योगी जी ! कप्‍तान ही नहीं, दारोगिन ने भी उगाहा 30 हजार

दोलत्ती

: फर्जी मामले में भी फाइनल रिपोर्ट के लिए कारोबारी से झटकी थी रकम, सस्‍पेंड : लुटेरों जैसी मर्दानगी हरकतों को अब महिलाओं ने भी आत्‍मसात कर लिया है : अभियुक्‍त को जेल भेजने की धमकी दी :
दोलत्‍ती संवाददाता
बरेली : यूपी के पुलिस अधीक्षक के पाटीदार ही नहीं, यूपी के हर पुलिसवालों के चेहरे पर अब लुटेरों का अक्‍स छपने लगा है। हैरत की बात तो यह है कि इस तरह की मर्दानगी हरकतों को महिलाओं ने भी अपना लिया है। आज आईटी एक्ट के मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगाने के बदले 30 हजार रिश्वत मांगने के आरोप में एक चौकी इंचार्ज ने एक कारोबारी से तीस हजार रुपया उगाह लिया। सरिता चौधरी नाम की इस महिला दरोगा को फिलहाल तो सस्पेंड कर दिया है। चौकी इंचार्ज बैरियर वन को लाइन हाजिर कर दिया।
भोजीपुरा के रहने वाले मोबाइल कारोबारी नरेंद्र सिंह राणा के फेसबुक अकाउंट से अप्रैल में लॉकडाउन के दौरान कोरोना और योगी सरकार को लेकर कुछ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उनकी मोबाइल की दुकान इज्जतनगर थाना क्षेत्र के बैरियर वन चौकी क्षेत्र में पड़ती है। एसएसपी के आदेश पर उनके खिलाफ थाना इज्जतनगर में आईटी एक्ट का मुकदमा दर्ज किया गया था। मुकदमे की विवेचना थाने की महिला दरोगा सरिता चौधरी कर रही थी। आरोप है कि महिला दरोगा सरिता चौधरी और चौकी इंचार्ज बैरियर वन दिनेश कुमार ने नरेंद्र सिंह राणा को बुलाया। महिला दरोगा ने 30 हजार रिश्वत देने की डिमांड की। दरोगा ने कहा कि उन्होंने साइबर सेल के जरिए पूरे मामले की रिपोर्ट निकलवा ली है। रुपए नहीं देंगे तो महिला दरोगा ने नरेंद्र सिंह राणा को जेल भेजने की धमकी दी।
चौकी पर बुलाए जाने के दौरान नरेंद्र सिंह राणा ने महिला दरोगा के रिश्वत मांगे जाने की बात मोबाइल में रिकॉर्ड कर ली। दरोगा ने फोन पर भी कई बार मोबाइल कारोबारी नरेंद्र सिंह राणा से बातचीत की। उसकी भी रिकॉर्डिंग कारोबारी के पास मौजूद है। रिकॉर्डिंग और मोबाइल पर हुई बातचीत के साक्ष्य को लेकर नरेंद्र सिंह राणा सोमवार को एसएसपी रोहित सिंह से मिले। एसएसपी ने पूरे मामले की जांच सीओ तृतीय श्वेता कुमारी यादव को सौंपी। सीओ ने जांच रिपोर्ट में दरोगा सरिता चौधरी और चौकी इंचार्ज बैरियर वन दिनेश कुमार को रिश्वत मांगने के आरोप में संलिप्त पाया। सरिता चौधरी ने दरोगा दिनेश कुमार के नाम पर भी रिश्वत मांगी। इसमें दोनों की मिलीभगत साबित होने पर दरोगा सरिता चौधरी को सस्पेंड और चौकी इंचार्ज दिनेश कुमार को लाइन हाजिर कर दिया गया है।
महिला दरोगा ने रिश्वत लेने की पूरी भूमिका तैयार कर ली। सरिता चौधरी ने साइबर सेल से फेसबुक से संबंधित रिपोर्ट मांगी। जिस पर साइबर सेल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि फेसबुक अकाउंट बंद हो चुका है। उसमें कोई मोबाइल नंबर नहीं है। इस वजह से नाम पता का सत्यापन करना संभव नहीं है। उसी रिपोर्ट के आधार पर महिला दरोगा रिश्वत मांग कर मुकदमे को खत्म करने का झांसा दे रही थी।
मोबाइल कारोबारी नरेंद्र सिंह राणा का कहना है कि वह उनका फेसबुक अकाउंट नहीं था। किसी ने उनके डुप्लीकेट अकाउंट से अभद्र टिप्पणी की थी। वह इस बारे में कई बार महिला दरोगा और चौकी इंचार्ज को बता चुके थे। इसके बावजूद उन्हें रुपयों के लिए परेशान किया जा रहा था।
इस मामले में एसएसपी रोहित सिंह सजवान ने सभी थानेदार चौकी इंचार्ज को निर्देश दिए थे। भ्रष्टाचार और पब्लिक से अभद्र व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसा करने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। भ्रष्टाचार की कड़ी में ही चौकी इंचार्ज बैरियर वन को लाइन हाजिर किया है। महिला दरोगा को सस्पेंड किया है। दोनों के खिलाफ विभागीय जांच के भी आदेश दिए हैं।

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