जहालत की इम्तिहां: “तीन तलाक में ही सुरक्षित है मुस्लिम औरतों की जिन्‍दगी”

बिटिया खबर

: गोरखपुर में मुस्लिम महिलाओं का सम्मेलन सम्‍पन्‍न : जब औरतें ही तीन तलाक की पैरवी में जुटीं, फिर तो खुदा खैर करे : जो तीन तलाक का विरोध करते हैं, वे मुसलमान नहीं, मुस्लिम पर्सनल लॉ में दखल बर्दाश्त नहीं :

संवाददाता

गोरखपुर : यह वह वक्‍त है जब पूरी दुनिया कट्टरवादी रूढियों और क्रूर परम्‍पराओं के विरोध करने पर आमादा है, खास कर मुस्लिम देशों में तो ऐसी कई कट्टरवादी परम्‍पराओं को तिलांजलि दी जा चुकी है, और महिलाओं की आवाज को अब तेजी से मुखर किये जाने के लिए आंदोलन छेड़े जा चुके हैं, तथा भारत में भी सर्वोच्‍च न्‍यायालय तथा केंद्र सरकार इस बारे में ठोस कदम उठा रही है, गोरखपुर की कतिपय मुस्लिमों ने अब अपनी ही पुरानी खोल में समेटे-कुचले का संकल्‍प लिया है। कल गोरखपुर में खुद को प्रगतिशील ऐलान करने वाली महिलाओं ने एक सम्‍मेलन में साफ कहा कि तीन तलाक महिलाओं के खिलाफ नहीं, बल्कि महिलाओं को मुकम्मिल सुरक्षा देने की गारंटी देता है।

सम्‍मेलन में कहा गया कि मुस्लिम कानून महिलाओं के सम्मान, अधिकारों एवं स्वतंत्रता सुनिश्चित करता है। जिन मजहबों में तलाक नहीं हैं उनमें औरतों का कत्ल होता है। सरकार मुस्लिम पर्सनल लॉ में दखलअंदाजी करने का मौका तलाश रही है। और जो लोग तीन तलाक के विरोध में चिल्‍ल-पों कर रहे हैं, असल में ये लोग औरतों के हमदर्द नहीं, बल्कि औरतों के सबसे बड़े दुश्मन हैं।

यह आरोप यहां गोरखपुर में आयोजित एक सम्‍मेलन में आलिमा ताबिंदा खानम ने लगाया। ताबिंदा के मुताबिक जिन मजहबों में तलाक नहीं हैं उनमें औरतों का कत्ल होता है। उनका आरोप था कि सरकार मुस्लिम पर्सनल लॉ में दखलअंदाजी करने का मौका तलाश रही है।

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तलाक

मुस्लिम समाज की मौलिमा व आलिमा ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में सरकार की दखलअंदाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। शरीयत अल्लाह और रसूल का दिया हुआ कानून है जिसे बदलने का हक किसी को नहीं है। केंद्र सरकार को हिदायत दी कि सरकार बदल सकती है लेकिन शरीयत कानून नहीं बदला जा सकता है। रविवार को तालीम, दीनी एवं दुनियावी फराइज, निकाह, तीन तलाक, दहेज समेत तमाम सामाजिक मसलों पर नार्मल स्थित दरगाह हजरत मुबारक खां शहीद अलैहिर्रहमां में पहली बार मुस्लिम महिलाओं का राज्य स्तरीय सम्मेलन आयोजित हुआ।

बज़्म-ए-ख्वातीन बनाम इस्लाह-ए-मआशरा कांफ्रेंस सुबह नौ बजे से दोपहर एक बजे तक चली जिसमें 600 से ज्यादा महिलाओं ने हिस्सा लिया। सम्मेलन की सदारत कर रहीं गोरखपुर की आलिमा शबाना खातून शम्सी ने कहा कि मजहबे इस्लाम को इंसान ने बड़ी तेजी के साथ कबूल किया। इस्लाम दुनिया का आज सबसे ज्यादा मकबूल मजहब है। मऊ से आईं प्रतिष्ठित मुस्लिम धर्मगुरु महजबीं अख्तरी ने कहा कि तलाक समाज के लिए एक सेफ्टी वाल्व की तरह है। तलाक कुरआन और हदीस में मौजूद है। कहा कि सरकार मुस्लिम औरतों की खैरख्वाह नहीं और तीन तलाक का विरोध करने वाले मुसलमान नहीं।

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