शाबाश योगी पुलिस: तालाब की झाडि़यों में सड़ता रहा बुजुर्ग, पुलिस बेखबर

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: बस्‍ती शहर में दिखी दावों की डींग हांकने वाली पुलिस की संवेदनहीनता : देह पर बजबजा रहे कीड़े, सड़ांध से इलाका बेहाल, खबर मिलने के बावजूद नहीं पहुंचे एसओ : बस्ती और फैजाबाद के कप्‍तान और डीसीआरबी अब तक नहीं खोज पाये इस वृद्ध का पता :

मेरीबिटियाडॉटकॉम संवाददाता

बस्‍ती : 22 अक्तूबर की सुबह सामाजिक कार्यकर्ता शिवराम गुप्ता को बस्ती रेलवे स्टेशन रोड स्थित एक तालाब में  करीब 70 वर्ष की अवस्था का एक वृद्ध मरणासन्न अवस्था में पड़ा हुआ दिखाई पडा। उन्हें लगा की उनको उस वृद्ध के पास जाकर उसे बचाने की कोशिस करनी चाहिए लेकिन वह तालाब में अकेले घुस कर उस वृद्ध को बाहर भी नहीं निकाल सकते थे ऐसे में उन्होंने  सोचा की ऐसे लोगों को इस वृद्ध को बचाने के लिए बुलाना चाहिए जो इन सब कामों से घृणा न करते हों  ऐसे में उनके दिमाग में तीन नाम ही आये जो पत्रकारिता को सिर्फ समाजसेवा के रूप में करते आ रहे है उन्होंने इन तीनों लोगों को जिनका नाम बृहस्पति पाण्डेय, पंकज त्रिपाठी व विशाल पाण्डेय है को फोन कर वस्तुस्थिति से अवगत कराया। चूँकि समय सुबह का था और ये लोग खाने की तैयारी कर रहे थे, लेंकिन किसी वृद्ध के बारे में इस तरह की बात सुनकर ये तीनों बिना भोजन किये उस स्थान पर पहुँच गए जहाँ वह वृद्ध तालाब में पडा हुआ था। वहां पहुंचने पर इन लोगों ने जो दृश्य देखा उसको देख कर कलेजा मुँह को आ गया । सामने एक तालाब में एक वृद्ध पड़ा था। उस पर असंख्‍य नीली मक्खियां भिनभिना रही थीं। पैरों के निचले हिस्से में सड़न के चलते लाखों की संख्या में कीड़े बजबजा रहे थे। शरीर के अधिकतर हिस्से में पाखाना लिथड़ा था। इन चारो ने बिना किसी घबराहट या घृणा के उस वृद्ध को उस नरक से बाहर निकाला। वृद्ध को बाहर निकालने के बाद उसकी साँसे बहुत धीमी चल रही थी । लग रहा था कि वृद्ध का बचना मुश्किल है ।

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इसी बीच पंकज त्रिपाठी पुरानी बस्ती थाने के थानाध्यक्ष को फोन कर उस वृद्ध के लावारिश हालात में पड़े होने की जानकारी दे चुके होते है चूँकि उन्होंने सोचा की पुलिस का ऐसे मौके पर होना बहुत जरुरी है लेकिन लगभग एक घंटे बीत जाने के बावजूद पुरानी बस्ती थाने के इंचार्ज ने एक सिपाही तक को मौके पर नहीं भेजने का कष्‍ट उठाया। इसके बाद भी पंकज त्रिपाठी ने थाना इंचार्ज पुरानी बस्ती को दो बार फोन किया लेकिन उधर से बस पुलिस भेजे जाने के आश्वासन की घुट्टी पिलाई जाती रही। जब इन लोगों को लगा कि पुलिस के इंतज़ार में ये वृद्ध दम तोड़ देगा, तो इसके बाद पंकज ने पुलिस अधीक्षक बस्ती  को फोन कर थानाध्यक्ष पुरानी बस्ती के कारस्तानी से रूबरू करा दिया।

इसके बाद पुलिस अधीक्षक बस्ती ने थाना इंचार्ज पुरानी बस्ती को डांट पिलाई होगी क्योंकि उसके बाद उधर से पंकज के फोन की घंटी चिल्लाने लगी थी। पंकज ने फोन रिसीव किया तो उन्हें पता चला की ये तो थाना इंचार्ज महोदय हैं जो यहाँ आने के लिए एक घंटे से हम सब को मूर्ख बनाने में व्‍यस्‍त थे। पंकज से उन्होंने घटना स्थल का पता पूछा। पंकज ने पता तो बता तो बता दिया, इसी बीच पंकज द्वारा 108 नंबर पर एम्बुलेंस पर फोन कर उस वृद्ध को अस्पताल ले जाने की सूचना भी दे चुके थे। इस दौरान उस वृद्ध के पावों में सडन में कीड़े बिजबिजाते देख बृहस्पति पाण्डेय ने शिवराम गुप्ता की की मदद वृद्ध के घावों पर स्प्रिट डाल कर कीड़ों को साफ किया।

इस वृद्ध के शरीर में लैट्रिन व सडन के चलते भीषण बदबू आ रही थी। फिर भी इन युवकों ने हिम्मत दिखाई और पास पड़े ख़राब नल को आनन फानन में शिवराम गुप्ता ने इस वजह से मरम्‍मत करा दिया ताकि उस वृद्ध की साफ़ सफाई में सुभीता हो जाए। इस दौरान पुलिस के तीन जवान आ धमके पंकज की  पुलिस वालों के  देरी से आने के चलते कुछ नोक झोक भी हो गई। लेकिन जब पुलिस वालों ने इन लोगों के उस वृद्ध के साथ इतनी मानवता से पेश आते देखा तो उनका मन भी पसीज गया फिर इन चारो ने उन पुलिस वालों की मदद से उस वृद्ध के शरीर में जगह जगह लगे लैट्रिन को पानी से साफ़ किया और उसके घावों को साफ़ कर उस कर पास के एक घर से कपडे मांग कर पहनाये गए। साफ सफाई करने से उस वृद्ध में थोड़ी जान आ गई थी ।

इसी दौरान एम्बुलेंस भी आ गई । उस वृद्ध को ये लोग वहां से लेकर जिला अस्पताल लेकर आये लेकिन पुलिस वाले उस घटना स्थल से आगे जाना गंवारा न समझा। आखिर बिना पुलिस के ही इन चारो ने वहां की जरूरी कागजी कार्यवाही पूरी की। उसके बाद बाद उस वृद्ध की मरहम पट्टी हुई जिसके चलते  उसे जब कुछ होश आया तो उसने बताया कि वह फैजाबाद के पूरे कलन्दर थाने के गंजा गांव का रहने वाला है। नाम है राम। इसके बाद वह वृद्ध इस स्थिति में नहीं था कि वह ये बताये कि वह बस्ती कैसे पहुंचा या उसे तालाब में किसने ले जाकर डाला।

फिलहाल उसका इलाज चल रहा है और उसका स्वास्थ्य अब बेहतर है। इस दौरान उस वृद्ध के आंखों में कई बार आंसू आ जा रहे है उसके हाथ बार बार जुड जुड़ जाते है  । उस वृद्ध के खाने पीने का पूरा ख्याल रखा गया है। लेकिन इन युवकों को दुःख इस बात का है कि इस अवस्था में जिसने भी इस वृद्ध को छोड़ा है उससे मानवता शर्मसार हो रही है। वहीं गुस्सा इस बात का है कि पंकज ने बस्ती पुलिस अधीक्षक, फैजाबाद पुलिस अधीक्षक, डीसीआरबी बस्ती व फैजाबाद को भी वृद्ध के बताये पते पर छानबीन और पहुँचाने में मदद की गुहार की थी। लेकिन पुलिस को जैसे इन सब बातों से कोई सरोकार ही ना हो। क्योंकि आज भी वह वृद्ध बस्ती के जिला अस्पताल के सर्जिकल वार्ड के बेड नंबर 6 पर पडा हुआ है। अगर यह चारों बहादुर युवक न हों तो उस वृद्ध की कोई भी खोज खबर लेने वाला नहीं। अगर नेताओं को अखबार में छपने के लिए झाड़ू हाथ में लेकर फोटो खिचवाना होता तो ये नेता दिन में सौ चक्कर लगाते लेकिन यहाँ तो बात एक असहाय वृद्ध की है। जिसका कोई नामलेवा तक नहीं दिख रहा है।

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