देखो-देखो। बात-बात पे आंसू टपकाने वाला डीएम, और दांत चियारने वाला पत्रकार

सैड सांग

: शाहजहांपुर के जांबाज जागेंद्र सिंह की हत्‍या तक पर अपने होंठ सिले रहे जौनपुर के पत्रकार आज चहक पड़े : गौरी की हत्या की निंदा पर डीएम के पास उचक के पहुंचे जौनपुर के पत्रकार : डीएम को ज्ञापन सौंपा, बकलोली भी की :

कुमार सौवीर

जौनपुर : यह तीन साल पहले की बात है। केवल शाहजहांपुर तक सीमित रह कर पत्रकारिता करने वाले एक जांबाज पत्रकार को वहां के मंत्री के इशारे पर वहां के कोतवाल ने अपनी पुलिस टीम के साथ घेर कर उसे जिन्‍दा फूंक दिया था। उस मामले में मैं तत्‍काल शाहजहांपुर गया और वहां की रिपोर्टिंग लगातार करता रहा। लखनऊ समेत प्रदेश के पत्रकार तो जागेंद्र को पत्रकार मानने को तैयार ही नहीं थे। वजह थी तब की सरकार अखिलेश यादव द्वारा पत्रकारों को दिया जाने वाला उपहार, और उनके खिलाफ बोलने वालों पर आतंक की बारिश।

लेकिन मैं जमा रहा, जुटा रहा, जब तक कि यह साबित नहीं गया कि जागेंद्र वाकई एक बहादुर और ईमानदार पत्रकार था। यह भी कि जागेंद्र सिंह की हत्‍या वहां के मंत्री राममूर्ति वर्मा के इशारे पर उसके कोतवाल साथी श्रीप्रकाश राय की पूरी टोली ने उसे जिन्‍दा फूंक डाला था। इस पूरे अभियान में मुझे करीब दो महीने तक बेहिसाब मशक्‍कत करनी पड़ी, लेकिन मैंने हार नहीं मानी। और आखिरकार साबित कर ही दिया कि जागेंद्र दलाल नहीं, बल्कि एक जीदार शख्‍स और पत्रकार था।

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जुल्‍फी प्रशासन

उसके बाद कुछ दिन बाद जौनपुर से कुछ पत्रकारों ने मुझे जौनपुर आमंत्रित करते हुए कहा कि वे मुझे पत्रकार संघ भवन में मुझे बुला कर सम्‍मानित करना चाहते हैं कि जागेंद्र के मामले में आपने क्‍या-क्‍या और किन-किन हालातों से पार पाया। मैंने उन पत्रकारों का आग्रह स्‍वीकार करते हुए कहा कि वे अगले 23 सितम्‍बर को जौनपुर पहुंचेंगे। लेकिन हैरत की बात है कि 21 सितम्‍बर को मुझे बताया कि जौनपुर के कई वरिष्‍ठ पत्रकारों की निगाह में चूंकि कुमार सौवीर मूलत: अराजक और खखेड़ी पत्रकार हैं, इसलिए उन्‍हें जौनपुर पत्रकार संघ भवन में बुलाने से जौनपुर की सद्भावना पर खतरा हो सकता है। इसलिए उस दिन भवन में ताला ही लगाये रखा जाए, ताकि न बांस रहे और न ही बांसुरी बजने की नौबत ही आ पाये।

बहरहाल, आज देखा कि जौनपुर के यही वह मूर्धन्य पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या लोकतंत्र पर अपराधियो का प्रभाव हावी होने का ढम्‍मर-ढम्‍मर ढोल बजाने में जुटे हैं। जौनपुर पत्रकार संघ की बैठक पत्रकारों आज कलेक्ट्रेट में बैठक किया। बैठक की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश सिंह ने किया। बैठक के मौजूद सदस्यों ने उक्त हत्या की घोर निंदा करते हुए कहा कि अब संमाज की सच्चाई कलम से लिखने पर अपराधियों के निशाने पर पत्रकार लिए जा रहे हैं। जो घोर निंदनीय है। पत्रकारों की सुरक्षा के लिए सरकार भी उदासीन है। बैठक का संचालन महामंत्री डॉ मधुकर तिवारी ने किया।

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हर सू जौनपुर

बैठक के बाद पत्रकारों ने चार सूत्रीय एक ज्ञापन भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को जिलाधिकारी के माध्यम से भेजा। पत्रकारों ने इस ज्ञापन में गौरी लंकेश के हत्यारों को शीघ्र गिरफ्तार करने, उनके परिजनों को आर्थिक सहायता देने, देश के पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कानून बनाने की मांग प्रमुख थी। यह ज्ञापन पत्रकारों ने ओमप्रकाश सिंह के नेतृत्व में जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्र को सौंपा।

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पत्रकार पत्रकारिता

इस अवसर पर राजेन्द्र सिंह, कपिलदेव मौर्य, लोलारक दुबे, शशिमोहन सिंह छेम, शशिराज सिन्हा, शम्भू सिंह राकेश कांत पांडेय , राजेश उपाध्याय, मनोज उपाध्याय,रामदयाल द्विवेदी, वीरेंद्र पांडेय, अंशुमान सिंह ऋषी प्रकाश सिंह संजय सिंह सौरभ सिंह आदि लोग थे।

अरररररररररररररर्रे रूको, रूको। एक बात बताना तो भूल ही गया मैं। वह यह कि यह फोटो बहुत मस्‍त है यार। इसमें वह डीएम सर्वज्ञराम मिश्र हैं, जो बात-बात पर अपने आंसू-टेसेुआ बहाने के लिए मशहूर हैं। और दूसरी ओर वह लोग हैं जो बात-बात पर अपना दांत चियार-चियार कर मुस्‍की मारा करते हैं। देखो-देखो जरा, मजा आया कि नहीं ?

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