‘तौबीरा गेट्स हर बनाना बैक’

ज़िंदगी ओ ज़िंदगी

भारत ही नहीं, फ्रांस तक की राजनीति बेहद गंदी

नई दिल्ली : मोदी हैं बंदर, राहुल का मामा, भाजपा का नाना, कांग्रेस का खूनी पंजा, भाजपा का दुराचारी कमल, हाफ-पैंटियों की शौक वगैरह-वगैरह आलंकारों-विभूषणों से अगर आप खिन्न हो चुके हैं तो परेशान मत होइये। भद्दी-भद्दी गालियों की हर सीढ़ी तक उतरती जा रही हमारे देश की स्तरहीन राजनीति को कोसने के बजाय अब आपको खुश होना चाहिए कि फ्रांस और आस्‍ट्रेलिया जैसे देशों की राजनीति में गंदगी भारत से ज्यादा है। ताजा घटना में वहां की अश्वेत मंत्री पर जो राजनीतिक हमले शुरू हो गये हैं, उसे सुन कर तो आपके कानों की लवें तक सुलग सकती हैं। ज्ञातव्य है कि आस्ट्रेपलिया की प्रधानमंत्री रहीं जूलिया गेलार्ड के विरोधियों ने एक पार्टी आयोजित की थी, जिसमें परोसे गयी डिशेज का नाम जूलिया की जांच, जूलिया की छाती पर रखे गये थे। इस पर भी खूब हंगामा उठा। लेकिन अब फ्रांस सरकार की इकलौती अश्वेत मंत्री क्रिश्चियन तौबीरा फिर रंगभेद का शिकार हुई हैं। देश की साप्ताहिक मैगजीन ‘मिनट’ ने अपने मुख्य पृष्ठ पर राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद सरकार में न्याय मंत्री तौबीरा की तुलना एक बंदर से कर नए विवाद को जन्म दे दिया है। अखबार ने तौबीरा को बंदर की तरह चालाक बताते हुए हेडिंग लगाई – ‘तौबीरा गेट्स हर बनाना बैक।’

देशभर में इस तरह के भद्दे मजाक के खिलाफ आवाज उठ रही है। तौबीरा ने भी इन शब्दों को बेहद हिंसात्मक करार देते हुए कहा कि वह भी इंसान हैं। इस तरह के लेख से उन्हें बहुत चोट पहुंची है। दो बार पहले भी न्याय मंत्री की तुलना बंदर के साथ की जा चुकी है। मिनट के इस भद्दे लेख से राजनीतिज्ञ खफा हैं। इनमें से कुछ ने मैगजीन के संपादक और प्रकाशक को रंगभेद और जातीय नफरत फैलाने के आरोपों में गिरफ्तार कर मामला चलाने की मांग भी की है। प्रधानमंत्री ज्यां मार्क एरॉल्ट की शिकायत पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

तौबीरा के कार्यकाल में ही फ्रांस ने समलैंगिक विवाह को मान्यता दी। इसके चलते वह कई समूहों के निशाने पर हैं। पिछले महीने उनके खिलाफ हुए प्रदर्शन में भी नारे लगाए गए थे -‘मंकी, ईट योर बनाना’।

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