योगी अंकल ! दारू का ठेका हमारे स्‍कूल में भी खुलवा दो प्‍लीज

बिटिया खबर
: केंद्रीय विद्यालय के सामने पर ही खोल दिया गया शराब का झक्‍कास शोरूम : गोमती नगर में पसरा है शराबखोरी का आलम, हर आधे फर्लांग में खुल गयी हैं देसी-अंग्रेजी की दूकानें : लोगों ने स्‍कूल के सामने मॉडल शॉप का विरोध किया, लेकिन नतीजा सिफर :

दोलत्‍ती संवाददाता
लखनऊ : गोमतीनगर में थाने के ठीक सामने एक केंद्रीय विद्यालय है। इसका स्‍तर केवीए संगठन में श्रेष्‍ठतम पायदान पर माना जाता है। लेकिन आजकल यह विद्यालय के छात्र-छात्राएं और वहां के शिक्षक-कर्मचारीगण बेहाल है। वजह है इस स्‍कूल के ठीक सामने खुला अंग्रेजी शराब का एक बड़ा शोरूम। रोज-ब-रोज यहां शराबियों का झुंड आपस में गाली-गलौज और मारपीट पर आमादा रहता है। यह हालत तब है जब सरकारी आदेशों के तहत किसी भी स्‍कूल परिसर से किसी भी शराब, बियर, सिगरेट, पान-बीड़ी आदि की दूकान कम से कम सौ मीटर दूर ही होनी चाहिए। लेकिन यहां स्‍कूल के मुख्‍य गेट के ठीक सामने ही खुलेआम बेचा जा रहा है शराब और बियर। इतना ही नहीं, यहां से बमुश्किलन पचास मीटर दूर ही पुलिस थाना है।
आपको बता दें कि काला धन की राजधानी बन चुका है लखनऊ का गोमतीनगर। क्‍या अफसर, क्‍या नेता, और क्‍या नवधनाढ्य कारोबारी। और यह लोग केवल लखनऊ या यूपी के ही लोग नहीं हैं, बल्कि पड़ोसी उत्‍तराखंड, बिहार, झारखंड और छत्‍तीसगढ़ तक के बेईमान कारोबारियों, नेताओं और अफसरों ने अपनी काली कमाई लखनऊ में सुरक्षित झोंक रखी है। यह लोग अपनी काली कमाई खास कर गोमतीनगर में ही इनवेस्‍ट कर चुके हैं और यह स्‍पीड़ अभी भी लगातार तेज ही होती जा रही है। आलीशान बंगले और बड़े-बड़े शोरूम इन की अकूत ब्‍लैक मनी का प्रमाण है।
यहां लखनऊ और खासतौर पर गोमतीनगर में तैनात रह चुके कई पुलिस अफसरों का साफ मानना है कि गोमतीनगर के कई बड़े हिस्‍से में अनैतिक देह-व्‍यापार भी खूब फल-फूल रहा है। तो जाहिर है कि इस अनैतिक धंधे में बड़े होटल और शराब भी शामिल है। शायद यही कारण है, जिसके चलत गोमती नगर के हर आधा किलोमीटर में अंग्रेजी शराब, बियर अथवा देसी शराब की दूकानें हैं।
लेकिन हैरत की बात है कि पुलिस और शराब कारोबारियों ने सारे नैतिक मूल्‍यों को अपने जूतों से रौंद डाला। हालत यह है कि यहां के केंद्रीय विद्यालय के ठीक सामने ही अंग्रेजी का एक बड़ा शोरूम खुल गया है। और केवल केंद्रीय विद्यालय ही नहीं, बल्कि हुसडि़या चौराहे के आसपास भी कई कई दूकानें खुल गयी हैं, जहां शराब बेची जाती है। पास ही स्‍कूलों की भरमार है।
हमारे एक सतर्क पाठक व्‍योमकेश मिश्र ने दोलत्‍ती को एक सूचना भेजी है। मिश्रा लिखते हैं कि गोमतीनगर (लखनऊ) के हर २-३ किमी क्षेत्र में ४-५ शराब की दुकानें खुल गई हैं । यह सभी रिहायशी इलाक़ों में हैं । कुछ दिन पहले यहाँ (पत्रकारपुरम) स्थित एक स्कूल (केवी) के गेट के सामने खुली शराब की दुकान के कारण जनविरोध भी हुआ था । किन्तु अब भी वह दुकान धड़ल्ले से चल रही है । शहर के और क्षेत्रों का भी कमोवेश यही हाल होगा । यह सब तब, जब प्रदेश में एक योगी (महंत जी) की सरकार है । क्षेत्रीय मीडिया व पत्रकार बंधुओं से अपील है कि आम लोगों के इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाएँ । भाजपा पार्टी से संबद्ध मित्रों से अनुरोध है कि महाराज जी तक बात पहुँचाने का कष्ट करें । सच तो यह है कि उप्र जैसे राज्यों में जहाँ उद्योग-धंधे नहीं के बराबर हैं, सरकारी कमाई का यह प्रमुख स्रोत है । किन्तु जैसे बिहार में नीतिश जी की सरकार ने शराबबंदी कराई, यदि उप्र में यह हो सकता है तो इसी सरकार में हो सकता है । महंत जी से एक आम शहरी की अपील ।

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