अपनी ही सरकार के खिलाफ विधायक पहुंचे हाईकोर्ट

बिटिया खबर

: सड़क निर्माण के लिए इ-टेंडर को लेकर खफा है बीजेपी के विधायक संजय प्रताप जायसवाल : अपनी ही पार्टी के खिलाफ खोला मोर्चा पहुंचे, गुहार हाईकोर्ट पर :
बीएन मिश्र
बस्‍ती : यहां के रुधौली विधानसभा विधायक संजय प्रताप जायसवाल ने अपने ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। हम आपको बता दें कि बीजेपी विधायक संजय प्रताप जायसवाल ने मुख्यमंत्री प्रमुख सचिव को भी लिखा था पत्र लोक निर्माण विभाग में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ। लेकिन नहीं हुई कोई सुनवाई। अपनी ही सरकार में विधायक को जाना पड़ा हाईकोर्ट। राजधानी लखनऊ के बेंच में दायर की जनहित याचिका के मामले पर आज होगी सुनवाई। रुधौली से भानपुर मार्ग का ई टेंडरिंग के माध्यम से टेंडर हुआ जिसमें कुल 9 ठेकेदारों ने भाग लिया था जिसमें मैसर्स जितेंद्र सिंह को पात्र बनाया गया।
जिसमें विधायक संजय प्रताप जायसवाल ने चिट्ठी के माध्यम से अवगत कराया है कि शासन द्वारा निम्न तथ्यों को छुपाकर जितेंद्र सिंह को विभाग द्वारा पात्र घोषित कर दिया गया। जिसमें काफी कमियां नजर आए जैसे ठेकेदार के द्वारा मशीनरी के शपथ पत्र कॉलमो मे इनके द्वारा टीपर डंपर को स्वामित्व दिखाया गया है जबकि इनके द्वारा अपलोड किए गए मशीनरी पेपरों में डंपर के किरायानामा का पेपर लगाया गया है जबकि एमबीडी में किरायानामा मान्य नहीं है मशीनों के स्वामित्व के पेपर होने चाहिए।

ठेकेदार द्वारा मशीनरी के नोटरी शपथ पत्र में टंडेम रोलर मेंस्वामी तो दिखाया गया है जबकि इनके द्वारा कोई भी टंडेम रोलर मैं सेलइनवॉइस का पेपर नहीं लगा हुआ है जिससे यह प्रतीत होता है कि इनके पास टेंडम रोलर नहीं है। ठेकेदार द्वारा अनुभव प्रमाण पत्र में जो वर्क दिखाया गया है वह सेम नेचर वर्क का नहीं लगा है जबकि कार्य का सेम नेचर वर्ग का अनुभव टेंडर कार्य के 40 फीसदी होना चाहिए
आईटीवी के क्लास के अनुसार अंडरटेकिंग एवं निविदा की वैधता 120 दिन होनी चाहिए लेकिन रसीदी टिकट नहीं लगाया गया है जो एक प्रकार से राजस्व की क्षति है जबकि ऐसा लोक निर्माण विभाग के सबसे कम मूल के टेंडर भी स्वहस्ताक्षरित रसीद टिकट लगाना अनिवार्य होता है। ठेकेदार द्वारा फॉर्म ऑफ बीड जो भरा गया है उसमें पूर्ण रूप से भरा नहीं गया है अर्थात सेक्शन 6 फॉर्म ऑफ विद यस बी डी के अनुसार पूर्व प्रोफार्मा में नहीं दर्शित किया गया है
निविदा डाटा के तरफ से टेक्निकल स्टाफ का विवरण नोटरी शपथ पत्र पर नहीं दिया गया है जोकि निविदादाता द्वारा भी दिया जाना आवश्यक है।

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