: सीएम के गृह-जनपद सुलगने लगा है हाता पर हुई छापेमारी से : सोनू पाठक तो बलिया जेल में बंद था, फिर किस शख्स को खोजने गयी थी पुलिस : यह तो ब्राह्मण समाज पर हमला के तौर पर देख रहा है विप्र-समाज :
कुमार सौवीर
वाराणसी : करीब दस दिन पहले की वारदात है, जब यहां के एक प्रतिष्ठित सर्राफा के प्रतिष्ठान पर कई लुटेरों ने हमला किया और करीब दस करोड़ रूपयों की लूट की। बेहद शातिराना अंदाज में हुई इस वारदात के बाद लुटेरे ईत्मीनान से मौके से निकल गये। उसके बाद पुलिस ने कुछ दिनों तक तो खूब हाथ-पांव फेंके, लेकिन जब कोई भी नतीजा नहीं निकला तो उसके बाद पुलिस ने मामला ठण्डे बस्ते में दाखिल कर दिया।
लेकिन बलिया में चार दिन पहले हुई एक छोटी सी लूट को पुलिस ने सिर्फ हवा बांधी और पूरे प्रदेश की राजनीति को गरम कर दिया। हालत यह है कि इस हादसे ने बसपा को खुद के पांव जमाने की कवायद इसी बहाने शुरू दिया है। जब यह खबर आप तक पहुंचेगी, गोरखपुर के जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में धरना शुरू हो चुका होगा। आसपास का पूरा इलाका खचाखच भरा हुआ है। जमकर नारेबाजी चल रही है।
हार कर प्रशासन ने दे ही डाली धरने की इजाजत
हालांकि जिला प्रशासन ने पहले तो इस धरने की इजाजत देने से इनकार कर दिया था। लेकिन बाद में जब यह खबर मिली कि यह धरना किसी भी कीमत पर होगा और उस का विरोध करने पर हंगामा खड़ा हो सकता है, तो प्रशासन के हाथपांव ठण्डे हो गये। हार कर प्रशासन ने यह धरना करने की इजाजत जारी कर दी।
आपको बता दें कि तीन दिन पहले गोरखपुर पुलिस ने भारी लाव-लश्कर के साथ गोरखपुर स्थित हाते पर छापा मारा था। यह हाता पूर्वांचल के ब्राह्मण नेता हरिशंकर तिवारी का आवास है और पूर्वांचल ही नहीं, बल्कि पूरे ब्राह्मण-समुदाय की प्रतिष्ठा का केंद्र माना जाता है। इतना ही नहीं, यह हाता राजनीतिक गतिविधियों का भी केंद्र है। सात बार विधायक रह चुके तिवारी जी के अलावा यूपी विधानपरिषद के पूर्व सभापति और उनके भांजे गणेशशंकर पाण्डेय, पूर्व सांसद और बड़े बेटे कुशल शंकर तिवारी और बसपा के वर्तमान विधायक विनय शंकर तिवारी का पूरा विशालकाय कुनबा इसी हाते में रहता है।
हैरत की बात है कि पुलिस ने जिस सोनू पाठक नामक व्यक्ति को दबोचने के लिए हाता में यह छापेमारी की थी, वह सोनू पहले से ही बलिया जेल में बंद था। फिर सवाल यह है कि आखिर पुलिस किस आधार पर हाते पर छापा मारने गयी थी। वह भी तब, जबकि इस छापे के लिए पुलिस के पास कोई वारंट तक नहीं था। हैरत की बात है कि पुलिस ने किसी युद्ध की शैली में भारी-भरकम पुलिस-बल के साथ हाते पर छापा किया, लेकिन इसके फौरन बाद ही इस छापे से पहले तो इनकार कर दिया, फिर यह कुबूल तो किया कि छापा पड़ा था, लेकिन यह छापा हाते पर नहीं, बल्कि हाते के बाहर पड़ा था।
दगे हुए कारतूसों के खोखों का मजाक
