यह वकालत के नाम पर कलंक है, मैं ऐसे वकीलों की निन्‍दा करता हूं

सैड सांग

: गुड़गांव स्‍कूल में बच्‍चे का कातिल एक वकील का बेटा निकला, तो उसे बचाने को सारे वकील एकजुट : नौतिकता के नाम पर कलंक कहे जाने चाहिए : हत्‍या के अभियुक्‍त के समर्थन में वकीलों ने किया प्रदर्शन :

मेरीबिटिया संवाददाता

गुड़गांव : 8 सितंबर को गुड़गांव के रेयॉन इंटरनेशनल स्कूल में दूसरी क्लास के स्टूडेंट प्रद्युम्न ठाकुर का मर्डर होता है। देशव्यापी शोर के बीच गुड़गाव जिले के सोहना बार एसोसिएशन ने बैठक करके फैसला किया कि “प्रद्युम्न मर्डर केस में अभियुक्त का केस सोहना का कोई वकील नहीं लड़ेगा.” फैसले पर अमल होता है। शुरुआती जांच के आधार पर गिरफ्तार बस कंडक्टर को सोहना का कोई वकील नहीं मिलता।

समय का पहिया घूमता है। 9 नवंबर को सीबीआई इस केस में 11वीं के एक छात्र को सीसीटीवी फुटेज और दोस्तों के बयान के आधार पर गिरफ्तार करती है। पता चलता है कि वह छात्र सोहना के एक वकील का बेटा है, तो हंगामा खड़ा हो जाता है। अब यहां के वकीलों का पूरा झुण्‍ड हत्‍या के अभियुक्‍त के पक्ष में लामबंद हो जाती है। खबर है कि सोहना बार एसोसिएशन यानी वकीलों की संस्था उस हत्‍याभियुक्‍त के पक्ष में चादर बुनने जा रही है।

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लर्नेड वकील साहब

पत्रकार दिलीप मंडल पूछते हैं कि ऐसी हालत में वकील और उसकी एसोसियेशन आखिर क्या करती?  कुछ नहीं. वकील के अभियुक्त बेटे के लिए सोहना के वकील पेश हो गए. सोहना के वकीलों ने मर्डर के अभियुक्त के समर्थन में प्रदर्शन किया.

हैरत की बात है कि गुड़गांव के रेयान स्कूल में हुए प्रद्युमन मर्डर के केस में जब एक बस कंडक्टर फंसता है या फंसाया जाता है तो गुडगाँव कोर्ट के सारे वकील मिलकर उसका बॉयकॉट करते है और उसका केस लेने से मना कर देते है. अशोक का केस लड़ने के लिए एक भी वकील खड़ा नहीं होता.

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जस्टिस और न्‍यायपालिका

इसी केस में, सीबीआई जब एक वकील के लड़के को इस केस में अरेस्ट करती है तो गुडगाँव कोर्ट के वही वकील उस लड़के के फेवर में खड़े हो जाते है, पक्ष में प्रदर्शन करते हैं क्योकि गिरफ्तार हुआ लड़का उनके साथी वकील का बेटा है. इन वकीलों के पास ही तो हम न्याय के लिए जाते है.

कैसा गन्दा समाज बना रहे हैं हम, गरीब फंसता है तो सब ठीक, अमीर फंसता है तो इक्कठे होकर विरोध करते है.

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