: थाईलैंड में आंत से रक्त-स्राव और हृदयाघात के अस्पताल पहुंचाया गया : वीरेद्र विक्रम शाह के परिवार के सामूहिक हत्याकांड का आरोपित है पारस : पत्नी हिमानी शाह भी थाईलैंड पहुंची, महिला थाई मित्र के बीच तनाव की हालत : नेपाल के शहरों-कस्बों के जनता ने पटाखे छुड़ाकर खुशियां मनायी : वीरेंद्र विक्रम शाह को विष्णु भगवान का अवतार मानती थी नेपाली जनता :
आंत में भारी रक्त-स्राव और उसके बाद अचानक जोरदार हार्ट अटैक के चलते बैंकाक के एक अस्पताल में भर्ती किये गये नेपाल के पूर्व युवराज पारस शाह की हालत में अभी तक सुधार नहीं हुआ है। उनके शरीर का तापक्रम सामान्य से ज्यादा है। फिलहाल खबर है कि डाक्टर पारस की ओपन हार्ट सर्जरी करने की तैयारी कर रहे हैं। पारस के उपचार कर रही डाक्टरों की टीम ने बताया है कि पारक की हालत अभी तक बेहद गंभीर बनी हुई है। उधर नेपाल में पारस की हालत तो लेकर दुख के बजाय प्रसन्नता दिख रही है। सामान्य जनता ने पारस की हालत पर पटाखे छुटाये हैं और पारस को दुराचारी और बलात्कारी आदि संज्ञाएं देते हुए बद्दुआएं दी हैं। नेपाल के काठमांडू समेत कई शहरों और कस्बों में पारस के खिलाफ प्रदर्शन और जुलूस आदि भी निकालने की खबरें हैं।
रात में पारस को बैंकाक स्थित एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डाक्टरों ने हाईपोर्थमियां विधि से शरीर को सामान्य विधि में लाने का प्रयास किया है। डाक्टरों के अनुसार उनके दिल का धड़कन एवं रक्तचाप अभी सामान्य स्थिति में नहीं है। उनके मस्तिष्क भी कोई प्रतिक्रिया नही कर रहा है। पूर्व युवराज के मित्र एवं व्यापारी सुनील खड़का उनके साथ अस्पताल में जमे हैं। उन्होंने बताया कि कृत्रिम आक्सीजन से उनकी श्वास-प्रणाली को सामान्यं रखने की कोशिशें की जा रही हैं। इसी बीच उनकी पत्नी हिमानी शाह शुक्रवार को अस्पताल पहुंच गई हैं। हालांकि पारस के साथ उसकी थाई महिला मित्र की मौजूदगी से अस्पताल में बेहद तनाव की हालत बतायी जाती है।
नेपाल के पूर्व युवराज इस समय जीवन और मृत्यु के बीच चल रहे हैं। इसी बीच उनके जीवन सबन्धी अनेक चर्चाओं से नेपाल की राजधानी काठमाण्डो में गर्मी छायी हुई है। तत्कालीन शक्तिशाली दरबार में उनके आतंक और उनका गुण्डागर्दी के कारण नेपाल जनता में उनके प्रति संवेदना समाप्त हो गया है। इस समय वह कोमा में हैं उनके जीवन के लिये जहां जनता को प्रार्थना करनी चाहिए दया दिखानी चाहिए वहीं नेपाली जनता इस समय खुशी के माहौल में दिख रही है। नेपाली जनता ने जुलुस निकालकर यह भी नारा दिया है कि भगवान के वहां देर है लेकिन अंधेर नही।
जनता का दुःखी न होना या संवेदनाहीन होना छोटी बात नही है। लेकिन पारस की चरित्रहीनता ने जनता को हिलाकर रख दिया था। यह वही पारस हैं जो नेपाल की एक मॉडल को जबरन उठाकर ले गये और बलात्कार कर छोड़ दिया तथा बैंकाक में यही पारस चरस का सेवन करते हुये पकडे़ गये थे। यह सारी अव्यवस्था पारस के संस्कार में था। सन 2000 में नेपाल में उतनी बडी़ घटना राज-दरबार में सामूहिक हत्याकांड में भी पारस का हाथ बताया जाता था जिसमें लोकप्रिय राजा वीरेंद्र विक्रम शाह के पूरे खानदान को खत्मे कर दिया गया था।
भगवान विष्णु के अवतार कहे गये नेपाल के राजा वीरेन्द्र विक्रम शाह के हत्या से जनता तिलमिलाई हुई है क्योंकि जनता के वीच में उनकी एक पैठ थी। वह वेष बदल के काठमाण्डों की गलियों में जनता का हाल लेने घूमा करते थे। यह यही पारस हैं कि उसी गलियों में नेपालियों को गोली मारी तथा उनकी बहन-बच्चियों के साथ अभद्र व्यवहार भी किए। शायद आज नेपाल के पूर्व राजा होते तो नेपाल की राजशाही भी नही जाती। आज यही कारण है कि नेपालियो के वीच अपने प्यार खो देने से पारस को अपना देश भी नसीब नहीं हो रहा है। वह बैंकाक में शरण लिये हुए हैं। वही चरित्र हिनता के कारण उनकी पत्नी हिमानी भी उनसे दूर नेपाल में ही रहती है। बैंकाक में एक थाई महिला मित्र उनके साथ रहती है।