: राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष हैं सैयद गैरूल हसन रिजवी, आज राममंदिर की वकालत में जुटे : सलाह दी कि बहुसंख्यकों की भावनाओं को समझो, जमीन हिन्दुओं को थमा दो : इसके बाद सलाह भी फेंकी कि दोनों समुदाय आपसी सहमति पर हल निकालें :
प्रवीण उपाध्याय
अम्बेदकर नगर : राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग का गठन इसलिए किया गया है कि वह देश के मुसलमानों की दिक्कतों को समझें और उनका समाधान खोजने की कोशिश करें। लेकिन अब यही राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अपना कामधाम छोड़ कर केवल राममंदिर के पक्ष में बयानबाजी में जुटा घूम रहा है। अब तक इस आयोग की किसी भी बड़े मसले पर कोई टिप्पणी भले न आयी हो, लेकिन आज वह राममंदिर बनाने के लिए लंगोट कसे दिख रहा है।
आज यहां एक प्रेस-कांफ्रेंस में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन सैयद गैरुल हसन रिज़वी ने खुलकर राममंदिर की वकालत की। जिले में आयोजित एक प्रेसवार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि मौजूदा समय रामजन्म भूमि पर पूजा होती है इसलिए वहां नमाज़ नहीं पढ़ा जा सकता। रिजवी ने अल्पसंख्यको को यह भी सन्देश दिया कि बहुसंख्यको की भावनाओ का कद्र करते हुए अल्पसंख्यको को उसे छोड़ देना चाहिए।
अम्बेदकर नगर से जुड़ी खबरों को पढ़ने के लिए कृपया निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए:-
जिले में आयोजित एक निजी कार्यक्रम में शिरकत करने पहुँचे राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन ने कहा कि दोनों समुदाय के लोगो को आपसी सहमति से राम जन्म भूमि का हल निकाल लेना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने अपलसंख्यक समुदाय को यह भी नसीहत दी । कि वर्तमान समय में जहाँ पूजा हो रही है वहां पर नमाज़ नहीं अदा की जा सकती। इतना ही नहीं आयोग के चेयरमैन ने यह भी कहने से कोई गुरेज नहीं किया कि वहां ( आयोध्या ) पर बहुसंख्यक समाज की भावनाये जुडी है इसलिए अल्पसंख्यक समाज को उनकी भावनाओ का कद्र करना चाहिए और बहुसंख्यक समाज को दे देना चाहिए।