यह भी आश्चर्यजनक ही कहा जाएगा कि पुलिस ने अपनी इस छापामारी के बाद पांच लोगों को पकड़ने का दावा किया, लेकिन उस में से चार लोगों को बरी कर थाने से ही छोड दिया। और जिस पांचवें शख्स को जेल भेजा, उसके पास केवल चार कारतूस और कई खोखे बरामद करने के दावे किये गये। मजाक कैसे हुआ, इसका अंदाजा आप छापामारी करने वाले एसपी सिटी हेमराज मीणा के बयानों से समझ सकते हैं। मीणा और उनके साथ पहुंची पुलिस ने तिवारी हाता के सामने स्थित मकान से कुशीनगर जिले के कप्तानगंज थाना क्षेत्र के औराही गांव निवासी अशोक सिंह को गिरफ्तार कर उसके पास से 315 बोर के 15 खोखा और 12 बोर के 4 जिंदा कारतूस बरामद किए थे।
ऐसी हालत में सवाल तो यह है कि कोई भी शख्स दगे हुए कारतूस के खोखे क्यों रखेगा। यह भी सवाल अक्षुण्ण है कि जब उस शख्स के पास कारतूस तो मिल गये, लेकिन बिना किसी असलहे के वह किस आधार पर कारतूस लिये घूम रहा था। उसका मकसद क्या था।
पूर्व मंत्री पं. हरिशंकर तिवारी, पूर्व सांसद भीष्मशंकर उर्फ कुशल तिवारी, विधान परिषद के पूर्व सभापति गणेश शंकर पांडेय तथा बसपा विधायक विनय शंकर तिवारी के आवासीय परिसर में पुलिस की छापेमारी के खिलाफ बसपा ने भी मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को कलेक्ट्रेट में धरने पर बैठने जा रहे चिल्लूपार बसपा विधायक विनय शंकर तिवारी के साथ बसपा के प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर, विधायक दल के नेता लालजी वर्मा भी मौजूद रहेंगे। रविवार को तिवारी के समर्थकों एवं बसपा कार्यकर्ताओं ने बैठकें कर इस विरोध प्रदर्शन की तैयारी की। विभिन्न संगठनों ने भी धरने का समर्थन दिया है।
जटाशंकर तिराहा स्थित बसपा विधायक के आवास हाता पर रविवार सुबह से ही समर्थकों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया। पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी, विधान परिषद के पूर्व सभापति गणेश शंकर पांडेय व पूर्व सांसद भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी से मिलने बड़ी संख्या में समर्थक पहुंचे।
सरकार के रिमोट से चल रही पुलिस: विनय
विधायक विनय शंकर तिवारी ने अपने आवासीय परिसर में जुटे समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि जिले की पुलिस सरकार के रिमोट पर काम कर रही है। ऊपर से जो आदेश मिल रहा है उस हिसाब से पुलिस अपना बयान बदल रही है। एसपी सिटी पहले कहते हैं बदमाश की तलाश में छापेमारी हुई, फिर कहते हैं घर में छापा मारा ही नहीं गया।
(अपने आसपास पसरी-पसरती दलाली, अराजकता, लूट, भ्रष्टाचार, टांग-खिंचाई और किसी प्रतिभा की हत्या की साजिशें किसी भी शख्स के हृदय-मन-मस्तिष्क को विचलित कर सकती हैं। समाज में आपके आसपास होने वाली कोई भी सुखद या घटना भी मेरी बिटिया डॉट कॉम की सुर्खिया बन सकती है। चाहे वह स्त्री सशक्तीकरण से जुड़ी हो, या फिर बच्चों अथवा वृद्धों से केंद्रित हो। हर शख्स बोलना चाहता है। लेकिन अधिकांश लोगों को पता तक नहीं होता है कि उसे अपनी प्रतिक्रिया कैसी, कहां और कितनी करनी चाहिए।
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