आरुषि हत्याकांड तलवार-दम्पत्ति की करतूत: सीबीआई

ज़िंदगी ओ ज़िंदगी

न पलंग की चादर पर सिलवट थी, न गला काटने पर खून का फव्वारा

: बुधवार को होगी मामले की अगली सुनवाई : सुनवाई के वक्त खचाखच भरी हुई थी सीबीआई की अदालत : सीन ऑफ क्राइम में जमकर छेड़खानी की गयी थी :

गाजियाबाद : देश का बहुचर्चित आरूषि हत्याकांड में अब फिर एक नया मोड़ आ गया है। मामले की जांच कर रही सीबीआई ने आज अदालत में साफ कह दिया है कि इस हत्याकांड में आरूषि के माता-पिता यानी तलवार-दम्पत्ति ही पूरी तरह जिम्मेदार हैं। सीबीआई का आरोप है कि इस हत्या को तलवार-दम्पत्ति ने ही अंजाम दिया है। बहरहाल, अब सीबीआई अदालत ने तय किया है कि इस मामले की सुनवाई बुधवार यानी 17 अप्रैल को की जाएगी।

जाहिर है कि सीबीआई के इस निष्‍कर्ष के चलते अब इस मामले की जांच अब नये दिलचस्प मोड़ पर पहुंच चुकेगी। आपको बताते चलें कि इससे पूर्व हत्याकांड के आरोपी डा. राजेश तलवार व डा. नूपुर तलवार सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एस लाल की अदालत में पेश हुए। आरुषि-हेमराज हत्याकांड में विवेचक रहे व सीबीआइ के एएसपी एजीएल कौल ने मंगलवार को सीबीआइ अदालत में कहा कि आरुषि-हेमराज हत्याकांड को आरुषि के मां-बाप डा.राजेश तलवार व डा.नूपुर तलवार ने ही अंजाम दिया था। मामले की सुनवाई के समय अदालत पूरी तरह खचाखच भरी हुई थी।

अदालत में दिए बयान में जांच अधिकारी श्री कौल ने कहा कि घटनास्थल पर तलवार दंपती मिले। मकान में प्रवेश करने का एक ही दरवाजा था, जो अंदर से खुलता था और बाहर से केवल चाबी से ही खुलता था। आरुषि व डा.राजेश के कमरों के बीच दीवार थी, जिसका एक हिस्सा तीन-चार फिट का था व प्लाईवुड का था। अभियुक्तों ने उन्हें बताया था कि आरुषि के बड़े होने पर इस दरवाजे को प्लाईवुड से बंद कराया गया था। विवेचना में उन्होंने डा. राजेश से गोल्फ स्टिक पेश करने को कहा था। पूर्व में इसको लेकर की गई पूछताछ में डा. राजेश तलवार संतोषजनक जवाब नहीं दे सके थे। कौल ने कहा कि सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लैब (सीएफएसएल) दिल्ली से मिली गोल्फ स्टिक की जांच रिपोर्ट से पता चला कि दो गोल्फ स्टिक अन्य गोल्फ स्टिक से ज्यादा साफ थीं। इनमें से एक गोल्फ स्टिक का क्षेत्रफल दोनों (आरुषि व हेमराज) को आई चोटों से मेल खाता था।

गोल्फ स्टिक के पूरे सेट की पहचान डा. राजेश के ड्राइवर उमेश से कराई, उसने बताया कि इन्हीं दोनों स्टिक को उसने हेमराज के कमरे में रखा था। कौल ने कहा कि उन्होंने सीएफएसएल विशेषज्ञों व स्वंतत्र गवाहों के समक्ष डमी टेस्ट कराया था। इसका पहला कारण यह पता करना था कि डा.राजेश तलवार के घर की सीढि़यों से होते हुए क्या दो साधारण कद काठी के व्यक्ति किसी मृतप्राय व्यक्ति को चादर में लपेट कर छत पर ले जा सकते हैं। दूसरा, खून से सने व्यक्ति को यदि चादर में लपेटकर छत पर घसीटा जाए तो घसीटने का क्या तरीका आएगा।

कौल के अनुसार, वह मौके पर पहुंचे तो बाहर का लोहे का मुख्य दरवाजा हटाया जा चुका था। उन्होंने कहा कि सारी जांच व परिस्थितियों के बाद यह निष्कर्ष निकाला कि दोनों की हत्या किसी बाहरी व्यक्ति ने नहीं की और न ही नौकर कृष्णा, राजकुमार व विजय मंडल ने की है, बल्कि दोनों की हत्या तलवार दंपती ने की थी। जांच में यह भी पाया गया कि सीन आफ क्राइम से छेड़छाड़ की गई थी। जिस बेड पर आरुषि का शव था, उसकी चादर में एक भी सिलवट नहीं थी। आरुषि का गला काटने से खून का फव्वारा भी नहीं निकला था। हेमराज का शव छत पर पैनल से ढका गया था। अदालत ने बयान स्थगित करते हुए अगली सुनवाई के लिए 17 अप्रैल की तारीख निश्चित की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *