जी-न्‍यूज वाले वासिन्‍द्र मिश्र को लेकर रूदाली, विदाई बेला आयी

सैड सांग

: कातिल के कातिल-पंजों ने हलाल किया वासिन्‍द्र का साम्राज्‍य, अब ढक्‍कन भये सपाई मिसिर जी : जगदीश चंद्रा ने अपने साम्राज्‍य के विस्‍तार के लिए सारे कूड़े-करकट निपटाये : ताजा खबर यह कि एक भी रिपोर्टर अब वासिन्‍द्र को रिपोर्ट नहीं करेगा :

कुमार सौवीर

नोएडा : तो फिर यूपी वाले वासिन्‍द्र मिश्र की दूकान क्‍या वाकई शटर-बन्‍द हो गयी है। जी-टीवी समूह प्रबंधकों ने तय किया है कि नये जोश के साथ लबरेज खून को ही तरजीह दी जाएगी, भले ही वह खून कितना भी पुराना और पुख्‍ता हो। जबकि इसके ठीक विपरीत यह व्‍यवस्‍था यह दी गयी है कि जी-टीवी में केवल उन्‍हें खून वाली लहरों को दक्षिण कर दिया जाएगा, भले ही कितना भी जुगाड़ू क्‍यों न हो। प्रबंधन का फैसला है कि अब यह समूह अब अपने लिए सिर्फ अपनी फिनाइंशियल-स्‍ट्रेटजी पर काम करेगा, बजाय इसके कि समूह में काबिज धंधेबाजों की अपनी निजी फिनांसियल स्‍ट्रेटजी को बेलगाम मौका दिया जाए।

तो ताजा खबर यह है कि जी-टीवी में कई बरसों में काबिज वासिन्‍द्र मिश्र का साम्राज्‍य अब बाकायद ढहाया जा चुका है। यूपी जी-संगम के सम्‍पादक के तौर पर किसी भारत-रत्‍न के तौर पर कभी विभूषित किया जा चुके वासिन्‍द्र मिश्र को अब इस समूह प्रबंधन ने अपने साम्राज्‍य से बेदखल करने का तानाबाना बुनना शुरू कर दिया है।

इसके पहले पायदान के तहत सबसे पहले तो वासिन्‍द्र मिश्र को सम्‍पादक के पद से ढक्‍कन करके, उन्‍हें पॉलिटिकल एडीटर जैसा एक महानतम पद थमा दिया गया है। लेकिन शर्त यह लगा दी गयी है कि वासिन्‍द्र अब न तो किसी रिपोर्टर से आधिकारिक बातचीत करेंगे और न ही कोई रिपोर्टर या कोई सम्‍पादकीय सहयोगी उन्‍हें रिपोर्टर करेगा।

पत्रकारिता में यह हालत राजनीतिक शब्‍दावली में किसी सरकार में ढक्‍कन किये जा चुके किसी राजनीतिक को मिनिस्‍टर विदाउट पोर्टफोलियो के तौर पर ही पहचाना जाता है।

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