डेरा सच्चा सौदा के रामरहीम पर भड़के संत
नई दिल्ली : पहाड़ पर बादल फटने के शिकार लोगों की मदद के नाम पर डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह ने राहत सामग्री तो खूब बांटी, लेकिन साथ ही अपने बयानों से आग भी भड़का गये है। राम रहीम ने यहां की आपदा के चलते विधवा हुईं महिलाओं को दोबारा विवाह कराने का प्रस्तानव क्याी रख दिया, पहाड़ में मानो आग ही लग गयी। हिन्दूी संतों ने इसे राम रहीम की शरारत और साजिश बताया है और कहा है कि डेरा सच्चान सौदा के प्रमुख का यह बयान पहाड़ के जख्मों पर नमक छिड़क गया है। संतों का कहना है कि आपदा की इस घड़ी में विवाह जैसे कर्मकांडों की बात करना असंवेदनशीलता तो है ही, साथ ही पाप की भी श्रेणी में आता है।
गुरमीत राम रहीम ने पिछले दिनों कहा था कि उनके पंथ के 1500 अनुयायी उत्तराखंड त्रासदी में विधवा हो चुकीं महिलाओं से विवाह करने के लिए तैयार हैं। डेरा प्रमुख ने यह बात उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग जिले के देवली-ब्रह्मग्राम के सिलसिले में कही थी जिसे ‘विधवाओं का गांव’ कहा जा रहा है। तबाही के बाद से यहां के कई पुरुष घर नहीं लौटे हैं।
उत्तराखंड के लोग और संत समाज ने गुरमीत राम रहीम के बयान को उत्तराखंड की महिलाओं और लड़कियों का अपमान बताया है। लखनऊ में एक प्रसिद्ध पीठ की प्रमुख महंत गिरि ने कहा, ‘गुरमीत राम रहीम ने महिलाओं का अपमान किया है। उन्हें मदद करनी हो तो संसाधनों से मदद करें। आपदा की ऐसी घड़ी में शादी-ब्याह की बात करना ही घोर असंवेदनशीलता और पाप जैसा है। पहाड़ की महिलाओं में संघर्ष करने की अद्भुत क्षमता है। वे किसी भी परिस्थिति में घबराती नहीं हैं। ऐसे में उन्हें गुरमीत राम रहीम की मदद की जरूरत नहीं जो उनके मान-सम्मान को ठेस लगाएगा।’
वहीं, महंत नारायण गिरि ने गुरमीत राम रहीम के बयान की आलोचना की है। संत समाज का कहना है कि विपत्ति की घड़ी में सज्जन भाई या पिता की तरह बनकर मदद करते हैं, पति बनने की तमन्ना नहीं रखते हैं।
डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम के बयान से भड़के विवाद वाले पूरे प्रकरण को पढ़ने के लिए कृपया क्लिक करें:- हरियाणा के कुंवारों की पहाड़ी बेटियों पर नजर?