सेंटरों से निकलते कड़कते लिफाफों से खामोश पीएनपीएनडीटी की कमेटी
: आखिर क्यों नहीं हुई हर्षा सेंटर से निकली मादा-भ्रूण वाली कार्रवाई : रिपोर्ट न भेजने वाले सेंटरों की मान्यता खारिज करेंगे डीएम : जब कार्रवाई ही नहीं, तो किस बात की कमेटी :
लखनऊ : लखनऊ में गर्भ और प्रसव-पूर्व निदान के लिए रजिस्टर्ड 430 सेंटरों में से 130 सेंटरों ने सरकार को अपने कामकाज की नियमित भेजने की अनिवार्यता को ठेंगे पर रख दिया है। हाल ही अलीगंज के हर्षा नर्सिंग होम के लिफाफे में बंद और सड़क के किनारे कचरेघर में पड़े मादा भ्रूण की बरामदगी इस सचाई को आइना दिखाता है। शर्मनाक बात तो यह है कि ऐसे सेंटरों पर अंकुश रखने वाले स्वैघच्छिक संगठन और सरकारी एजेंसियां कानों में तेल डाले बैठी है। चर्चाओं के मुताबिक इन सबके मुंह ऐसे सेंटरों से नियमित निकलने वाली नकदी के लिफाफों के चलते बंद हैं। बहरहाल, जिलाधिकारी अनुराग यादव ने फैसला किया है कि निर्धारित तारीख पर रिपोर्ट नहीं भेजने वाले सेंटरों की मान्यता रद कर दी जाएगी।
को अनुमति दी है, जिलाधिकारी एवं समुचित प्राधिकारी की बैठक में 06 अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों के पंजीकरण करने व सात केन्द्रों के नये पंजीकरण की संस्तुति प्रदान की है। उन्होंने बैठक में कहा कि निर्धरित अवधि में रिर्पोट ना भेजने वाले अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों के विरूद्व कार्यवाही की जायेगी।
मंगलवार की शाम जिलाधिकारी अनुराग यादव ने अपने कार्यालय कक्ष में पीसीपीएनडीटी सेल में प्रसव पूर्व निदान तकनीक(विनियमन एवं दुरूपयोग निवारण अधिनियम 1994) के अन्तर्गत गठित जिला सलाहकार समिति (पीसीपीएनडीटी) की बैठक ली। उन्होंने दुख व्यक्त किया कि जनपद में 430 अल्ट्रासाउण्ड केन्द्र पंजीकृत है इनमें से 300 नियमित रिपोर्ट भेज रहे है जबकि 130 नियमित रिपोर्ट नहीं भेज रहे हैं। उन्होंदने कहा कि अब इनकी जांच करायी जायेगी तथा निरीक्षण कराया जायेगा।
बैठक में मुख्य चिकित्साधिकारी डा एसएनएस यादव नोडल अधिकारी पीसीपीएनडीटी डाआरबीसिंह, मुख्य कार्यकारी वात्सल्य डानीलम सिंह, अध्यक्ष पथ डामंजू अग्रवाल, सहायक निदेशक सूचना जेएसलमानी, अवंतीबाई महिला चिकित्सालय की सीनीयर कंसलटेन्ट डाएसरिजवी, डिप्टी सीएमओडाकमलेश यादव, बलरामपुर चिकित्सालय के बाल रोग विशेषज्ञ डाजीकेसिंह, केजीएमयू के रेडियोलोजिस्ट डापीकेश्रीवास्ताव उपस्थित थे।