आरोप वापस लेने का दबाव बना रहे थे पुलिसवाले
: बिजनौर के अफजलगढ़ थाने में हुई शर्मनाक वारदात : मामले में थानाध्यक्ष समेत तीन पुलिसवाले निलंबित : इसके पहले बुलंदशहर में बलात्कारपीडित बच्ची को हवालात में बंद कर दिया था पुलिसवालों ने :
बिजनौर। बलात्कार की पीडि़त बच्ची को दिलासा देने और न्याय दिलाने की कोशिश करने के बजाय यूपी पुलिस ने ऐसा शर्मनाक कांड कर दिया जिससे पूरी सरकार के चेहरे पर कालिख पुत गयी। पहले बुलंदशहर में रेप पीड़ित 10 साल की बच्ची को हवालात में बंद करने के मामले पर सर्वोच्च न्यायालय ने हस्तक्षेप करते हुए अफसरों और पुलिसवालों को कड़ी ताईद की थी, लेकिन इसके चंद दिन बाद ही अब पुलिसवाले दुष्कर्म पीड़िता को ही थाने में पीटने लगे। पुलिसवाले चाहते थे कि यह बच्ची बलात्कार के अपने आरोप को दबा डाले। ताजा मामला बिजनौर का है, जहां थाने पर पहुंची बलात्कार पीडित बच्ची को खुद पुलिसवालों ने लाठियों से जमकर पीटा। बहरहाल, सरकार ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया करते हुए बिजनौर में थानाध्यक्ष सहित तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।
बिजनौर में हुआ यह कांड, जहां नाबालिग गैंगरेप पीड़िता और उसके पिता को जबरन पुलिस थाने में लाकर पुलिसवालों ने उनकी जमकर पिटाई कर दी। थाने में एक लेडी कांस्टेबल ने पुलिस इंसपेक्टर के कहने पर नाबालिग गैगरेप पीड़िता को तब तक पीटती रही जब तक कि वो अपना बयान बदलने को तैयार नहीं हो गई। दरअसल अफजलगढ़ थाना इलाके की एक नाबालिग लड़की के साथ उसी के गांव के दो लड़कों ने गैंगरेप किया था। जिला पुलिस कार्यालय के अनुसार थाना अफज़लगढ़ के गांव रसूलपुर आबाद में 11 अप्रैल की रात शौच के लिए गई किशोरी से गांव के ही दो युवको ने कथित रूप से बलात्कार किया। किशोरी अगले दिन बदहवास हालत में मिली थी। जब लड़की के परिवारवाले अपनी बेटी के साथ एसपी ऑफिस शिकायत दर्ज कराने गए तो पुलिस वाले उसकी शिकायत दर्ज करने के बजाए उसे एएसपी ऑफिस ले गए।
परिजनों ने आरोप लगाया है कि इस घटना की रिपोर्ट लिखने की बजाय थाने में किशोरी की पिटाई की गई। सोमवार देर शाम एसपी सुनील चंद वाजपेयी ने थाने पहुंचकर मामले की जानकारी ली। उन्होंने थानाध्यक्ष रामजी लाल, दारोगा राज सिंह और महिला आरक्षी सुखराज कौर को निलंबित कर दिया है। इस मामले में घटना की रिपोर्ट दर्ज कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर किशोरी का मेडिकल कराया गया है।
पुलिस आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय गैंगरेप पीड़िता व उसके पिता को उठाकर थाने ले आई। थाने में लाने के बाद उसकी एफआईआर दर्ज करने के बजाए पुलिसवाले किशोरी को बयान बदलने का दबाव बनाने लगे। जब लड़की नहीं मानी तो पुलिस वालों ने उसे थाने में ही पीटना शुरु कर दिया। काफी देर तक पुलिसवाले गैंगरेप पीड़िता और उसके पिता को थाने में पीटते रहे। बुलंदशहर मामले से घबराए अधिकारी को जब बिजनौर पुलिस की इस करतूत की खबर डीआईजी मुरादाबाद को मिली तो उन्होंने तुरंत कार्रवाई करते हुए एएसपी अमरेंद्र कुमार सेंगर ने आरोपी थानाध्यक्ष, दरोगा और महिला सिपाही को निलंबित कर दिया और मामले की जांच के आदेश दे दिया। उत्तर प्रदेश के बिजनौर में एक थानाध्यक्ष सहित तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है सभी पर बलात्कार की शिकार एक किशोरी का थाने में उत्पीड़न करने और रिपोर्ट दर्ज न करने का आरोप है।