेल और ब्रिटनी हेंसेल भी दुनिया की ऐसी ही दुलर्भतम महिलाएं हैं और कहने की जरूरत नहीं कि पूरी दुनिया के लिए बाकायदा अजूबी बनी हुई हैं। भीड़ भाड़ में उन्हें काफी सचेत रहना पड़ता है. मना करने के बावजूद लोग उनकी तस्वीरें खींचने लगते हैं.
ब्रिटनी की जुड़वा बहन एब्बी का कहना है कि हमारे तौर तरीक़े एकदम अलग हैं. मैं खुशमिजाज़, मस्त और मज़ाकिया क़िस्म की हूं और ब्रिटनी संतुलित, गंभीर मिजाज़ हैं.” एब्बी कहती हैं, “मेरे शरीर का तापमान ब्रिटनी के शरीर के तापमान से एकदम अलग होता है. मेरे हाथ का तापमान ब्रिटनी के हाथ के तापमान से ज्यादा होता है.”
एब्बी और ब्रिटनी कई मायनों में एक दूसरे से भिन्न हैं. ब्रिटनी को ऊंचाई से डर लगता है तो एब्बी को ऊंची जगहों पर घूमना पसंद है. इसी तरह एब्बी को गणित और विज्ञान मजेदार लगता है तो ब्रिटनी की रुचि कला से जुड़े विषयों में है. कॉफी की बात की जाए तो दोनों जुड़वा बहनों के लिए इसके मायने अलग हैं. कॉफी के कुछ कप पीने के बाद ब्रिटनी के दिल की धड़कन बढ़ जाती है, जबकि एब्बी को कोई फर्क नहीं पड़ता. कई अन्य अचंभों के अलावा ये बात भी आश्चर्यजनक है कि दोनों बहनों के शरीर के तापमान में अंतर है.
कुछ भी हो, इन हेंसेल-बहनों ने अपनी भारी समस्याओं को दूर करने और अपने जीवन में एक सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखने की जो शक्ति हासिल की है, वह ऐसी दुर्लभ नस्ल का लाजवाब हिस्सा कहा जा सकता है। यकीनन, वे हम सभी के लिए एक प्रेरणा हैं कि वे वयस्क दुनिया की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं और कैसे।
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